एपिसोड 10 ( सांप का बचाना ... )
जहाँ एक तरफ कनिका के घर पर वीर ओर रिया पहुंच गये थे | वहीँ आज कनिका किसी काम से ... पुब में किसी से मिलने आई थी | तभी कनिका की नज़र अपनी सौतेली बहन पलक पर पड़ी | जब से कनिका इंडिया आई थी | तब से पलक उसे बार बार फ़ोन करके परेशान कर रही थी | पर कनिका पलक का फ़ोन ही नहीं उठा रही थी | पलक ने तो कनिका जब पब के अंदर ही आई थी | तभी उसे देलख लिया था | ओर पलक अभी भी कनिका से बहुत नफरत करती थी | पलक मन ही मन बोली | “दो साल पहले तो तू बच गई कनिका ... पर आज नहीं बच पायेगी ... मैं भी देखती हूँ .. की आज तुम्हे कौन्ब्चाता है मुझसे |”
कनिका को नहीं पता था की ... आज उसकी ज़िन्दगी एक नया मोड़ लेने वाली थी | मीटिंग के दौरान कनिका को अच्चानक से गर्मी लगने लगी | ओर हलके हलके चक्कर आने लगे | कनिका को ये समझते देर ने लगी | की उसके साथ क्या हो रहा है | वो जल्दी से अपनी जगह पर उठी .. ओर बोली ... “मैं बस थोड़ी देर में आती हूँ ...” | कनिका वहां से उठकर ... वोशरूम में चली गई | उसे पता था की उसे किसी ने ड्रग दिया है | कनिका के दिमाग में पहला नाम पलक का ही आया था | क्यूंकि कनिका ने पलक को उसे गुस्से में घूरते देख लिया था | अब कनिका को खुद पर ही गुस्सा आ रहा था | की वो यहाँ क्यूँ आई | कनिका की तबियत अब खराब हो रही थी | तभी उसने रिया को कॉल किया | रिया , वीर ओर कायरा सब साथ में बैठकर टीवी देख रहे थे | वीर अभी तक अपने घर नहीं गया था | कायरा को देख ... वीर ने सोचा की “थोड़ी देर बाद चला जायूँगा ... जब कनिका आ जाएगी” | कायरा रिया की गोद में बड़े आराम से सो रही थी | तभी रिया ने देखा की उसे कनिका फ़ोन कर रही थी | क्यूंकि रिया की गोद में कायरा थी ... तो वीर ने रिया का फ़ोन उठा लिया .. ओर उसे स्पीकर पर डाल दिया | कनिका अपनी दर्द भरी आवाज़ में बोली ... “कोई सवाल मत पूछना ...रिया ... ( भारी सांस लेते हुए ) पलक ने फिर से मुझे कोई ड्रग दिया है | मुझे कुछ भी समझ नहीं आ रहा ..क्या करूँ |”
कनिका की बात सुन ... रिया ओर वीर ... दोनों ने एक दुसरे की तरफ देखा | वीर जल्दी से बोला | “मिस कनिका ... क्या हुआ ? आप ठीक तो है ? कहाँ है आप” न कनिका कुछ बोल पाती ... उससे पहले ही फ़ोन क्त गया | रिया को अब टेंशन हो रही थी | वो वीर से बोली | “अब क्या करूँ मैं | ये पलक .. कनिका को छोड़ क्यूँ नहीं देती | दो साल पहले भी उसने ...” वो ये बोलती बोलती रुक गई | फिर वीर बोला | “तुम चिंता मत करो | मैं अबीर को कॉल करता हूँ | क्या तुहे पता है की कनिका कहाँ है ?”
वीर ने जल्दी से अबीर को फ़ोन कर दिया | वहीँ दूसरी तरफ |
कनिका जब रिया से बात कर रही थी | अचानक से वोश्रूम में कोई आया | ओर उसने कनिका को पिच्छे से पकड़ लिया | कनिका का शरीर आग की तरह जल रहा था | खुद के पास किसी आदमी को महसूस कर ... कनिका पैनिक करने लगी | उसने उस आदमी को धक्का दिया | ओए वहां से जाने लगी | पर उस आदमी ने कनिका को नहीं जाने दिया | बल्कि उसे उठा कर एक कमरे में ले गया | ओर नशे में कनिका से बोला | “अरे ... पिछली बार टू बच गई थी | पर इस बार नहीं बच पायेगी .... हा हा हा हा” |
कनिका अब डर के मारे कांप रही थी | वो इतने नशे में थी | की उससे खड़ा भी नहीं हुआ जा रहा था | वो फील कर पा रही थी | की कोई उसके करीब आने की कोशिश कर रहा था | नशे में कनिका ने ज़ोर से उस आदमी को धक्का दिया | पर अचानक से किसी ने कनिका के पहले हाथ पकड़ लिए | ओर फिर पैर | कनिका अब बहुत लाचार महसूस कर रही थी | वो खुद को बचाने की बहुत कोशिश कर रही थी | पर इतने नशे में होने की वजह से ... कनिका की साड़ी कोशिशें नाकामियाब हो रही थीं | कनिका की आँखों में आंसू थे | वो रोते हुए बोली | “प्लीज़ ... प्लीज़ मुझे जाने दो .. जाने दो मुझे ...” | कनिका आगे कुछ बोल पाती .... एक आदमी ने उसका टॉप फाड़ दिया | कनिका अब बहुत बुरी तरह डर रही थी | वो खुद को बचाने की कोशिश कर रही थी | कनिका रो रही थी | मद्दत की गुहार लगा रही थी | पर कोई उसकी मद्दत करने नहीं आया | अब तक कनिका को पूरी तरह ड्रग्स का असर हो चूका था | ओर अब उसे चक्कर भी आ रहे थे | इतना रोने की वजह से कनिका की आँखें सूज गईं थी | एक आदमी का हाथ अपनी कमर पर महसूस होते ही ... कनिका ज़ोर से चीलाई | “नहीं ... प्लीज़ ऐसा मत करो ...”|
पर वो आमी नहीं रुका | ओर धीरे धीरे अपना हाथ उपर की ओर लेजाने लगा | अब कनिका को लग रहा था की ... अब उसे कोई नहीं बचा सकता है | उस आदमी का हाथ कनिका के साइन तक आता ... उससे पहले ही ... एक सांप ने उस आदमी के हाथ पर डंक मार दिया | कनिका ने वो सांप देखा .... ओर उसके बाद उसकी आँखों के सामने अँधेरा सा हो गया | उस सांप ने सब को एक एक कर ... मार डाला | ओर फिर वो सांप ... कनिका की तरह बढ़ा | कनिका बेहोश थी | उसे कुछ भी पता नहीं था | वो सांप कनिका के पास आया | ओर अचानक से एक इंसान के रूप में बदल गया | वो सांप ओर कोई नहीं बल्कि अबीर था | अबीर की नजर कनिका पर गई | ओर कनिका के साइन पर उस तिल पर गई |
अबीर की आँखों में गुस्सा साफ़ साफ़ देखा जा सकता था | उसके सर पर मनो खून सवार हो गया हो | फिर अबीर ने एक नजर उन आदमियों की तरफ फेरी | ओर किका की ओर बढ़ गया | तभी अबीर को वहां किसी के आने की आवाज़ आई | वीर कुछ लोगों के साथ ... वहां आया था | अबीर ने जल्दी से अपनी जैकेट निकाली ओर कनिका के बदन को ढक दिया | ओर उसे अपनी गोद में उठा लिया |
कुछ देर बाद ....
गुस्से में अबीर ... कनिका को अपनी गोद में लेकर अपने घर जा रहा था | आगे बैठा वीर ... भी अब डर रहा था | तभी वीर को रिया का फ़ोन आया | रिया बोली | “वीर सर .. कनिका ...” | वीर बोला | “मिस कनिका ठीक है ...तुम चिंता मत करो | ओर सो जाओ | अभी वो घर नहीं आ पाएंगी ...” रिया आगे कुछ बोल पाती ... वीर ने फ़ोन काट दिया | पर रिया ने दुबारा फ़ोन नहीं किया .. ये सोच कर की अब कनिका सेफ है | ओर वीर भी है | तो उसे परेशान होने की जरूरत नहीं है | फिर वीर ने अबीर की तरफ देखा .... अबीर बोला .... “सब हो गया ...” | “हाँ .... वो लोग मेरे कब्ज़े में हैं ... अभी तुम्हारे ज़हर की वजह से बेहोश हैं ... बाकि तुम कल ....” | वीर बोला |