याचना अपना फोन स्विच ऑफ़ था उसे ओन करती है तो देखती उसके दादा कि काल थी वो अपने भाई को दादा बोलती थी बाद में घर जाकर बात करुगी सुकून से ऐसा सोचकर फिर अपना काम करने लगी याचना अपना काम कर रही थी कि फोन वाइब्रेट हुआ देखा किसी wrong number का call था l वो ये ध्यान नहीं दि ये number उस दिन हि वाला था l याचना call उठाती हेल्लो कौन...... उधर से किसी लड़के कि आवाज आई आप कहा से बोल रही हो नाम क्या है आपका..... याचना..... गुस्सा तो बहुत आ रहा था खैर ओफ़िस में थी यही सोचकर बड़े प्यार से जहनुम से .....
लडका.... आज बड़े प्यार से बोल रही हो क्या बात है मिस वैसे आप जहा को कह रही हो वहा मै भी रहता हूँ miss wrong number वैसे हम साथ रहे हैं जहनुम फिर भी मिले क्यों नहीं कुछ समझ नहीं आई ये बात l
याचना..... भाग वाग पिये विये हो का काहे दिमाग का दही कर रहे हो धरो फोन चुपचाप नहीं तो एक लगायेगे कान के नीचे सारी फ़्लर्टगिरी निकल जायेगी का समझॆ l
कहकर फोन कट कर दि बडबडाते हुये अपना काम वापस से करने लगी l
वो लडका (सामर्थ्य) तो ये जनाब सामर्थ्य थे जो अपनी फ़्लर्त गिरी से बाज नहीं आ रहे है l
अपने सीने पर हाथ धरते हुये हाय क्या लडकी है मिस राँग नम्बर धीमी से कहकर वो मुस्कुराया.....!!
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आज सामर्थ्य अपने नये ओफ़िस जाता है क्योंकि ये वाला ओफ़िस का काम शिखर सम्भाल रहा था l आज दोनों हि इस ओफ़िस आय थे l सामर्थ्य का भव्य स्वागत होता है उसके ओफ़िस में सबको मुस्कुराहट के साथ हेलो बोलकर चला जाता है l वही याचना सबके साथ पीछे कि तरफ़ खडी थी जो सिर्फ़ दिखावे के लिये नये बास का स्वागत था इस आवाज को पहचाने कि कोशिश कर रही थी अपने मे मग्न थी और वो सामर्थ्य को देख नही पाती है जब तक नजरे ऊपर के देखती तब तक सामर्थ्य शिखर के साथ अपने केबिन में चला जाता है याचना अपने मन में कही तो ये आवाज सुनी है पर कहा वो सोचने लगती है l पास खडी चन्द्रा बहन तू फिर कुछ सोचने लगी तू पागल वागल तो नहीं है ना यहा नये बास आय हुये है तू पता नहीं कौन से विचरण मे ध्यान लगाय हुई है l अब चल भी चले गये sir बाद में विचरण ध्यान मे जाना समझी l दोनों हि फिर से अपना अपना काम सम्भालने लगती है l
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सामर्थ्य अपने केबिन में सारी जानकारी देखता है कौन किससे हिस्से में क्या काम है l
वही शिखर केबिन के सोफ़े पर पडा फिर सोने लगा था (उसको सारे काम बाद में सोना उसके लिये पहले था उस उसकी नीन्द हि बेहद हि प्यारी थी,,, अकसर वो कहता भी रहता था मेरी पहली मोहब्बत मेरी नीन्द है कहकर खिलखिला कर हसता था सामर्थ्य उससे कहता था कि फिर ब्याह भी रचा लेना मै तेरी नीन्द को हि भौजी कहता फिरुगा हा हा हा कहकर वो भी मुस्करा पडता था)
वही सामर्थ्य सारा काम देख रहा था कि सही से हो रहा है ना उसके वोर्कर सही से काम कर रहे हैं कि नहीं! वो देख हि रहा था कि काम उसने देखा शिखर यहा पर भी सोने लगा, वो हैरत में पड गया वो उठा सीधा उसपर जग से भरा हुआ पानी डाल दिया !!!!
पानी पडने से शिखर नीन्द मे हि बोला बाढ आ गई बाढ़ आ गई,,,, इस बार सामर्थ्य उसे सोफ़े से हि गिरा देता है कुछ वक़्त तो उसे कुछ समझ नहीं फिर उठा सामर्थ्य के एक धर दिया अबे तुझे क्या समस्या है मेरी नीन्द से तू मुझे सोने काहे नहीं देता मासूम सा चेहरा बना कर सोफ़े पर बैठ जाता है (दोनों जब भी साथ होते है बच्चेजैसे बन जाते हैं और काम के वक़्त सीरियस)!!
सामर्थ्य तू क्या सोने के लिये आया है और इतने दिनों से कैसे काम कर रहा था अपनी भौओ को उचकाते हुये!!
शिखर ;तू इतने देर से सारा वर्क चेक कर रहा है कोई कमी निकली है क्या,,,,, आज तू था तो थोड़ा सा सो लिया तू मेरी नीन्द कि सबसे बड़ा सौतन है!! झूठमूठ गुस्सा करते हुये कहता है!!
सामर्थ्य ; हा हूँ मै तेरी नीन्द का सौतन जब तक ज़िन्दा हूँ हमेशा बना रहुगा समझा तू अब चुप चाप कपडे बदल कर काम पर लग जा समझे काम को लेकर कोई भी लापरवाही नही चलेगी अब जा!!
( वही केबिन के पास उन लोगो के रात में रुकने के लिये भी सारे इन्तजाम है शिखर कभी कभी जादे काम के वजह से वही रुक जाता था)
शिखर :::: कब मेरी भाभी आयेगी जिस दिन मेरी भाभी उस दिन सारी तेरी हेकडी निकालुगा बच्चू कहते हुये जाने लगता है!!
सामर्थ्य :::चल निकल बे बडा आया भाभी का चहेता!
जारी है....!!
स्वस्थ रहिये खुश रहिये🙏
अपने देश का मान सम्मान किया किजिये बहुत खुशनसीब है जो हम लोग भारतीय है!! 🇮🇳