तेरे होठों की सिगरेट .... Vyas Dhara द्वारा कविता में हिंदी पीडीएफ

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तेरे होठों की सिगरेट ....

"तेरे होठों कि सिगरेट ...... "

तेरे हाठो की सिगरेट....

काश में तेरे होठों की सिगरेट होती, तुम प्यार से मुझे यु होंठों से लगाते ।

तुम मुझे होंठों से लगाते और मैं धुवां बनके तुझमें मिल जाती और तुम्हारी मैं हो जाती।

हां जलती और पलभर में खत्म हो जाती में

तुम्हारा सुकुन बन कर में

हवा में यु मिल जाती में

एक नशा ही सही

तुम्हारे होठों पे तो होती सही तुम्हारी तन्हाई का हिस्सा तो होती सही

तुम मुझे यु (सिगरेट पीते, और मैं तुम्हें यु ही जी लेती। काश में तुम्हारे होठों की सिगरेट होती.....

काश में तुम्हारे होठों की सिगरेट होती.....

🤍 🖤 🤍 🖤 🤍 🖤


‌‌"‌‌नजर"


नजर चढ़ती है खुब नजर को नशा लिखना चाहती हूं ।

नजर इंतजार करती है नजरों का नजर को उम्मीद लिखना चाहती हूं ।

नजर नजर में इज़हार हो जाता है । नजर को इश्क लिखना चाहती हूं ।

नजरे नजर को देखकर नजरे नजर में डूब जाती है नजर को

समंदर लिखना चाहती हूं ।

नजरों ने देखी है यू तो कहीं नजर पर नजर की नजर टिकी हुई है नजर पर ,

नजर को मोहब्बत लिखना चाहती हूं।

नजरने मारि है कई नजरों को नजर को जहर लिखना चाहती हूं ।

नजर ने किए कई सवाल नजर से ,

नजर को इम्तिहान लिखना चाहती हूं ।

नजर यु तो है कमजोर लेकिन नजर को नशा लिखना चाहती हूं ।

नजर ने नजर को यू नजरों से देखा नजर की नजर में खो गई नजरे ।

मैं नजर को सेहेलाब लिखना चाहती हूं ।


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"तुम्हारा यूं छोड़ जाना अच्छा है क्या ?"

तुम्हारा यू इस तरह छोड़ जाना अच्छा है क्या?
और मेरा यू तुम्हें माफ करना प्यार नहीं है क्या ?

जानते हो तुम बेपाक मोहब्बत है तुमसे,
फिर भी क्यों तुम्हारा सताना ठीक है क्या ?

तुम्हारे जाने के बाद से फिर मिलने तक का इंतजार रहता है अक्सर,
तुम्हारा इंतजार ना करना ये इल्जाम लगाना ठीक है क्या ?

ख्वाब बुना है, तुम्हें पाने का और तुम इसे नजरअंदाज करो ये अच्छी बात है क्या?

मंजिल है तुझमें जीना, तेरा यु हवा के जैसे आना जाना अच्छा है क्या?

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‌‌"‌‌जिं‌‌दगी"

क्या है जिंदगी ?

शायद मोत से पहले का सफर है जिंदगी ।

जिंदगी शायद पहेली है।

जीसे जेसे जेसे सुलझाओ वेसे वेसे उलझती है।

क्या है जिंदगी?

किसी चेहरे की हंसी है जिंदगी, तो शायद किसी के आंखों की नमी है जिंदगी ।

क्या है जिंदगी,

शायद बिना मंजिल के रास्ते पर निकल पड़े हैं, शायद यही है जिंदगी ।

मेरे पापा के आंखों में देखी उम्मीद,

शायद वही है जिंदगी |

क्या है जिंदगी?

शायद तू इम्तिहान है जिंदगी,

कभी रुलाती और कभी हंसाती है, यूं ही बेवजह सताती है जिंदगी।

क्या है जिंदगी?

शायद किसी के ख्वाब बून्ना है जिंदगी ।


क्या है जिंदगी?

किसी के साथ बैठकर मिलता सुकून, शायद यही है जिंदगी ।

जिंदगी में मिली जिंदगी जिंदगी ने मारी ठोकर जिंदगी को, और सिखाया यही है जिंदगी, यही है जिंदगी ।


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‌‌ ‌‌ ‌‌ ‌‌ ‌‌ ‌‌ ‌‌"चि‌ड़िया " 🕊️


बेखबर थी, वो प्यारी सी चिड़िया उड़ती थी, पंख फैलाकर बेझिझक

बेखबर थी, वोप्यारी सी चिड़िया जीती थी, अकेले नीले आसम

बेखबर थी, वो प्यारी सी चिडिया

आया आसमानी प्यार का जोका

बेखबर थी वो प्यारी सी चिड़िया बड़े प्यार से उड़ते थे, चिडा चिडिया


बेखबर थी, वो प्यारी सी चिड़िया

तेज हवा आई

बेखबर थीं, वो प्यारी सी चिड़िया

तूफान आया और चिडाने घोंसला छोड़

दिया।

चिडाने तोड़ा किसीका हौसला ।

बेखबर थी, वो प्यारी सी चिड़िया एक प्यार भरा घोंसला टूट गया । एक विश्वास भरा सपना टूट गया।

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✍️ Dhara Vyas 📖