Collection of short poems Chandani द्वारा कविता में हिंदी पीडीएफ

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Collection of short poems

Collection of short poems:


तेरे नाम लिख दूं

लिखने को तो चांदनी रात लिख दूं,
श्याम प्रिये, तारों की बारात लिख दूं,
तु जो दामन थामे तो,
में राधा तेरी हर श्रृंगार तेरे नाम लिख दूं।।

__

बदल जाते है सब...


बदल जाती है,
ये शाम ये शमा।

बदल जाती है,
हर एक ऋतु।

बदल जाती है,
इन्सान की किस्मत।

बदल जाता है,
पुराना साल।

बदल जाता है,
इन्सान का हाल।

बदल जाते है,
इन्सान के तौर तरीके।

बदल जाते है,
पुराने जज़्बात।

बदल जाते है,
हर एक ख़्वाब।

बदल जाते है,
तु और में भी।

नहीं बदलता तो बस इन्सान का स्वार्थ,
इन्सान कल भी स्वार्थी था, आज भी है और हमेंशा रहेगा।।

___


बेमतलब ही तुमसे मुलाक़ात हो


हमारी मंज़िल और मकसद भले अलग हो,
पर किसी मुकाम पे बेमतलब ही तुमसे मुलाक़ात हो।
महादेव करे मेरी यह बात कभी सच हो,
उस दिन मुक्कमल मेरा हर एक ख़्वाब हो।।


___

ढाई अक्षर का प्यार

ढाई पन्ने की ज़िन्दगी थी,
ढाई अक्षर का प्यार,
ढाई अक्षर के व्हेम के आगे,
हार गया ये संसार।


___

रोकना था उसे...

जब जा रहा था वो,
तब उसे रोकना चाहती थी
अपने दिल की बात
बताना चाहती थी
कुछ तो लिखा था ऊपरवाले ने
हमारे इस भाग्य में
तब ही यूं हम मिले वो
बताना चाहती थी
रोम रोम में उसी का
नाम बसा है
वो बताना चाहती थी
यूं बार बार उसपे शक करना
छोटी छोटी बात पे
ताने मारना
कुछ और नहीं वो प्यार था
बस यही कहना था उसे
रोकना था उसे
कुछ पल बैठे तो
बातों में उलझाकर
घंटों तक बस देखना था उसे
पर जब वो जा रहा था
तब उसने एक भी बार पीछे मुड़कर नहीं देखा
रोकती कैसे उसे
जिसको रुकना ही न था
बहुत कुछ था जो अभी
उसे कहना बाकी था
पर वो गया और सब ख़त्म हो गया।

__

करने सब कुछ अपना न्योछावर

पुख़्ता यक़ीन रखती हूं खुद पर,
तब ही करती हूं हर काम समयसर।

अपने शहर की हूं में दिवाकर,
पर हूं शून्य जब सामने हो हमसफ़र।

हर दम रहती हूं मयस्सर,
करने सब कुछ अपना न्योछावर।

___



मेरे सभी प्रेमियों का शुक्रिया


मेरे सभी प्रेमियों का शुक्रिया
जिसने कभी मुझे प्रेम किया था
खास तौर पर वह
पहले वाला
जिसे दिक्कत थी मेरे
शक करने वाले स्वभाव से
ज्यादा पूछने वाले सवाल से
हर वक्त होने वाली उसकी चिंता से
बात बात में छुपी फ़िक्र से
मेंने धीरे धीरे ख़ुद को बदल दिया
उसके सांचे में ढलने को
सब कुछ पुराना छोड़ दिया
यहां तक कि स्वभाव भी अपना
बदल दिया पर अफसोस
सही वक्त पर ना बदल पाई
जब वो चाहता था
दूसरे वाले
को दिक्कत थी
मेरे बेफिक्रेपन से
कहती बाकी प्रेमिकाएं
बहुत फ़िक्र करती है
अपने प्रेमी का ख़्याल रखती है
पर तुम अल्हड़ हो
अब में संकट में थी
ख़ैर फ़िर से बात बात पे चिंता करना
फ़िक्र करना शुरू कर दिया
पता नहीं फ़िर भी उसे कुछ जमा नहीं
छोड़ गया वो भी पहले वाले कि तरह
तीसरे वाले
को नहीं पसंद था मेरा ज्यादा बोलना
हालचाल या कोई सवाल पूछना
यहां तक कि उठना बेठना
खाना पीना सोना कुछ भी
वो तंग हो गया मुझसे
चला गया जब मन भर गया
चोथे वाले
को नहीं पसंद आया मेरा कम बोलना
ज्यादा बातें न करना
चुपचाप रहना
मेरा रंग यहां तक मेरा आकर
नहीं पसंद आया उसे
उसे नहीं पसंद था मेरा
कभी कभी ही उसका हाल पूछना
अब तंग हो गई में
इन सब के बीच अपना वजूद खोता देख
दंग रह गई में
सब छोड़ दिया मैंने
अब एक नौकरी मिल गई मुझे
पर अब किसीको प्रेम नहीं करती
डर लगता है कहीं किसी प्रेमी
को मेरी नौकरी पसंद ना आई तो?


___


आख़िर आज मिल ही आई उसे


आख़िर आज मिल ही आई उसे
रोज़ सपनों में आ कर
परेशान कर रखा था
नाक में दम कर रखा था उसने
पता नहीं क्यूं यूं बार बार
सपने में आता था वो
वहीं अपना ब्लेक शर्ट ब्लू डेनिम
बहुत चंट है वो
जानता है मुझे बहुत पसंद है
उसका ब्लेक शर्ट पहनना
लुभाना तो कोई उससे सीखे
जब सामने था वो
तो पलके उठ ही नहीं रही थी
बहुत सवाल करने थे उससे
क्यूं यूं बार बार सपने में आता है
दिल जलाता है
आख़िर है कोन वो मेरा
क्यूं पराया वो इंसान
अपना बन दिल लुभाता है
क्यूं उसे बार बार
गले लगाने को जी चाहता है
अब और इंतज़ार नहीं करना
पलकें उठाई मेंने करने उससे
ढैर सारे सवाल
हो गया फ़िर से वही बवाल
एक और सपना उसका
वाकेही था बड़ा बेमिसाल
रब ही जाने कब मुकम्मल
होगी चाह मिलने कि उससे
पर जब तक नहीं मिलता वो
तब तक रहेगा मुसलसल
उसका ही ख़्याल

___


औकात से ज्यादा प्यार...

नफ़रत के ही काबिल थी उसकी आख़िर
औकात से ज्यादा प्यार जो किया था

उसे दिक्कत थी मेरे उससे प्यार करने पे
मुझे शिकायत थी उसके मुझे प्यार न करने पे

जिस्म मेरा उसे बार बार लुभाता था
चेहरा उसका बार बार मुझे तड़पाता था

गुस्सा करता था वो मेरे किसी भी सवाल पूछने पर
नाराज़ होती थी में उसके जवाब ना देने पर

काश जानती अपना भाग तो ना
करती उससे यूं चाह जो छोड़ गया था मुझे बीच राह।।

___

ऑनलाइन से ऑफलाइन

मुझे देख जब वो ऑनलाइन से ऑफलाइन हो जाता है,
तब ये दिल का कमरा अंधेरे से भर जाता है।

मिलों की दूरी है हमारे दरमिया यही बात हर पल सताती है,
पर उससे इस बात से कोई मतलब नहीं है।

जब वो रूठता है तो उसकी खिदमत में हर बार सिर झुकाया है,
पर मेरे रूठने पर उसने एक बार भी मुझे नहीं मनाया है।

जानती हूं वो मेरा है ही नहीं पर ये दिल बार बार उस ही पे आया है,
पर उसने मेरी मोहब्बत का हर वक्त मज़ाक ही बनाया है।

क्या नाम दूं इस निस्वार्थ निशब्द और अनकहे अनदेखे एहसास का,
जिसे देखा तक नहीं उसीको हर घड़ी हर पल पागलों की तरह चाहा है।

जब जब कोई प्यारा लम्हा सामने आया है,
तब सिर्फ़ उसीका ख़्याल आया है।

*

इस टेक्नोलॉजी के ज़माने में रिश्ते भी ऑफलाइन हो गए है,
ना किसी के लिए भाव ना ही कोई हमदर्दी बचा है तो बस कपट।।

___

किस काम का?

लोगों के लिए चलता लोकतंत्र है
पर जब लोग ही नहीं तो
लोकतंत्र भला किस काम का?

तरक्की तो सबके लिए होती है
पर जब कहीं दो वक़्त चूल्हा न जले तो
वो तरक्की भला किस काम की?

रोजी-रोटी के लिए ही तो सारे व्यापार उद्योग है
पर जब रोजी-रोटी ही छीन जाए तो
वो व्यापार उद्योग भला किस काम के?

सरकार का काम देश चलाना है
पर जब हर जगह सब जल रहा है तो
वो सरकार भला किस काम की?

किसानों के लिए ही तो बना कृषि कानून
पर जब उन्हें मंजूर ही नहीं तो
वो कानून भला किस काम का?

किसान सर्वोपरि है यह हमारी सोच है,
पेट भरता है हमारा, पर भूखा सोता है वो बिचारा
तो ऐसी सोच भला किस काम की?


___


समय बन गुुुजर गई...

अभी ज्यादा दूर नहीं गई,
चाहो तो रोक लो शायद रुक जाऊंगी,
गर समय बन गुज़र गई,
फ़िर गुज़र जाओगे तो भी नहीं आऊंगी।

कैद करलो अपने दिल में,
सब भूलके शायद तुम्हारी हो जाऊंगी,
गर रिहा हो गई तो,
पंछी बन खूले आसमान में खो जाऊंगी।

समेट लो अपने हाथों की लकीरों में,
शायद जिंदगीभर की साथी बन जाऊंगी,
गर फिसल गई रेत की तरह तो,
कण कण में बिखर जाऊंगी।

भर लो अपने आगोश में,
फ़िर कभी तुमसे जुदा न हो पाऊंगी,
गर धोखा दिया तो पानी की तरह,
बूंद बूंद में बिखर जाऊंगी।।

___


तो कहना..

बीच डगर छोड़ने वाले तो बहुत मिलेंगे,
कोई आख़री मुकाम तय कर जाए तो कहना,

बददुआ सब देते है,
कोई दुआ दे जाए तो कहना,

नफ़रत तो फितरत में है लोगों कि,
कोई सच्चा प्यार निभा जाए तो कहना,

खेल सब खेलते है,
गर कोई ईमानदारी से रिश्ता निभा जाए तो कहना,

प्यार कि लीला सब करते है,
कोई जिंदगीभर तुम्हारे नाम कर जाए तो कहना,

बेईमान, मतलबी लोगों को संसार है,
कोई सच्चा दिलवाला मिल जाए तो जरूर कहना।।



___



*****