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उनको याद करते हैं ..... ।

" उनको याद करते हैं ...... "

चलो आज फिर उनको याद करते हैं।
वही पुरानी किताब खोलते हैं।

उन किताबों के पन्नों पर रखी यादो को याद कर हैं ।
चलो आज फिर उनको याद करते हैं।

आज गर्म चाय की जगह ,
कोल्ड कॉफी पीते हैं ।

चलो आज उनको याद करते हैं ।


आज डार्क चॉकलेट की जगह ,
व्हाइट चॉकलेट खाते हैं ।

चलो आज फिर उनको याद करतेे हैं ।

आज वाइट कपड़ो ( ड्रेस )की जगह ,
ब्लैक कपड़े (ड्रेस) पहनते हैं ।

चलो आज फिर उनको याद करते हैं ।

आज गुस्सा छोड़ कर ,
प्यार से बात करते हैं ।

चलो आज उनको याद करते हैं ।

आज सडू सा मुंह ना बनाकर ,
प्यारी सी स्माइल करते हैं ।

चलो आज फिर उनको याद करते हैं ।

आज अच्छे से गानों को छोड़कर ,
पुरानी कॉल रिकॉर्ड्स सुनते हैं ।

चलो आज फिर उनको याद करते हैं ।

आज उन में खो जाते हैं ।
और खुद को ही उनमें ढूंढते हैं ।

चलो आज फिर उनको याद करते हैं ।

वही पुरानी किताबें खोलते हैं ।
और उन पन्नों में सिमट कर रह जाते हैं ।

चलो आज फिर उनको याद करते हैं ।
चलो आज फिर उनको याद करते हैं ।




" यादें और वादे "


क्या फर्क है , इन याद और वादों में ,
बातों बातों पर यादें बन जाती है ।
बातों बातों में वादे कर जाते हैं ।
क्या फर्क है ,इन यादो और वादों में .........

अंधेरी रातों में यह सुहानी यादें आती है ।
अंधेरी रातों में ही ये यादें आंख मेंं आंसू लाती हैं ।

क्या फर्क है, इन यादों और वादों में ........

वादा किया था उन्होंने साथ नाा छोड़ेंगे अंधेरी रातों में ,
रात को आसमां में टूटते तारों को देख कर टूटे वादे याद आते हैं ।
क्या फर्क है ,इन याद और वादों में ...............


तारे और वादे टूट कर ही रह जाते हैं ।

क्या फर्क है , इन यादों और वादों में .........

यह यादें भी रुलाती है ।
और यह टूटे वादे भी सताते हैं ।


क्या फर्क है , इन याद और वादों में ...........





" ये रातें ...... "

कभी-कभी हम सोचते हैं ।
यह रात सोने के लिए होती है ?
या रोने के लिए ?


यह यादें याद करके रोने के लिए होती है ?
या यादों को याद करके हंसने के लिए होती है ?


यह रातें होती ही किस लिए ,
ताकि अंधेरे में कोई आंसू देख ना सके ?


यह रातें होती है किस लिए ,
ताकि कोई बिखर कर जी भर के रो ले ?


यह रातें होती किस लिए है ?
यह रातें होती किस लिए है ?



यह रातें होती है । किसी को याद करके
उसमें सिमट जाने के लिए ।




" क्या तुझे प्यार जताना नहीं आता ........ "


कभी-कभी साथ बैठ कर दो प्यार भरी बात किया करो ।
कभी - कभी खाना खाया यह बात भी पूछ लिया करो ।

कोई दिन यूं बेवजह गले लगाया करो ।
कुछ बीती यादों को याद किया करो ।


कभी हमारे लिए रेड रोज लाया करो ।
कभी हमारी बिखरी जुल्फो को सवारा करो ।


कभी-कभी थोड़ा वक़्त निकाल कर दिया करो ।
बस ऐसे ही अपना हक जताया करो ।


क्या तुझे प्यार जताना नहीं आता ............।



" हम अधूरे ...... "


सितारों के बिना आसमान अधूरा ......
चांद के बिना चांदनी अधूरी .…......
शब्दों के बिना कविता अधूरी .........

आपके बिना हम अधूरे .......…


रास्तों के बिना मंजिल अधूरी .....
नदी के बिना समंदर अधूरा .......
प्यार के बिना जीवन अधूरा.......…
‌‌‌‌
‌ आपके बिना हम अधूरे..........


आपके बिना महफिल अधूरी ............
आपके बिना कहानी हमारी अधूरी .............
आपके बिना हम भी अधूरे ..……...…

आपके बिना हम अधूरे ..........





‌✍️ Dhara Vyas ✍️

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