कहानी करवाचौथ की दिनू द्वारा आध्यात्मिक कथा में हिंदी पीडीएफ

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कहानी करवाचौथ की

प्राचीन काल में ‘करवा’ नाम की एक पतिव्रता स्त्री अपने पति के साथ नदी किनारे एक गाँव में रहती थी । कार्तिक मास के कृष्णपक्ष की चतुर्थी (चौथ) के दिन उसका पति नदी में स्नान करने के लिए गया । स्नान करते समय एक मगर (मगरमच्छ) ने उसका पैर पकड़ लिया । वह’ करवा करवा’ नाम लेकर जोर-जोर से अपनी पत्नी को पुकारने लगा ।

उसकी आवाज सुनकर उसकी पत्नी दौड़कर आई और उसने मगर को कच्चे धागे से बाँध दिया । मगर को बाँधकर वह यमराज के यहाँ पहुँची और यमराज से बोली-भगवान! मगरमच्छ ने मेरे पति का पैर पकड़ लिया है।

अतः पैर पकड़ने के अपराध में आप अपने बल से उस मगरमच्छ को 18 नरक में ले जाओ यमराज ने कहा-अभी मगरमच्छ की आयु शेष है, अतः मैं उसे नहीं मार सकता । इस पर करवा ने कहा-यदि आप ऐसा नहीं करोगे तो मैं आपको श्राप देकर नष्ट कर दूँगी ।

यह सुनकर यमराज डर गये और उस पतिव्रता स्त्री करवा के साथ जाकर मगरमच्छ को उन्होंने यमपुरी भेज दिया और करवा के पति को दीर्घायु प्रदान की । उसी दिन से यह करवा चौथ मनाई जाती है और सुहागिन स्त्रियों के द्वारा व्रत रखा जाता है । हे करवा माता ! जैसे तुमने अपने पति की रक्षा की, वैसे सबके पतियों की रक्षा करना।

सभी माताओं और बहनों की करवाचौथ की अनंत शुभकामनाएं

माता रानी का आशीर्वाद सदा बना रहे व मा भवानी जीवन की झोली में ढेर सारी खुशी दे व जीवन सरल व सहज चलता रहें तथा हर कठिनाई से लड़ने की क्षमता प्रदान करे

प्राचीन काल में ‘करवा’ नाम की एक पतिव्रता स्त्री अपने पति के साथ नदी किनारे एक गाँव में रहती थी । कार्तिक मास के कृष्णपक्ष की चतुर्थी (चौथ) के दिन उसका पति नदी में स्नान करने के लिए गया । स्नान करते समय एक मगर (मगरमच्छ) ने उसका पैर पकड़ लिया । वह’ करवा करवा’ नाम लेकर जोर-जोर से अपनी पत्नी को पुकारने लगा ।

उसकी आवाज सुनकर उसकी पत्नी दौड़कर आई और उसने मगर को कच्चे धागे से बाँध दिया । मगर को बाँधकर वह यमराज के यहाँ पहुँची और यमराज से बोली-भगवान! मगरमच्छ ने मेरे पति का पैर पकड़ लिया है।

अतः पैर पकड़ने के अपराध में आप अपने बल से उस मगरमच्छ को 18 नरक में ले जाओ यमराज ने कहा-अभी मगरमच्छ की आयु शेष है, अतः मैं उसे नहीं मार सकता । इस पर करवा ने कहा-यदि आप ऐसा नहीं करोगे तो मैं आपको श्राप देकर नष्ट कर दूँगी ।

यह सुनकर यमराज डर गये और उस पतिव्रता स्त्री करवा के साथ जाकर मगरमच्छ को उन्होंने यमपुरी भेज दिया और करवा के पति को दीर्घायु प्रदान की । उसी दिन से यह करवा चौथ मनाई जाती है और सुहागिन स्त्रियों के द्वारा व्रत रखा जाता है । हे करवा माता ! जैसे तुमने अपने पति की रक्षा की, वैसे सबके पतियों की रक्षा करना।

सभी माताओं और बहनों की करवाचौथ की अनंत शुभकामनाएं

माता रानी का आशीर्वाद सदा बना रहे व मा भवानी जीवन की झोली में ढेर सारी खुशी दे व जीवन सरल व सहज चलता रहें तथा हर कठिनाई से लड़ने की क्षमता प्रदान करे