"और सुना मीनल क्या हाल-चाल है!! बच्चे कैसे हैं !!"
" सब ठीक-ठाक है मम्मी और बच्चे भी बढ़िया हैं अपने कमरे में फिल्म देख रहे हैं!!"
" कौन सी फिल्म देख रहे हैं!!"
" शादी के साइड इफेक्ट्स 2" मीनल ने कहा
सुन मीनल की मम्मी मीता जी की हंसी छूट गई।
"क्या हुआ मम्मी! किस बात पर हंसी आ रही है!!"
" अपनी बेवकूफी पर और तेरी समझदारी पर । भूल गई शादी के साइड इफेक्ट!!" मीता जी ने फिल्म के नाम पर जोर देते हुए कहा।
" अरे याद आ गया मम्मी!" यह भी खूब कही कहकर दोनों मां बेटी हंसते हुए काफी देर तक बातें करते रहे।
फोन रखने के बाद मीता जी अपनी पिछली बातों को याद कर मन ही मन मुस्कुराती रहीं।
आज भी याद है उन्हें 4 साल पहले जब वह अपनी बेटी मीनल के घर गई थी तो....
"कौन सी फिल्म देख रहे हो बच्चों!!" मीता जी ने अपने नाती नातिन से पूछा।
"शादी के साइड इफेक्ट्स!!"
" हैं एएएएए!! ये कैसा नाम भला ! लग तो हिंदी फिल्म रही है पर ये अंग्रेजी नाम क्यों!! क्या मतलब है इसका!!" मीता जी हैरान होते हुए बोली।
"नानी मतलब हम बाद में समझाएंगे!! प्लीज अभी फिल्म देखने दो। वैसे बड़ी इंटरेस्टिंग मूवी है। आप भी देखो ना। फिल्म देखते हुए आपको मतलब खुद समझ में आ जाएगा!! " बच्चे चहकते हुए बोले।
"क्या मजा आएगा!! जब फिल्म का नाम ही समझ में नहीं आ रहा तो!!" मीता जी आंखों को फैलाते हुए बोलीं।
"क्यों बड़बड़ा रही हो मम्मी!! अरे आजकल की फिल्मों के नाम ऐसे ही होते हैं!!
लो चाय पियो और बताओ घर पर सब कैसे हैं!! पापा, भैया और आपकी नई नवेली बहू!!" मीता जी की बेटी अपनी मम्मी को चाय का कप पकड़ाते हुए बोली।
" अरे, अपने पापा की तो तू पूछ मत!! रिटायर क्या हुए
नाक में दम ला रखा है उन्होंने मेरी। मिनट मिनट में चाय। परेशान हो गई थी, मैं तो उनके चाय प्रेम से। इससे तो बढ़िया ऑफिस में ही भले थे!! वो तो शुक्र है बहू ने आते ही सब संभाल लिया!!"
मीता जी चाय का घूंट भरते हुए बोली।
"चलो, बहू के आने से आपको यह सुख तो हुआ मम्मी।। वरना आधा दिन आपका रसोई में खट जाता था और पापा भाई को तब भी खाना-पीना समझ नहीं आता।।"
मीता जी की बेटी हंसते हुए बोली।
"अरे, खाने पीने की बात चली तो याद आया। आजकल तो हमारे घर में उल्टी गंगा बहने लगी बिटिया!"
" वो कैसे मम्मी!"
" तुझे तो पता है तेरे पापा तो फिर भी सारी सब्जियां
बिना ना नकुर खा लेते थे लेकिन वह तेरा नकचढ़ा भाई पता है ना हर सब्जी खाने में कितने नखरे दिखाता था लेकिन बहू के आने के बाद अब हर सब्जी बिना नानकुर करे खा लेता है। यहां तक कि तोरी टिंडा भी। जो कभी उसने जीभ पर ना धरें
और हां 7:00 बजे तक घर में घुस जाता है। पहले छुट्टी के बाद भी अपने दोस्तों के साथ घूमता रहता था ।।
सच कहूं मीनल, तेरा भाई तो शादी होते ही जोरू का गुलाम बन गया।।" मीता जी मुंह बनाते हुए बोली।
"क्या मम्मी आप भी!! अच्छी बात तो है कि भाभी के आने से भाई बिना नखरे सब कुछ खाने लगा और समय से घर आने लगा। इसमें जोरू के गुलाम वाली क्या बात है।।
बल्कि आपको तो खुश होना चाहिए कि आपका बेटा घर गृहस्थी की जिम्मेदारी समझने लगा है।।" मीनल अपनी मम्मी को समझाते हुए बोली।
तभी पीछे से दोनों बच्चे हंसते हुए बोले
"नानी, इसे ही कहते हैं शादी के साइड इफेक्ट!!"
"नहीं नहीं बुद्धू इसे कहते हैं, शादी के अच्छे वाले साइड इफेक्ट!! "
कहते हुए मीनल भी बच्चों के साथ उनकी हंसी में शामिल हो गई।
लेकिन बच्चों की नानी अभी भी समझने की कोशिश कर रही थी कि यह शादी के अच्छे इफेक्ट हैं या बुरे!!
मीनल की समय समय पर अपनी मां को भाभी के प्रति दी जाने वाली सलाह उसकी तरफदारी के कारण धीरे धीरे मीता जी को भी लगने लगा था कि यह शादी के अच्छे इफेक्ट हैं !!
दोस्तों परिवार में आए नए सदस्य का स्वागत प्यार व अपनेपन से तो करे ही साथ ही उसके प्रति सकारात्मक नजरिया भी जरूर रखें।
आपको मेरी यह रचना कैसी लगी कमेंट कर जरूर बताएं।
सरोज ✍️