पकडौवा - थोपी गयी दुल्हन - 3 Kishanlal Sharma द्वारा सामाजिक कहानियां में हिंदी पीडीएफ

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पकडौवा - थोपी गयी दुल्हन - 3

"तुम बहुत शातिर और चालक औरत लगती हो।"उस युवती की बाते सुनकर अनुपम बौखला गया,"शादी का इतना ही शौक था तो तलाश कर लिया होता कोई लड़का।इस तरह जबरदस्ती करने की क्या जरूरत थी।इससे मिला क्या?क्या पति मिल जाएगा?"
"मैं क्या करूँ।मेरी क्या गलती है।मेरे माँ बाप है नही।भाई ने ही मुझे पाला है।भाई के भी चार लड़कियां है।उसने मुझे खूब पढ़ाया।यह सोचकर कि मेरी शादी अच्छी जगह कर देगा।मेरे भाई ने मेरे लिए वर तलाशने में कोई कसर नही रखी।लेकिन दहेज इतना मांगा गया कि" वह बोली,'भाई मुझे घर मे कब तक रखता ।उसने बहुत कोशिश की।पर कही बात नही बनी।मेरे भाई के एक दोस्त ने मेरी शादी कराने के लिए पकड़वा गेंग की मदद लेने की सलाह दी।भाई तैयार नही था।पर परिवार के लोगो के दबाव में मान गया।।"अपनी बात कहते हुए उस युवती का गला भर्रा गया।
"तुम्हारा भाई मूर्ख और बुद्धिहीन है।शादी एक पवित्र बंधन है।इस बन्धन में बंधने के लिए पवित्रता की जरूरत होती है।तुम्हारे भाई ने इस बन्धन को इस तरह शादी कराकर अपवित्र कर दिया।उसने शादी का पूरा नाटक रचकर मेरी शादी जबरदस्ती गुंडों का सहारा लेकर तुमसे करा दी।पर तुम्हारे भविष्य के बारे में नही सोचा।यह नही सोचा कि इस तरह की शादी के बाद तुम्हारा क्या होगा?"अनुपम बोला,"इस तरह की शादी करके वह मुझे कैसे मजबूर कर सकता है कि मैं तुम्हे अपना लूंगा।तुम्हारे भाई की गुंडागर्दी इसी गांव में चलती है।बाहर मेरे शहर मे नही चलेगी।तुम चाहे जितने तर्क दे लो।मैं इस शादी को नही मानता।"
अपनी बात कहकर अनुपम कमरे में बिछी खाट पर लेट गया।रात धीरे धीरे सरक रही थी।लेकिन अनुपम की आंखों में नींद नही थी।वह खाट पर पड़ा सोचता रहा।
उसकी माँ चाहती थी।वह शादी कर ले।अनुपम अपने साथ शहर में पढ़ने वाली लड़की को चाहता था।उससे प्यार करता था और उसे अपनी जीवन संगनी बनाना चाहता था।पर वह लड़की ईसाई थी।माँ चाहती थी।उसका बेटा अपने धर्म और जाति की लड़की से शादी करे और माँ बिना उसे दूल्हा बने देखा चली गयी।
अनुपम ने बिहार के पकड़वा गेंग के बारे में सुना ही नही था।अखबारों में भी जब तब उनके कारनामे छपते रहते थे।बिहार में ऐसे अनेक गिरोह सक्रिय थे जो उच्च पद पर कार्यरत अच्छे लड़को का अपहरण करके जबरदस्ती शादी कराते थे।इनकी मदद वे लड़की वाले लेते थे जो मोठे दहेज के अभाव में बेटी की शादी अच्छे वर से करने में असमर्थ हो।पहले उसे सुनी और पढ़ी हुई बात झूठ लगती थी।पर आज जब उसके साथ ऐसा हो गया तो उसे विश्वास हो गया जो कुछ उसने सुना और पढ़ा था।वो सच था।
आज वह घूमने गया।तब गुंडे उसे जबरदस्ती उठा ले गए और शादी का पूरा ड्रामा रचकर एक युवती से उसकी शादी करा दी थी।और शादी कराने के बाद उस युवती को उसके साथ घर भी छोड़ गए थे।
अनुपम अपने साथ घटी इस घटना से बुरी तरह विचलित था।व्यथित था।दुखी था।उसकी समझ मे नही आ रहा था।वह अब क्या करे?लड़की के भाई ने चाहे जैसे ही सही अपना धर्म निभा दिया था।उसने अपनी बहन की शादी गुंडों की मदद से ही सही उससे करा दी थी।