ये सुनकर प्रेरित की आत्मा अपने बेटे के लिए तड़प उठी तभी प्रेरणा फिर बोली,
" उसके बाद मैं और नितेश उठे, मैं तुम्हें मार डालना चाहती थी पर नीतेश ने कहा अब हमें गायब होना पड़ेगा, इस दुनिया की नजर में हम मर जाएंगे और यह उम्र भर तीन खून की सजा जेल जाकर काटेगा, हम दोनों ने तुम्हारे सिर पर कई और वार किए, तभी वहां कुशल आ गया और हम तीनों ने मिलकर फिर एक प्लान बनाया और हॉस्पिटल के डॉक्टर से और पुलिस इंस्पेक्टर को बुला लिया और सारा प्लान समझा दिया, हम यह सब बातें कर ही रहे थे कि स्वप्निल ना जाने कब होश में आ कर हमारी बातें सुनने लगा, वो तुम्हें जगाने लगा रो रो कर उसका बुरा हाल हो गया, बड़ी मुश्किल से कुशल ने उसको समझाया और अपने घर ले गया क्योंकि हम दोनों अब दुनिया की नजर में मर चुके थे, कुशल ने यह बात सारे न्यूज़ चैनल और अखबार वालों को भेज दी | अब परेशानी थी छिपने की तो हमें एक जगह चाहिए थी" |
ये कहकर प्रेरणा चुप हो गई |
नीतेश ने कहा - " प्रेरणा को घायल दिखाकर कुशल ने उसे आईसीयू में भर्ती करा दिया और मुझे छुपने के लिए मेरे घर से ज्यादा सेफ कोई जगह नहीं थी, क्योंकि मेरा भी मर्डर तुम्हारे घर में हुआ था, मैं चुपचाप अपने घर में चला गया, वहां वो पागल औरत सीमा अपने ख्यालों में खोई थी मुझे लग रहा था, उस पर दवाइयों का असर हो रहा था, यह देखकर मुझे अच्छा लगा दो दिन मैं अपने उस घर में रहा और उस बेवकूफ़ औरत को पता ही नहीं चला, वो तो न्यूज़ भी नहीं देखती थी कि पता चले कि उसका पति मर चुका है, फिर उस दिन गलती से मैं अपना मोबाइल ऊपर अपने कमरे में भूल गया और कुशल से मिलने चला आया, उसने बताया कि तुम ठीक हो चुके हो और दो-तीन दिन में तुम्हारे अस्पताल से छुट्टी कर दी जाएगी, और उम्र कैद या फांसी तो तुम्हें होनी ही थी, अब धीरे-धीरे हर चीज प्लान के हिसाब से हो रही थी, मैं रात को अपने घर आया तो देखा सीमा मेरा मोबाइल पकड़े बैठी थी, मैं समझ गया ये जरूर मेरा राज जान गई है, अब इसे मारना ही पड़ेगा |
मैं उसे मारता इससे पहले ही वहां एक आदमी आया यह वही सीमा का आशिक था, सीमा ने झट से अपना सूटकेस निकाला और उसकी गाड़ी में बैठ गई, मैं समझ गया दोनों मेरा राज जान गए हैं, दोनों भाग कर शादी करने वाले हैं अब इन दोनों को सबक सिखाना पड़ेगा, मैं उनकी गाड़ी में छुप कर बैठ गया |
सीमा को पता चल गया था कि मैं उसे मार दूंगा, वो तूफानी रात मुझे आज भी अच्छे से याद है मैंने सीमा को मार डाला और गन पर उस आशिक के फिंगरप्रिंट बना दिए, लाश को उसी की गाड़ी में भर दिया, सीमा के सारे जेवर सूटकेस में डाल दिए ताकि केस लूट के बाद मर्डर का लगे, इतना करने के बाद मैंने कुशल को सारी बात बताई और फोन तोड़ वही पानी में फेंक दिया" |
ये कहकर नीतेश चुप हो गया |