Wrong Number - 2 Madhu द्वारा प्रेम कथाएँ में हिंदी पीडीएफ

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Wrong Number - 2

वही याचना कि मम्मी याचना के पापा से आप क्यों नहीं कहते हैं कि याचना नौकरी छोडकर यहा आ जाय l हमारी पसंद के लडके से शादी कर ले उसे तो वैसे भी कोई पसंद नहीं करेगा एक तो उसकी बेबाक अन्दाज ऊपर दिखने में खूबसूरती का ख भी नहीं लगती है l वहा जाकर अकेली रहती है कही किसी को पसंद वसन्द कर लिया या कोई उँचाई नीच हो गई तो क्या रह जायेगी हमारी इज्जत l याचना के पापा हा तुम सही कह रही हो मै आज हि बात करता हूँ मानने से मानी तो ठीक नहीं तो हम घसीट कर ले आयेगे बहुत कर लि अपनी मनमानी गुस्सा करते हुये कहते उसके पापा l मै तो सिर्फ़ अयाची कि वजह से चुप हूँ उसकी हि मनमानी के वजह से याचना के पर निकल आय है l याचना कि मम्मी आप उसकी फ़िक्र ना करो मै उसे समझाती हूँ l याचना के पापा तुम्हे क्या लगता वो तुम्हारे समझाने से समझ जायगा l याचना कि मम्मी नहीं समझा तो हम अपना वही पुराना ट्रिक अपनावेगे कहकर वो धीमी से मुस्कुराने लगती है उनके साथ उनके पति भी l कमरे के बाहर खडा अयाची अफ़सोस से अपना सिर हिला देता है और कहता अपने आप से काश हम इनके बच्चे....... पूरी बात ना कह कर चला जाता है l और मन में....
 
 
जरुरी तो नहीं ना हर बार बच्चे हि गलत हो...
कभी कभी माँ बाप भी गलत हो सकते हैं....!!
 
 
वो तुरंत अपने कमरे मे जाकर याचना को काल करता है पर इस वक़्त याचना फोन नहीं लगता कई बार मिलाने पर भी नहीं मिला थक कर बेड पर बैठ गया l फिर अपने दोस्त को काल करता है उधर से फोन उठता अयाची ....सुन मै तुझे एक बात बता रहा हूँ कुछ दिनों में याचु के पास जा रहा हूँ तू यहा का काम देख लेना ठीक है ना उधर से हूँ कहकर फोन कट गया l अयाची अपने फोन को देखता है अब इसे क्या हुआ अयाची अपना माथा पकड़ कर बैठा बैठा हि साला ज़िन्दगी झन्ड हो गई एक तो माँ बाप ऊपर से इसे पता नहीं क्या हुआ अब शाम मे घर जाकर बात करुगा l
 
उधर याचना अपने office में परेशान सी बैठी थी माथे पर पसीने कि बूँदे चुहचुहा रही ,उसका मन काफ़ी बैचैन था समझ नहीं आ रहा था क्या करे l आज हि उसे पता चला उसका इस ब्रान्च का नया बास आज से खुद हि इस office के सारे काम देखेगा l याचना अपना काम काम कर रही थी उसका बार बार गलत हुआ जा रहा था उसे समझ नहीं आ रहा था इतनी घबराहट क्यों हो रही है उसे l
दुसरी देस्क पर बैठी लडकी उसे काफ़ी देर से नोटिस कर रही थी जब उसे सब्र ना हुआ तो वो उठकर याचु तुझे क्या हुआ है क्यों इतनी परेशान लग रही है l मै कबसे तुझे देख रही हूँ, याचना नहीं चन्द्रा बस पता नहीं आज कुछ ज्यादा घबराहट महसूस हो रही है बस और कुछ नहीं l चन्द्रा ले पानी पि तू आराम मिलेगा l याचना गट गट कर पूरी पानी कि बोतल खाली कर दि l चन्द्रा मै समझ रही हूँ तू क्यों इतना परेशान हो रही हो वो हमारे नये बास आ रहे हैं ना इस वहज से ना l याचना हा यही समझ ले बस ,चन्द्रा तू कबसे इतना घबराने लगी वो बास है सिर्फ़ कोई शेर नहीं जो तुझे खा जायगा l अब रिलैक्स होकर अपने काम पर फ़ोकस कर समझी l याचना हूँ कहकर अपना काम करने लगती है चन्द्रा भी l
 
 
 
जारी है....!!
स्वस्थ रहिये खुश रहिये 🙏