कायरा का चेहरा गुस्से से लाल था। वो टेंट के आसपास जॉली को तलाश कर रही थी, हालांकि वो उसे कहीं नजर नहीं आ रहा था। तभी उसे जेनी नजर आ गई और वो उसके पास पहुंच गई थी।
कायरा ने गुस्से के साथ जेनी से कहा- जेनी जॉली कहां है ?
जेनी ने कहा- मुझे नहीं पता, होगा यहीं कहीं। वैसे तुम इतने गुस्से में क्यों हो ?
कायरा ने कुछ देर के लिए सोचा और फिर कहा- जेनी तुम उसे समझाना। अभी वो मेरे हाथ में लेटर थमा कर गया था, लेटर में लिखा था कि वो मुझसे प्यार करता है। जबकि मैंने उससे दोस्ती की थी तो उसे स्पष्ट शब्दों में समझा दिया था कि वो इस तरह की बात मुझसे कभी नहीं करेगा, फिर भी उसने वहीं हरकत की है, जो मुझे बिल्कुल पसंद नहीं है।
जेनी खामोश थी। उसने कायरा से आखिर में सिर्फ इतना कहा- ठीक है मैं उसे बोल दूंगी।
कायरा वापस जाने लगी तभी उसने कायरा से कहा- वैसे मेरे भाई में कोई कमी है क्या ?
कायरा फिर से पलट गई थी। उसने जेनी की बात का जवाब देते हुए कहा- किसी कमी के कारण ही किसी को रिजेक्ट किया जाता है क्या ? पसंद भी कोई चीज होती है। तुम्हारा भाई अच्छा है, रूपए-पैसे वाला है, दिखता भी अच्छा है, पर वो मुझे पसंद नहीं है। बस मेरे लिए इतना ही काफी है।
जेनी ने फिर प्रश्न किय- तो क्या तुम किसी और को पसंद करती हो ?
कायरा ने कहा- तुम्हें यह जानने की जरूरत नहीं है। यह मेरी पर्सनल लाइफ है कि मैं किसे पसंद करती हूं और किसे नहीं। तुम्हारे और जॉली के लिए इतना जानना काफी है कि मैं उसे यानि कि तुम्हारे भाई को पसंद नहीं करती हूं।
इसके बाद कायरा वहां से बिना कुछ कहें चली गई।
जेनी पहले से ही उदास थी क्योंकि मानव ने उसकी बात पर जरा भी ध्यान नहीं दिया था। वहीं कायरा ने जॉली को लेकर उसे खरी-खरी सुना दी थी। वो अपने टेंट में आकर बैठ गई थी। तभी जॉली उसके पास आ गया।
जॉली ने उससे पूछा- कायरा तुमसे कुछ कह रही थी क्या ?
जेनी ने पहले जॉली को घूरकर देखा और फिर कहा- तुम उसे लेटर दोगे तो वो चुन रहेगी क्या ?
जॉली ने कहा- जैसे तुम मानव को पसंद करती हो मैं कायरा को पसंद करता हूं। मुझे लगा था कि वो नाराज ही होगी, पर फिर भी मैंने हिम्मत कर उसे लेटर दे ही दिया।
जेनी ने कहा- हम दोनों की किस्मत एक जैसी ही है।
जॉली ने कहा- क्यों तुम्हारी किस्मत ने भी....
जेनी ने कहा- हां, उसने तो साफ कह दिया कि वो मेरे बारे में कुछ सोचता ही नहीं है।
जॉली ने कहा- अगर तुम कहो तो मैं उससे बात करूं ?
जेनी ने कहा- नहीं, मैं खुद ही कर लूंगी। आज नहीं तो कल उसे मेरे प्यार को स्वीकार करना ही होगा।
जॉली ने भी कहा- हां और एक ना एक दिन कायरा को मैं तेरी भाभी बनाकर रहूंगा।
फिर दोनों एक-दूसरे को देखकर मुस्कुरा दिए।
जल्द ही दो दिन बीत गए और सभी स्टूडेंट कॉलेज में आ गए थे। कॉलेज पहुंचने के साथ ही श्लोक हमेशा की तरह कैटिंन में बैठा था, तभी वहां स्नेहा भी आ गई। स्नेहा को देखकर श्लोक उसके पास पहुंच गया।
श्लोक ने उससे पूछा- स्नेहा तो फिर क्या सोचा तुमने ?
स्नेहा ने श्लोक की बात का जवाब देते हुए कहा- सच कहूं श्लोक मैंने इस बारे में बहुत सोचा। कल रात को तो नींद ही नहीं आई। पर मैं कुछ भी कहूं उससे पहले मैं तुमसे कुछ कहना चाहती हूं।
श्लोक ने कहा- हां, बोलो क्या कहना चाहती हो ?
स्नेहा ने कहा- श्लोक वैसे तो मैं कॉलेज में बहुत चंचल स्वभाव की लड़की मानी जाती हूं। सभी मेरे अच्छे दोस्त है। मैं जैसी दिखती हूं मैं वैसी हूं नहीं। मैं अंदर से लॉयल रहना और लॉयल लोगों के साथ रहना ही पसंद करती हूं। मेरे घर और परिवार के लोग प्यार जैसी बातों पर यकीन नहीं करते हैं। वो हमेशा लड़के की अच्छाई को पसंद करेंगे। लड़का कितना संस्कारी है, उसका परिवार कैसा है, उसके भविष्य को लेकर क्या प्लान है ऐसी कई बातें हैं जो मेरे परिवार वाले मेरे लिए लड़के की तलाश के वक्त देखेंगे। इसलिए मैं इस रिलेशन को तभी आगे बढ़ा सकती हूं जब ये सभी क्वालिटी तुम अपने लेकर आ सको।
श्लोक ने स्नेहा की बातों को बहुत ध्यान से सुना और कहा- स्नेहा मैं एक मध्यमवर्गीय परिवार से आता हूं। कॉलेज में बस उछल-कूछ कर लेता हूं, क्योंकि मेरा मानना है कि लाइफ को अच्छे से इन्जॉय करने के लिए कॉलेज लाइफ ही सबसे अच्छी लाइफ होती है। हालांकि मेरा पढ़ाई और अपने करियर पर पूरा ध्यान है। मेरे परिवार वाले भी एक ऐसी लड़की चाहते हैं जो घर को अच्छे से संभाल सके। हालांकि मेरे घर में आने वाली लड़की के लिए उनके मन में बहू और उसकी बंदिशों वाले विचार नहीं है। उनका कहना है कि लड़की आएगी तो बहू के रूप में पर होगी घर की बेटी। इसलिए अगर हम इस रिलेशन को एक नया नाम देते हैं तो मैं वादा करता हूं कि पूरी जिंदगी तुम्हारा साथ निभाउंगा।
श्लोक की बात सुनने के बाद स्नेहा मुस्कुरा दी थी। उसने श्लोक के प्रपोजल को स्वीकार कर लिया था। फिर दोनों वहां से उठे और क्लास में चले गए। क्लास में पहुंचते ही स्नेहा ने कायरा को बताया कि उसने श्लोक का प्रपोजन स्वीकार कर लिया है। अब वे सिर्फ दोस्त नहीं दोस्त से कुछ ज्यादा है। यही बात श्लोक ने मानव को बता दी और फिर जेनी को भी उसने पूरी बात बता दी थी। कायरा, मानव और जेनी श्लोक और स्नेहा कि इस नए रिलेशन को लेकर खुश थे। अब श्लोक और स्नेहा आपस में ही अधिक समय बिताते थे। हालांकि एक दिन श्लोक ने मानव से कहा-
मानव देख मैंने स्नेहा से बात की और हम रिलेशन में आ गए हैं। मैंने अपने घर पर भी बात कर ली है कि कॉलेज के बाद कोई अच्छी नौकरी मिलते ही वो स्नेहा से शादी करना चाहता हैं। मेरे घर वालों ने भी स्नेहा से मिलने की इजाजत दे दी है। स्नेहा का कहना है कि मेरी नौकरी के बाद वो भी मेरे बारे में अपने घर पर बात करेगी। तो अब तू भी एक बार कायरा से बात कर ले, ताकि मेरे बारे में भी क्लीयर हो जाए। मैं अब भी कह रहा हूं कि वो तुझे पसंद करती है। वो लड़की है इसलिए पहल नहीं करेगी, तुझे ही पहल करना होगी। आमने-सामने नहीं तो मैंसेज पर ही अपने दिल की बात उससे कह दे, पर मेरे दोस्त कह दे। क्योंकि देर हो गई तो फिर तुझे पछताना होगा।
मानव ने श्लोक की बात सुनकर कहा- मैं जानता हूं श्लोक तू मुझे खुश देखना चाहता है, पर क्या करूं मैं जब भी उससे सामने जाता हूं, मेरी आवाज ही बंद हो जाती है। मोबाइल उठाकर उसका नाम सर्च करता हूं तो ही हाथ कांप जाते हैं। क्योंकि मुझे सिर्फ इसी बात का डर है कि अगर उसने मना कर दिया तो ?