अमर सेनानी भगवतीचरण वोहरा दिनू द्वारा प्रेरक कथा में हिंदी पीडीएफ

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अमर सेनानी भगवतीचरण वोहरा

अमर सेनानी भगवतीचरण वोहरा के शहादत दिवस 28 मई पर उन्हें हमारा इन्क़लाबी सलाम !

शहीद भगवती चरण वोहरा नौजवान भारत सभा के संस्‍थापक सदस्‍य थे , हिन्दुस्तान समाजवादी प्रजातान्त्रिक संघ ( H S R A ) बनाने में उनका अहम योगदान था । भगतसिंह , सुखदेव , बटुकेश्वर दत्त और विजय कुमार सिन्हा की ही तरह भगवती चरण वोहरा भी एक गंभीर अध्ययनशील क्रान्तिकारी थे और अध्ययन ने उन्हें समाजवाद का पुरजोर समर्थक बना दिया था । एच. एस. आर. ए. का घोषणापत्र तैयार करने में और क्रान्ति का लक्ष्य समाजवादी गणराज्य की स्थापना तय करने में शहीद भगवती चरण वोहरा की भी अहम भूमिका थी ।

भगवती चरण वोहरा की जीवनसाथी दुर्गावती वोहरा ( दुर्गा भाभी ) भारत के स्वतन्त्रता संग्राम में क्रान्तिकारियों की प्रमुख सहयोगी और क्रान्तिकारी दल की सदस्य थीं । 28 दिसम्बर 1928 को भगत सिंह और बटुकेश्वर दत्त ने इन्ही दुर्गा भाभी और इनके बेटे के साथ वेश बदल कर कलकत्ता - मेल से यात्रा की थी । 28 मई 1930 को एक बम के परीक्षण के दौरान हुई दुर्घटना में भगवती चरण वोहरा शहीद हुए थे ।

मेरे पति की मृत्यु 28 मई 1930 में रावी नदी के किनारे बम विस्फोट के कारण हुई थी । उनके न रहने से भैया ( चन्द्रशेखर आज़ाद ) कहते थे कि उनका दाहिना हाथ कट चुका है । ~ दुर्गा भाभी

भगवती चरण वोहरा के शहादत दिवस के अवसर पर हम उन्हें इन्क़लाबी सलाम पेश करते हैं और उनके सपनों के समतामूलक समाज की स्थापना का संकल्प लेते हैं।


अमर सेनानी भगवतीचरण वोहरा के शहादत दिवस 28 मई पर उन्हें हमारा इन्क़लाबी सलाम !

शहीद भगवती चरण वोहरा नौजवान भारत सभा के संस्‍थापक सदस्‍य थे , हिन्दुस्तान समाजवादी प्रजातान्त्रिक संघ ( H S R A ) बनाने में उनका अहम योगदान था । भगतसिंह , सुखदेव , बटुकेश्वर दत्त और विजय कुमार सिन्हा की ही तरह भगवती चरण वोहरा भी एक गंभीर अध्ययनशील क्रान्तिकारी थे और अध्ययन ने उन्हें समाजवाद का पुरजोर समर्थक बना दिया था । एच. एस. आर. ए. का घोषणापत्र तैयार करने में और क्रान्ति का लक्ष्य समाजवादी गणराज्य की स्थापना तय करने में शहीद भगवती चरण वोहरा की भी अहम भूमिका थी ।

भगवती चरण वोहरा की जीवनसाथी दुर्गावती वोहरा ( दुर्गा भाभी ) भारत के स्वतन्त्रता संग्राम में क्रान्तिकारियों की प्रमुख सहयोगी और क्रान्तिकारी दल की सदस्य थीं । 28 दिसम्बर 1928 को भगत सिंह और बटुकेश्वर दत्त ने इन्ही दुर्गा भाभी और इनके बेटे के साथ वेश बदल कर कलकत्ता - मेल से यात्रा की थी । 28 मई 1930 को एक बम के परीक्षण के दौरान हुई दुर्घटना में भगवती चरण वोहरा शहीद हुए थे ।

मेरे पति की मृत्यु 28 मई 1930 में रावी नदी के किनारे बम विस्फोट के कारण हुई थी । उनके न रहने से भैया ( चन्द्रशेखर आज़ाद ) कहते थे कि उनका दाहिना हाथ कट चुका है । ~ दुर्गा भाभी

भगवती चरण वोहरा के शहादत दिवस के अवसर पर हम उन्हें इन्क़लाबी सलाम पेश करते हैं और उनके सपनों के समतामूलक समाज की स्थापना का संकल्प लेते हैं।