Jasbat-e-Mohabbat - books and stories free download online pdf in Hindi जस्बात-ऐ-मोहब्बत - 14 (1) 1k 2k रिचा चौक जाती है पापा आप, आप कब आए रिचा के पापा कहते है गुड़िया मैं तो अभी आया हूँ पर तू इतनी गहरी सोच मे कहा खोई हुई थी,पापा वो कल से कॉलेज शुरू हो रहे है ना वही सोच रही थी अच्छा चल तेरे लिए एक सरप्राइज़ है रिचा सुनते ही उछल पड़ती है क्या पापा,तू अपने रूम से बाहर तो चाल मेरी गुड़िया ओर रिचा अपने प[आपा के साथ हाल मे आती है रिचा टेबल पर रखा केक देख कर ख़ुशी से झूम उठती है वाओ रेल वेल्वेट केक थैंक यू पापा तो रिचा के पापा कहते हैं मेरी गुड़िया ये तेरे पास होने की ख़ुशी मे तेरा फ़ेवरेट है ना चलो पहले हम केक कट करेंगे फिर आज हम काही बाहर जाएंगे डिनर के लिए ओके रिचा बेटा चलो केक कट करो ओर रिचा केक कट करके पहले अपने पापा खिलाती है फिर माँ ओर बड़े फिर छोटी बहन को खिलाती है उसके बाद तैयार होकर पूरी फ़ेमिली एक साथ रात के डिनर के लिए बाहर जाती है रिचा ओर उसकी छोटी बहन आएशा इस ट्रिप को बहोत इंजोय करती हैं पूरी फ़ेमिली देर रात लगभग 11 बजे घर पहुँचती है उसके बाद सभी अपने अपने रूम मे चले जाते है रिचा ओर आएशा अपने रूम मे चली जाती है अगले दिन रिचा सुबह जल्दी उठती है ओर नहा कर कॉलेज के लिए तैयार हो होकर हॉल मे आती है जैसे ही माँ उसे देखती है रिचा से कहती है बेटा अभी तो टाइम है न कॉलेज के लिए तो रिचा कहती है माँ 7 बज गए है ओर मैं पहले नयन्सी के घर जाऊँगी उसे भी लेना पड़ेगा नहीं तो मेरी जान ले लेगी रिचा माँ से नास्ता मांगती है ओर नास्ता करके नयन्सी को कॉल करती है हैलो नयन्सी तू तैयार हो गई नयन्सी कहती है हा मैं तैयार ही हो रही हूँ रिचा कहती है ठीक मैं निकल रही हूँ ओर रिचा कॉल कट करके निकल जाती है रिचा राघव बिहार पहुँचती है तो नयन्सी उसे कॉलोनी गेट मे नहीं मिलती तो रिचा उसके घर जाती है ओर डोर बैल बजाती है नयन्सी की मम्मी दरवाज़ा खोलती है रिचा बेटा तुम,नयन्सी बेटा रिचा आई है ओर रिचा को नयन्सी के रूम मे भेज देती हैं जैसे ही रिचा नयन्सी के रूम मे जाती है नयन्सी कहती है देखो तो ज़रा मेडम की खुशी का तो ठिकाना ही नहीं है अबे जब इतना प्यार करती है प्रतीक सर से तो बता क्यूँ नहीं देती उन्हे रिचा कहती है बता दूँगी बाबा तू जल्दी कर न नयन्सी कहती है अच्छा बाबा 2 मिनट मैं जानती हूँ तू कितनी एकसाइटेड है चल मैं रेडी हो गई और दोनों कॉलेज के लिए निकल जाती है जब कॉलेज पहुँचती हैं और क्लास की ओर जाती हैं लेकिन जब दोनों को पता चलता है कि थोड़ा वक़्त है अभी क्लासेस शुरू होने मे तो दोनों कैंटीन चली जाती है वहीं नेहा और रितु भी बैठी होती हैं तो दोनों उनके साथ बैठ जाती हैं रितु कहती है क्या बात है तुम दोनों कुछ ज्यादा ही खुश दिख रही हो नयन्सी कहती है अबे अब क्या हसें भी ना और तू क्या हमारी टांग खीच रही हैप्रिय पाठकों ये मेरी पहली स्टोरी है प्लीज आप लोग मैसेज और मेल में जरूर बताएं की मेरी स्टोरी कैसी है मुझे सजेस्ट करे अगर कोई कमी है तो सलाह दे ‹ पिछला प्रकरणजस्बात-ऐ-मोहब्बत - 13 › अगला प्रकरणजस्बात-ऐ-मोहब्बत - 15 Download Our App अन्य रसप्रद विकल्प हिंदी लघुकथा हिंदी आध्यात्मिक कथा हिंदी फिक्शन कहानी हिंदी प्रेरक कथा हिंदी क्लासिक कहानियां हिंदी बाल कथाएँ हिंदी हास्य कथाएं हिंदी पत्रिका हिंदी कविता हिंदी यात्रा विशेष हिंदी महिला विशेष हिंदी नाटक हिंदी प्रेम कथाएँ हिंदी जासूसी कहानी हिंदी सामाजिक कहानियां हिंदी रोमांचक कहानियाँ हिंदी मानवीय विज्ञान हिंदी मनोविज्ञान हिंदी स्वास्थ्य हिंदी जीवनी हिंदी पकाने की विधि हिंदी पत्र हिंदी डरावनी कहानी हिंदी फिल्म समीक्षा हिंदी पौराणिक कथा हिंदी पुस्तक समीक्षाएं हिंदी थ्रिलर हिंदी कल्पित-विज्ञान हिंदी व्यापार हिंदी खेल हिंदी जानवरों हिंदी ज्योतिष शास्त्र हिंदी विज्ञान हिंदी कुछ भी dinesh amrawanshi फॉलो उपन्यास dinesh amrawanshi द्वारा हिंदी प्रेम कथाएँ कुल प्रकरण : 16 शेयर करे आपको पसंद आएंगी जस्बात-ए-मोहब्बत - 1 द्वारा dinesh amrawanshi जस्बात-ए-मोहब्बत - 2 द्वारा dinesh amrawanshi जस्बात-ए-मोहब्बत - 3 द्वारा dinesh amrawanshi जस्बात-ए-मोहब्बत - 4 द्वारा dinesh amrawanshi जस्बात-ए-मोहब्बत - 5 द्वारा dinesh amrawanshi जस्बात-ए-मोहब्बत - 6 द्वारा dinesh amrawanshi जस्बात-ए-मोहब्बत - 7 द्वारा dinesh amrawanshi जस्बात-ए-मोहब्बत - 8 द्वारा dinesh amrawanshi जस्बात-ए-मोहब्बत - 9 द्वारा dinesh amrawanshi जस्बात-ऐ-मोहब्बत - 10 द्वारा dinesh amrawanshi NEW REALESED Spiritual Stories मानव भेड़ियाँ और रोहिणी - 6 Sonali Rawat Moral Stories शोहरत का घमंड - 66 shama parveen Horror Stories भुतिया एक्स्प्रेस अनलिमिटेड कहाणीया - 25 Jaydeep Jhomte Fiction Stories फादर्स डे - 59 Praful Shah Horror Stories भयानक यात्रा - 20 - बेसुध हितेश । नंदी Detective stories अमानुष-एक मर्डर मिस्ट्री - भाग(१८) Saroj Verma Moral Stories कंचन मृग - 21. धौंसा बजा Dr. Suryapal Singh Fiction Stories तू ही है आशिकी - भाग 3 Vijay Sanga Book Reviews मनुष्य को उसका साक्षात्कार कराती कहानियों का संग्रह - इच्छा मृत्यु अशोक असफल Love Stories मेरे हमदम मेरे दोस्त - भाग 4 Kripa Dhaani