खामोश प्यार - भाग 21 prashant sharma ashk द्वारा प्रेम कथाएँ में हिंदी पीडीएफ

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खामोश प्यार - भाग 21

स्नेहा की बात सुनने के बाद श्लोक कुछ देर के लिए खामोश हो गया और फिर उसने कहा- कोई बात नहीं स्नेहा। हम दोनों को ही नहीं पता कि ये हमारी फिलिंग्स है या फिर जेनी और कायरा के कहने से हम ऐसा कर रहे हैं। अभी हमारे इस ट्रिप में दो दिन का समय है। ये दो दिन हम साथ रहते हुए भी साथ नहीं रहेंगे। इस दौरान हमें पता चल जाएगा कि ये हमारी फिलिंग्स है या जेनी और कायरा के कहने के बाद हमने एक-दूसरे के बारे में ऐसा सोचा है। दो दिनों के बाद जब हम कॉलेज में मिलेंगे तो हम अपनी बात एक-दूसरे से कहेंगे।

स्नेहा ने भी श्लोक की बात पर अपनी सहमति दी और फिर वहां से दोनों अलग हो गए। स्नेहा सीधे कायरा के पास पहुंच गई और उसने श्लोक और उसके बीच की बात कायरा को बता दी। साथ ही उससे कहा- 

देख मैंने तेरे कहने से श्लोक से बात की है अब तू भी मेरे कहने से एक बार मानव से बात कर ले। यहां तू उससे आराम से बात भी कर सकती है। स्नेहा की बात सुनने के बाद कायरा कुछ देर के लिए सोच में पड़ गई। हालांकि वो स्नेहा की बात का जवाब दिए बगैर ही वहां सेच ली गई थी। दूसरी और श्लोक मानव के पास पहुंच गया था। वो भी चाहता था कि वो एक बार कायरा से बात कर ले। 

श्लोक ने मानव से कहा- मानव अभी जेनी मेरे पास आई थी। उसने मुझसे सवाल किया था कि मैंने कभी स्नेहा को प्रपोज क्यों नहीं किया? हालांकि तू भी जानता है कि मैंने स्नेहा के बारे में ऐसा कभी नहीं सोचा था, परंतु मैं अभी उससे बात करके आ रहा हूं। तेरी ही तरह मैं भी नहीं जानता था कि स्नेहा मेरे बारे में क्या सोचती है, पर मैं उससे बात करके आ रहा हूं। उसे दो दिन का समय दिया है कि वो मेरे बारे में क्या सोचती है वो मुझे सोचकर बता दें। 

मानव गौर से श्लोक की बात सुन रहा था। श्लोक ने आगे कहा- अब मैं चाहता हूं कि तू भी एक बार कायरा से बात कर ले। यहां तू आराम से उससे बात कर सकता है। इसलिए मौका देखकर उससे बात कर ले। 

श्लोक की बात सुनकर मानव ने कहा- ओके मैं कोशिश करता हूं।

मानव की बात सुनकर श्लोक ने कहा- कोशिश मत कर मानव सिर्फ उससे बात कर। कहीं ऐसा ना हो जाए कि तू सिर्फ सोचता रहे और फिर एक दिन ऐसा आए जब तुझे ये सोचना पड़े कि काश उस दिन मैंने उससे बात कर ली होती। 

श्लोक इतनी बात कहने के बाद वहां से चला गया था। जबकि मानव वहीं खड़े होकर श्लोक की बातों के बारे में सोच रहा था। सोचते हुए वो आगे बढ़ा और दूसरी और से कायरा भी आ रही थी। ऐसे ही चलते हुए दोनों एक-दूसरे के आमने-सामने आ गए थे। हालांकि दोनों ने एक-दूसरे को देखा और फिर मुस्कुराकर वहां से अपने-अपने रास्ते चल दिए। मानव कुछ दूर ही आगे चला था कि जेनी उसके पास पहुंच गई थी।

जेनी ने मानव से कहा- मैं तुमसे कुछ बात करना चाहती हूं।

मानव ने कहा- बोलो क्या बात करना चाहती हो ?

जेनी ने कहा- श्लोक ने आज स्नेहा को प्रपोज किया है। हालांकि दोनों ने तय किया है कि वे कॉलेज में एक-दूसरे को अपनी फिलिंग्स बताएंगे।

मानव ने कहा- हां श्लोक ने मुझे बताया है। वैसे उस बात से तुम्हारा क्या लेना-देना ?

जेनी ने फिर कहा- उनकी बात से लेना-देना नहीं है। पर मैं यह कहना चाह रही थी कि मैं तुम्हें बहुत पसंद करती हूं। मैं चाहती हूं कि हमारी दोस्ती अब दोस्ती से कुछ आगे बढ़े। तुम चाहो तो मेरी बात का जवाब देने के लिए दो दिन का समय ले सकते हैं। पर मैं चाहती हूं कि इन दो दिनों में तुम सोचो कि हम साथ रहे तो कितना अच्छा हो सकता है।

मानव ने कहा- जेनी मैंने तुमसे दोस्ती इसलिए नहीं की थी कि तुम एक दिन मुझे प्रपोज करो। मैं इस तरह से प्यार में यकीन नहीं करता हूं।

जेनी ने कहा- हां जानती हूं। पर आखिर मुझमें कोई कमी है क्या ?

मानव ने कहा- मैं तुम्हारी कमी या खूबी के बारे में कोई बात नहीं कर रहा हूं। तुम मेरी एक अच्छी दोस्त हो और वहीं बनी रहो। वैसे भी उस तरह की कोई भी फिलिंग्स मेरे अंदर तुम्हारे लिए नहीं है।

जेनी ने फिर सवाल किया- तो क्या तुम किसी और को चाहते हो ?

जेनी के इस प्रश्न का मानव ने कोई जवाब नहीं दिया और वह वहां से आगे चला गया।

दूसरी और कायरा कुछ आगे ही बढ़ी थी कि उसके सामने जॉली आकर खड़ा हो गया था। कायरा अपनी सोच में थी इसलिए जॉली को अचानक अपने सामने देखकर वो चौंक गई थी। जॉली ने कहा- मैं तुमसे बात करने के लिए किले के उस हिस्से में भी आया था, जहां तुम अकेली थी। पर अचानक स्नेहा आ गई तो मैं लौट गया था।

कायरा सिर्फ उसे सुन रही थी कुछ बोल नहीं रही थी। जॉली ने फिर आगे कहा- स्नेहा ने आकर मुझे तुमसे बात करने का मौका ही नहीं दिया। फिर उसने अपने जींस की जेब में हाथ डाला और एक लेटर निकालकर कायरा के हाथ में थमा दिया। फिर जाते हुए उसने कहा- बहुत सोच-समझकर इसका जवाब देना। कायरा हाथ में लेटर लेकर असमंजस की स्थिति में थी।

उसने आवाज लगाते हुए जॉली से कहा- ये सब क्या है जॉली, जॉली... जॉली मुझे ये सब बिल्कुल पसंद नहीं है। हालांकि जॉली उसकी आवाज को नजर अंदाज करते हुए कहा चला गया था।

कायरा ने ना चाहते हुए भी वो लेटर खोला। उसके सिर्फ तीन अल्फाज लिखे थे, I LOVE YOU।

कायरा को बहुत गुस्सा आ रहा था, पर गुस्सा जाहिर करने के लिए उसके सामने जॉली नहीं था। कायरा का मन कर रहा था कि इस लेटर का जवाब जॉली को एक थप्पड़ से दे, पर जॉली वहां नहीं था। उसने अपनी हथेली को जोर से बंद किया, जिससे वो लेटर मुड़ गया और कायरा ने गुस्से वो लेटर वहीं फेंक दिया और आगे बढ़ गई। अपने टेंट में जाकर बैठ गई थी। अब उसे स्नेहा की बात याद आ रही थी कि तेरे चाहने वालों में एक नाम और जुड़ गया है। स्नेहा ने उसे जॉली का नाम भी बताया था, पर उस समय कायरा ने स्नेहा की बात को माना नहीं था। अब जॉली उसे लेटर थमाकर चला गया था। कायरा अब भी बहुत गुस्से में थी। वो गुस्से में ही बाहर निकली और जॉली को तलाश करने लगी।