1 ये बात है कौलेज की
ये बात है कौलेज की,
मेरे साथ एक लड़की पढ़ती थी
जाने क्या मुझमे पाके वो,
मुझपर ही मरा वो करती थी
ये बात है- - ------------
मेरे साथ एक लड़की---
सुबह से लेकर शाम तक ,
मुझको ही देखा करती थी
पढ़ती भी जरा कम ही थी,
मुझसे बातें करती थी
ये बात है---------------
मेरे साथ एक लड़की-------
पहली बार जब हमसे मिली,
आकर मेरे पास बैठी
पूछने लगी मेरा नाम पता,
जैसे लगा मेरा क्लास लेगी
ये बात है---------------
मेरे साथ एक लड़की----‐
बाजार से मेरे लिए भी,
कुछ खरीद के लाती थीं
जब ना देखती थी मुझको,
घर पे फोन लगाती थी
ये बात है--------------------
मेरे साथ एक लड़की-------
सखियों में बहुत कम रहती थी,
मुझको समय ज्यादा देती
करके बहाने किसी भी चीज की,
घर तक मेरे आ जाती
ये बात है--------------------
मेरे साथ एक लड़की---------- ।
2 इश्क साफ़
इश्क साफ़ दिखता है,
नजर में तेरी,
ये लब्ज बयां करे ना करे
सारी बातें दिखे
हरकत से तेरी,
ये लब्ज बयां करे ना करे
कांपते हैं बदन, पलकें हैं झुकी-2
साँस चलती है धड़कन बढ़ी - 2
इश्क साफ़ ---------------------
ये--------------------
तेरी आंखे पढ़ी , धड़कन है सुनी,
तु मन में कोई सपना है बुनी -2
मुस्कराके सनम, हमको देखकर,
मेरा दिल ले गई है रे तु मनचली -2
इश्क साफ़-------------------
ये लब्ज----------------
क्यों ऐसे सनम, तू शर्माती है,
आके लगजा हमारे गले - 2
मस्त नजरें तेरी, मुझे बहकाती है,
तेरे प्यार के गुलशन खिले - 2
3 कभी तुम अपने थे
कभी तुम अपने थे,
अब क्यों गैर हो गए -2
मनमीत से सनम,
क्यों बैर हो गए
चाहा तुमको टूटकर,
क्यों जा रहे हो मुझको भूलकर
सपने दिखाया तूने, अपना बनाया तूने,
यारगी लगाके मुझसे फिर क्यों भुलाया तूने - 2
कोई रीत ना जानू, रिवाज ना मानू,
तेरे बिना कैसे जिंदगी गुजारूँ ----- 2
दिल रोये जा रहा फुटकर,
क्यों जा रहे हो मुझको भूलकर---2
वादा किया जो मुझसे , भूल गए वो वादे
मैं तो समझ नहीं पाया तेरे इरादे -----2
तुम याद बहुत आओगी, भूलना पाऊँ,
रहना है कैसे दिल को समझाऊँ
हाँथों से हांथ जा रहा छूटकर,
क्यों जा रहे हो मुझको भूलकर ---- 2
4 दर्द भरे वो लम्हें
दर्द भरे वो लम्हें, दर्द भरे वो दिन,
आज भी जीता हूँ जाने कैसे तेरे बिन
हांथों से हांथ तूने, ऐसे छुड़ाया,
इकपल में मेरी जाँ निकल आया
रोया था बहुत फुट - फुटकर ,
जा रहा है प्यार मेरा आज टूटकर
दर्द भरे वो शामें, दर्द भरे वो तिम,
आज भी जीता हूँ -----------------
लगता है कभी, आ रहे हो तुम,
प्यार दोगे फिर मुझे, मेरे हाथ चूम
दिन लगती छोटी, रातें हैं लंबी,
तेरे आस में ही कटती है जिंदगी
दर्द भरे वो यादें, दर्द भरे वो सिन,
आज भी जीता हूँ---------------- 2
5 गीतों में गीत
गीतों में गीत एक गीत है,
दिल का मेरा वो मीत है
गुनगुनाता हूँ मैं उसे,
वही जो चाहता हूँ जिसे।
खूबसूरत सी कली है,
दिल रहता उस गली है - 2
दिल देता है रबको दुहाई,
जबसे मेरे दिल में बसी है
कैसे मैं बताऊँ उसे---------
गीतों में गीत एक गीत है,
दिल का मेरा वो मीत है
गुनगुनाता हूँ मैं उसे,
वही जो चाहता हूँ जिसे
शायर की वो शायरी है,
नगमों की वो डायरी है
मस्त भरी जवानी है,
परियों की एक कहानी है- 2
हर कोई चाहे उसे---
गीतों में गीत एक गीत है,
दिल का मेरा वो मीत है
गुनगुनाता हूँ मैं उसे,
वही जो चाहता हूँ जिसे
- विशाल कुमार धुसिया