प्यारी दुनिया... - 9 - (चोट के निशान...) Deeksha Vohra द्वारा प्रेम कथाएँ में हिंदी पीडीएफ

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प्यारी दुनिया... - 9 - (चोट के निशान...)

एपिसोड 9 ( चोट के निशान ... )
कनिका कायरा के लिए बहुत परेशान थी | वो अब थक चुकी थी ... उसे कुछ भी समझ नहीं अ रहा था | अपने कमरे में कनिका कायरा को सुला रही थी | कायरा का मासूम चहरा देख ... कनिका को उस पर बहुत प्यार्र आ रहा था | कनिका के दिमाग में अबीर की बातें चल रही थीं | फिर अचानक कनिका को दो साल पहेल जिस आदमी के साथ कनिका ने रात बिताई थी | उसकी कुछ स्मृतियाँ कनिका की आँखों के सामने आने लगीं | कनिका मन ही मन सोचने लगी | “आखिर कौन था वो आदमी ...”
यूँ ही कनिका को कब नींद आ गई ... उसे पता ही नहीं चला | अगले दिन ... कनिका की आँख खुली ... जब उसने कायरा की प्यारी सी आवाज़ सुनी | कायरा बोली... “ममा ...आप ऊठ गए?”
कनिका के चेहरे पर एक प्यारी सी स्माइल आ गई | उसने कायरा को अपनी गोद में उठाया ओर नहलाने लगी | कायरा को यूँ हस्ते देख ... कनिका के दिल को तोड़ी राहत मिल रही थी | कायरा नहाते टाइम पानी से खेल रही थी | कायरा को पानी में , मिटटी में खेलना बहुत पसंद था | फिर कनिका कायरा से बोली | “कायरा ... बेटा ममा को आज काम से बहार जाना है | तो आप घर पर ही रहना ओके | शाम को मासी आ जाएँगी | ओर वो आपके साथ रहेंगी | पर आप उन्हें परेशान मत करना | मुझे आने में लेट हो जायेगा | ...”
कायरा बोली ... “ठीक है ममा ... आप जाओ ...”
कनिका को आज किसी से मिलने जाना था | उसे अपनी पेंटिंग्स के लिए ... कुछ कलर्स चाहिए थे | तो उसे वो लेने डीलर्स से मिलने जाना था | शाम हो चुकी थी |
रिया कनिका के घर आने के लिए अपने ऑफिस से बाहर निकल ही रही थी ... की उसे अचानक से चक्कर आने लगे | रिया की आँखों के सामने सब धुन्दला धुन्दला होने लगा | पर वो गिरती ... उससे पहले ही दो मज़बूत हातों ने उसे थाम लिया | रिया ने अपनी आँखें थोड़ी से खोली ... देखा तो उसे किसी ओर ने नहीं बल्कि वीर ने पकड़ा था | रिया वीर को देख ... डर गई | ओर सिद्धे खड़ते हुए बोली | “वीर सर ...”
रिया आगे कुछ बोल पाती ... उससे पहले ही उसे फिर से चकर आने लगा ... पर वीर ने उसे फिर से थाम लिया | वीर परेशान होते हुए रिया से बोला |
“क्या हुआ ? तुम ठीक तो हो न ?”
रिया से कुछ भी बोला नहीं जा रहा था | ओर वो बेहोश हो गई | वीर ने जब देख की रिया बेहोश हो गई है ... उसने रिया को गोद में उठाया ओर हॉस्पिटल ले गया | वीर एक अलग एहसास को अपने अंदर फील कर सकता था | पर उसे समझ नहीं आ रहा था की ये क्या हो रहा है | फिर डॉक्टर वीर से बोला ... “देखिये मिस्टर वीर .. मिस रिया की बॉडी पर कुछ निशान है | लगता है की किसी ने उन्हें बहुत पूरी तरह पिता है |”
डॉक्टर की बात सुनते ही .. वीर का पारा हाई हो गया | वो वार्ड के अंदर गया .. जहाँ उसने रिया के शरीर पर कुछ निशान देखे .... वीर अपनी शक्तियों से जान पाता ... की ये निशान रिया को किसने दिए हैं ... उससे पहले ही रिया बेहोशी की हालत में बोली | “नहीं ... मुझे जाने दो ....जाने दो मुझे ...”
रिया के मुह से सुन .. वीर परेशान हो गया | वो रिया की बात सुनने के लिए ... थोड़े झुका | ओर तभी रिया ने अचानक से अपनी आँखें खोल दी | यूँ किसी को अपने इतने करीब देख ... रिया डर गई | ओर जोर से चिलाते हुए ... बोली | “दूर हो जाओ मुझसे ...”
वीर जल्दी से बोला | “रिलैक्स रिया ... इट्स मी ... वीर ...”
रिया ने ध्यान दिया की उसके सामने कौन है | तो वो लम्बी सांस लेते हुए बोली | “ओह ... वीर सर ...आप ?”
“क्यूँ ... मैं यहाँ नहीं हो सकता ?” वीर बोला | तो रिया जल्दी से बोली ... “अरे सर अप कैसी बात कर रहे हैं | मेरा ये कहने का मतलब नहीं था”|
तो वीर आगे रिया से पूछने लगा | “ये सब किसने किया”
रिया को पहले तो समझ ही नहीं आया की वीर क्या बात कर रहा है | पर जब उसने वीर की नजरों का पीछा किया | तो उसे समझ आया | रिया ने जल्दी से अपनी बाँहों को चदर दे ढका | ओर हकलाते हुए बोली | “क्या ... क्या कुछ भी तो नहीं |” वीर ने देखा .. की रिया की आँखें लाल है | पर वो आगे कुछ नहीं बोला | रिया को अपनी गोद में उठाया ओर वहां से लजाने लगा | रिया ने जब वीर से पुछा की कहाँ ले जा रह है | तो वीर अपनी सर्द आवाज़ में बोला “तुम्हारे घर ...”
फिर रिया जल्दी से बोली | “पर मुझे घर नहीं जाना ...” इस बात पर वीर ने रिया की तरफ देखा ... मनो पूछ रहा हो .. की घर नहीं जाना तो कहाँ जाना है तुम्हे इतनी रात को ?| तो रिया जल्दी से आगे बोली “वो मुझे कनिका ... मेरी दोस्त कनिका ... उसके घर जाना है | उसकी बेटी कायरा आज घर पर अकेली है | ओर वो किसी काम से बहार गई है | तो ....”
रिया को वीर ने गाड़ी में बिठाया | ओर कार ड्राइव करने लगा | ओर वीर बोला | “एड्रेस ?” तो रिया ने जल्दी से एड्रेस बता दिया | कुछ ही देर में दोनों कनिका के घर पर थे |