rain drops.. books and stories free download online pdf in Hindi

बारिश की बूंदें..

रवि और स्नेहा बहुत ही खुश थे,वें दोनों बहुत सालों बाद कहीं घूमने जा रहे थें,बच्चों ने ही उन दोनों को सलाह दी कि इस बार आप दोनों को अपनी शादी की सालगिरह पर अकेले हमारे बिना घूमने जाना चाहिए,वैसे भी हम दोनों बड़े हो गए हैं और खुद को सम्भाल सकते हैं।।
पहले तो स्नेहा ने मना किया कि बच्चों के बिना वो अकेली घूमने नहीं जाएगी लेकिन जब उसके बेटे स्वपनिल ने अपनी माँ स्नेहा को समझाया कि....
माँ! अब मैं अठारह साल का हो चुका हूँ और रूपसी सोलह की हो चुकी है,हमारी चिन्ता मत कीजिए,आप दोनों इन्जाँय किजिए,फिर दादी तो हैं ही हमारे साथ घर पर....
तब कहीं जाकर स्नेहा मानी और बच्चों के बिना घूमने जाने के लिए तैयार हुई....
रवि और स्नेहा अपनी जरूरत का सामान कार में रखकर चल पड़े शिमला की ओर,अभी शिमला पहुँचे नहीं थे कि बारिश होने लगी और अँधेरा भी गहराने लगा,अब रवि सम्भाल कर कार चला रहा था,एक तो अन्जान रास्ता ऊपर से अँधेरा और बारिश,....
तभी रास्तें में दूर उन्हें एक औरत नज़र आई,उस औरत को देखखर स्नेहा बोली....
कार मत रोकना,सीधे चलों....
रवि ने यही किया लेकिन कार जैसे ही औरत के पास से गुजरी तो कार बंद हो गई,स्नेहा और रवि बुरी तरह से डर गए,रवि ने कार स्टार्ट करने की कोशिश की लेकिन कार स्टार्ट नहीं हुई,तब तक वो औरत स्नेहा की खिड़की की तरफ शीशा खोलने की विनती करने लगी,कुछ देर तक तो दोनों ने उसकी बात नहीं मानी लेकिन तब रवि को उस औरत पर दया आ गई और उसने स्नेहा से कहा कि उसकी बात सुन लो,तब स्नेहा ने कार की खिड़की का शीशा नीचें किया,तब वो औरत बोली.....
मुझे आप दोनों की मदद की जरूरत है,मैं और मेरा पाँच साल का बेटा आ रहे थें,रास्तें में हमारी कार का एक्सीडेंट हो गया,हमारी कार एक पेड़ से टकरा गई,बच्चा अभी भी पीछे की सीट पर है,बारिश में उसे कार से बाहर नहीं लाई,कृपया करके मदद कीजिए,उस औरत की बात सुनकर दोनों को उस औरत पर दया आ गई,तब रवि ने पूछा आपकी कार कहाँ है?
वो औरत बोली....
देखिए वो रही,यही से दिख रही है,मैं वहाँ तक पैदल चलती हूँ,आप दोनों कार से वहीं पर आ जाइए....
लेकिन हमारी कार तो स्टार्ट नहीं हो रही,रवि बोला...
अब हो जाएगी,वो औरत बोली।।
और जैसे ही रवि ने कार स्टार्ट की तो कार सच में स्टार्ट हो गई.....
कार स्टार्ट होने पर रवि को कुछ आश्चर्य हुआ और फिर दोनों अपनी कार से उस कार तक पहुँचें, लेकिन वो औरत अब गायब थी,रवि अपनी कार से उतरा और उसने टाँर्च जलाई ,सच में बच्चा पीछे की सीट पर रो रहा था और आगें की सीट का दरवाजा खुला था और उसकी माँ लहुलुहान पड़ी थी,रवि ने बच्चे की माँ की नब्ज देखी तो वो बंद ह चुकी थी,फिर रवि ने उस औरत के चेहरे पर टाँर्च लगाई तो देखता है कि ये तो वही औरत थी जो अभी मदद माँगने आई थीं,रवि ने झटपट बच्चे को उठाया और स्नेहा को थमाया,फिर उसने पुलिस को फोन किया और घटना की जानकारी दी ये भी कहा कि बच्चा हमारे पास है,हम शिमला में आपको मिलेगें.....
फिर रवि ने स्नेहा से कहा....
देखा! एक माँ ऐसी होती है,जब तक बच्चे को सुरक्षित हाथों में पहुँचा नहीं दिया तो दुनिया नहीं छोड़ी, बारिश की बूँदों के बीच बच्चे को अकेला नहीं छोड़ा....

समाप्त.....
सरोज वर्मा.....




अन्य रसप्रद विकल्प

शेयर करे

NEW REALESED