मैडम डिसूज़ा Pushp Saini द्वारा रोमांचक कहानियाँ में हिंदी पीडीएफ

Featured Books
श्रेणी
शेयर करे

मैडम डिसूज़ा

कहानी (मैडम डिसूज़ा ✍🏻)
--------------------------------------

जब मैंने उसे पहली बार पब में देखा वह अकेली बैठी थी और कई पैग गटक चुकी थी ।मैं उसके पास पड़ी कुर्सी पर बैठ गया, मेरे वहाँ बैठने से वह ख़ुश थी या नाख़ुश यह उसके चेहरे के भाव से ज़ाहिर नहीं हुआ ।मैंने अपने लिए एक पैग मंगवाया लेकिन पी नहीं पा रहा था क्योंकि मैं नशा नहीं करता था ।आज पहली बार उस पब में ग़मग़लत करने आया था ।मैं शराब का गिलास पकड़कर ख़ामोश बैठा रहा और वह एक पैग और निपटाकर सिगरेट के कश लगाने लगी ।
"पीटर" उसने यह नाम पुकारा ।वेटर दौड़ा चला आया ।उसने और शराब मंगवाई ।अब मेरी रूचि पीने में नहीं थी बल्कि यह जानने में थी कि वह इतना क्यों पी रही है ।मैं क्रिस्टल से ब्रेकअप के बाद आज जो ख़ुद को दुनिया का सबसे ग़मज़दा इंसान समझ रहा था, वहीं ग़म भूल चुका था क्योंकि एक ख़ूबसूरत रहस्यमयी-सी अजनबी लड़की मेरे सामने बैठी थी ।

"पी क्यों नहीं लेते" -- उसने मुझसे कहा

मैं जवाब में मुस्कुरा भर दिया ।कैसे कहता जिस वज़ह से यहाँ आया था वह वज़ह ही नगण्य लग रही है ।फिर क्यों शराब पी जाएँ, किसलिए ।

"आप इतना क्यों पी रही है" ? --- मेरे गले से बड़ी मुश्किल से स्वर फूटा

उसकी आँखों से जैसे चिंगारियाँ निकलने लगी ।उसने गुस्से में शराब का गिलास टेबल पर देकर मारा, जिससे वह मेरे हाथों, कपड़ों और चेहरे को सराबोर कर गया ।

वह बेहद नशे में थी और ऐसी हालत में वह बार- बार यही वाक्य दोहराने लगी---"तुम पूछने वाले कौन होते हो, कौन होते हो तुम "।

सभी हमारी तरफ देखने लगे ।मुझे बहुत शर्मिन्दगी महसूस हो रही थी ।मुझे उस वक्त अफ़सोस हो रहा था कि मैंने पी क्यों नहीं, नशे में कम से कम मुझे शर्मिंदगी का अहसास तो नहीं होता ।
उस वक्त मुझे वहाँ से निकलने में ही भलाई लगी और मैं घर आ गया ।

वह लड़की मेरे दिलो-दिमाग से नहीं निकल रही थी ।क्या दुख है उसे, ऐसी कौन सी तकलीफ़ है जो वह इतना नशा करती है ।यहीं सवाल मेरे ज़ेहन में घूम रहा था ।एक जिज्ञासा ने मन में घर कर लिया था ।

अगली रात को फिर मेरे क़दम उसी पब की तरफ चल पड़े ।वह अभी वहाँ आई नहीं थी ।मैं बाहर खड़ा होकर उसकी राह देखने लगा ।लगभग आधे घंटे बाद वह नीले रंग की गाड़ी से उतरी ।उसकी नज़र मुझसे टकराई लेकिन उसके चेहरे पर पहचान के कोई भाव दिखाई नहीं दिए ।

मैं उसके सामने वाली टेबल पर बैठ गया ।उसने आज फिर धीरे-धीरे बहुत शराब पी ली ।लगभग एक बजे उसका बुजुर्ग ड्राइवर उसे सहारा देते हुए गाड़ी तक ले गया, मैं भी उसकी गाड़ी का पीछा करने लगा ।उसकी गाड़ी शहर से बाहर निकल चुकी थी और कुछ समय बाद एक फ़ार्म हाउस में प्रवेश कर गयी ।मैने फ़ार्म हाउस के बाहर गाड़ी रोकी, मेरी नज़र नेम प्लेट पर गयी जो बुरी तरह क्षतिग्रस्त थी, बस एक शब्द पढ़ने में आ रहा था डिसूज़ा ।
मैंने गहरी सांस छोड़ी और घर की तरफ चल पड़ा ।

अगली रात जब मैं पब पहुँचा उसके कुछ देर बाद वह भी आ गयी और रोज़ाना की तरह पीने लगी ।मैं आज पब में नहीं रुका बल्कि उसके ड्राइवर के पास गया जो मुँह पर हैट डाले अपनी ड्राइविंग सीट पर सो रहा था ।मैं कुछ देर तक असमंजस में खड़ा रहा कि कैसे उसे जगाया जाए लेकिन थोड़ी देर बाद वह ख़ुद ही गाड़ी से बाहर आकर टहलने लगा ।मैंने मुस्कुराते हुए उसका हाल-चाल पूछा तो जवाब में वह भी मुस्कुरा दिया और इधर-उधर की बातें करने लगा ।वह बहुत मिलनसार बुजुर्ग था और मुझसे ऐसे घुल-मिल कर बातें करने लगा जैसे पुराना मित्र हो ।

मैंने मैडम डिसूजा के विषय में पूछा कि ---"वह कब से यहाँ आती है और वह इतना नशा क्यों करती है "?

उसने गहरी निश्वांस छोड़ते हुए कहा ---"मैडम पिछले छः महीनों से यहाँ रोज़ाना आ रही है ।वह पहले ऐसी बिलकुल नहीं थी लेकिन एक हादसे ने सब बदल दिया ।"

"कैसा हादसा"---मैंने पूछा

"डिसूज़ा मैडम ने दो साल पहले एक सड़क दुर्घटना में अपने माता-पिता को खो दिया ।उन्हें इस हादसे से सम्भलने में कई महीने लग गए और फिर उनकी ज़िन्दगी में अलेस्टर नाम का शख़्स आया जिससे इनकी दोस्ती हुई ।कुछ समय बाद अलेस्टर ने कहा कि वह उससे शादी करना चाहता है ।मैडम भी उन्हें चाहने लगी थी ।लगभग एक साल पहले इनकी शादी हुई ।
शादी को दो माह ही हुए थे कि एक दिन अलेस्टर की ग़ैरहाज़िरी में पुलिस घर पर आई और अलेस्टर के खिलाफ़ कुछ कागज़ाद दिखाए कि वह बाहरी मुल्क़ का जासूस है और यहाँ छिपकर रह रहा है ।

मैडम के कदमों तले से ज़मीन खिसक गई ।पुलिस ने पूरे घर की तलाशी ली लेकिन उन्हें कुछ नहीं मिला या कह सकते हैं कि अलेस्टर ने कोई सबूत नहीं छोड़ा ।अलेस्टर फ़रार हो चुका था ।पुलिस पूछताछ के लिए मैडम को अपने साथ ले गयी ।मैडम ने बार-बार कहा कि वह अलेस्टर की इन सब कारवाईयों के विषय में कुछ नहीं जानती लेकिन पुलिस को उनकी बातों पर ज़रा भी विश्वास नहीं हुआ ।

उन्होंने मैडम को घर नहीं जाने दिया ।पूरे एक महीने तक पूछताछ चलती रही ।वह अलग-अलग ढ़ंग से एक ही तरह के सवाल पूछ रहे थे कि उनसे मिलने कौन-कौन आता था, वह किन-किन लोगों से मिलने जाते थे ।अगर वह उनके विषय में कोई जानकारी नहीं रखतीं तो ऐसा क्यों है,वह अलेस्टर के साथ रहती थी फिर कैसे पता नहीं चला ।

मैडम शारिरीक व मानसिक रूप से बहुत टूट चुकी थी ।ढेरों यातनाओं के बाद जब उन लोगों को यकीन हो गया कि मैडम कुछ नहीं जानती तब उन्होंने मैडम को इस शर्त पर जाने दिया कि वह शहर से बाहर न जाए ।

अब मैडम की यह हालत हो गयी है कि बस नशे की हालत में वह कुछ जिंदा लगती हैं वरना एक मूक पशु की तरह घर के जिस कोने में सुबह होती हैं वहीं शाम ढल जाती है ।इस हादसे से न जाने कब उभर पाएँगी मैडम"--- बुजुर्ग ड्राइवर ने उदास मन से कहा

पब से आने के बाद मैं निढ़ाल बिस्तर पर पड़ गया ।सोचा भी नहीं था कि इस छुईमुई-सी दिखने वाली लड़की के साथ ऐसा कुछ हुआ होगा ।मुझे आज उसपर बहुत दया आ रही थी ।
वो अनजान अजनबी लड़की जिससे मिलने के बाद उसे जानने की एक प्रबल इच्छा मन में पैदा हुई थी वहीं अब आत्मिक स्नेह में ढल गयी थी ।

पब जाने का सिलसिला ऐसे ही चलता रहा ।एक दिन जब मैं पब गया तो डिसूज़ा मैडम नहीं आयी और न ही अगले दिन ।तीसरे रोज़ उसके न आने पर मैंने उसके फार्म हाउस की तरफ अपनी गाड़ी मोड़ दी ।

वहाँ वहीं बुजुर्ग ड्राइवर मिला उसने बताया कि दो दिन पहले आधी रात को अलेस्टर मैडम से मिलने के लिए आया था।मैडम ने पिस्टल लेकर पहले उसके सीने में गोलियाँ दाग़ दी और फिर ख़ुद को ख़त्म कर लिया ।मैडम अब इस दुनिया में नहीं रही ।

मैंने जितनी गहरी वेदना सोची थी यह उससे कही अधिक निकली ।
जिससे निकलने के लिए उसने मौत को गले लगा लिया ।काश ऐसा नहीं होता ।काश......

पुष्प सैनी 'पुष्प'