रेडीमेड स्वर्ग - 20 S Bhagyam Sharma द्वारा जासूसी कहानी में हिंदी पीडीएफ

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रेडीमेड स्वर्ग - 20

अध्याय 20

हेमंत के 'अचानक' झपटने का धनराज ने ही नही - नागू  ने भी उम्मीद नहीं की थी।

धनराज, मेज पर से उतर कर सिचुएशन को संभालने के पहले ही हेमंत का सर बुरी तरह से उसके पेट से टकराया।

रिवाल्वर उसके हाथ से नीचे गिर गया, हेमंत ने उसे उठा लिया। धनराज उस मार को संभल कर खड़ा होता -

उससे पहले ही बंदूक की आवाज आई।

पेट में लगे गोली से वह वहीं बैठ गया। दौड़कर नागु "हेमंत... तू ...तू...?

उसके बात करने के पहले

"डूम डूम डूम."

बंदूक की गोली उसके छाती में घुस गई।"

नागु नीचे गिरा और उसके छाती से खून बहने लगा।

नागू नीचे गिर कर खत्म होने लगा। हेमंत धनराज को देखते हुए चिल्लाया । "सुरभि...!.. भागते हैं..."

वे भागने लगे।

"हेमंत...! अपनी गाड़ी...?"

"कार नहीं चाहिए....! गोडाउन में से निकालना मुश्किल है। पहले यहां से निकलकर रोड पर पहुंचना है..."

दोनों दौड़ने लगे।

पचास कदम दौड़े होंगे।

सामने -

गेरू के धूल से लिपटी डिप्टी पुलिस की जीप आ रही थी। दोनों दौड़कर जीप को रोके। डी. एस. पी. जीप में से नीचे कूदकर उनके सामने आए। हेमंत घबराए हुए आवाज में बोला। -"सर….! उन दोनों जनों को मैंने शूट कर दिया।"

डी. एस. पी. ने उसके कंधे को थपथपाया।

"यू.... हैव डन यू डू ए गुड जॉब.... डरिए मत...... इस तरह के भयंकर आतंकवादी को मार डालना कोई गलत नहीं है। यू विल बी राइट.... जाकर उस जीप में बैठकर घर जाइए... हम डेड बॉडी को रिकवर करके आ रहे हैं।"

हेमंत और सुरभि दौड़कर जाकर दूसरी जीप जो खड़ी थी उसमें बैठ गए।

कांस्टेबल के पास जो जीप थी वही गोडाउन की तरफ भाग रही थी।