मीना कुमारी... एक दर्द भरी दास्तां - 7 Sarvesh Saxena द्वारा सामाजिक कहानियां में हिंदी पीडीएफ

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मीना कुमारी... एक दर्द भरी दास्तां - 7

एक दिन मीना कुमारी सुबह घर में नाश्ता कर रही थी दिल उदासियों से भरा था, कमाल सामने बैठे थे तभी मीना कुमारी को नाश्ता ना पसंद आने के कारण मीना कुमारी बिलख पड़ी और बोली दिन-रात मशीन की तरह काम करती हूं, बचपन से मैंने बासी रोटियां खाई हैं, इस घर में तो मुझे वह बासी रोटी भी नसीब नहीं |

यह बात कमाल अमरोही को बहुत बुरी लगी दोनों में झगड़ा होने लगा और कमाल ने मीना कुमारी को तलाक दे दिया | मीना कुमारी बिल्कुल टूट गई रोती रही माफी मांगती रही पर कमाल नहीं माने और मीना कुमारी उसी वक्त उस घर से चली गई अब मीना कुमारी ने एक्टिंग के साथ-साथ कागज, कलम, शायरी, कहानियों को भी अपना साथी बना लिया था |

इनका एक एल्बम भी रिलीज हुआ था जिसका नाम था "आई राइट आई रिसाइट" जो खय्याम के साथ रिकॉर्ड हुआ था |

इसी दौरान मीना कुमारी और धर्मेंद्र काफी करीब आ गए जो लेकिन धर्मेंद्र भी जब ऊंचाइयों की बुलंदियों पर आ गए तो मीना कुमारी को छोड़कर चले गए और मीना कुमारी फिर अंदर ही अंदर टूट गई |

इस बीच मीना कुमारी की और भी कई फिल्में आई और हिट भी हुई अब मीना कुमारी की हालत दिन-ब-दिन बिगड़ती जा रही थी हालात इतने बिगड़ गए थे कि इतनी कम उम्र में वह एक अधेड़ उम्र की महिला लगने लगी थी, उनकी बिगड़ती हालत को देखकर उनके कुछ साथियों ने उन्हें लंदन के एक अस्पताल में दिखाने को कहा और वह चली गई और कुछ दिनों के बाद ठीक होकर वापस आ गई, धीरे-धीरे अब सब ठीक सा लगने लगा |

मीना कुमारी की शराब पीने की लत भी अब धीरे-धीरे कम हो गई थी | उधर कमाल अमरोही पाक़ीज़ा का सपना फिर भी देख रहे थे पाकीजा की कुछ शूटिंग 1956 में हो चुकी थी जिसमें धर्मेंद्र को मीना कुमारी के साथ चुना गया लेकिन मीना कुमारी और कमाल अमरोही की निजी जिंदगी में आई कड़वाहट की वजह से फिल्म को तभी रोक दिया गया था और कमाल ने धर्मेंद्र को भी इस फिल्म से निकाल दिया क्योंकि मीना कुमारी और धर्मेंद्र की नज़दीकियां उनके अलगाव के बाद बढ़ने लगी थी, बाद में इस फिल्म के लिए राजकुमार साहब को चुना गया |

समय बीतता गया मीना कुमारी फिर गमों में डूबती गई बचपन से संघर्ष करती आई मीना कुमारी प्यार के लिए तड़पती मीना कुमारी ऊंचाइयों की, दौलत की, नाम और शोहरत की बुलंदियों पर थीं लेकिन सच यह था मीना कुमारी बिल्कुल अकेली थी सालों बाद कमाल ने फिर पाकीजा के लिए मीना कुमारी को एक पत्र लिखा जिसके लिए सुनील दत्त, नरगिस, खय्याम और उनकी पत्नी ने मीना कुमारी को मनाया |

मीना कुमारी अब इस फिल्म को करना नहीं चाहती थी लेकिन कमाल के प्रति उनकी जो मोहब्बत थी उसके पीछे वह फिर झुक गए गई और उन्होंने हां कर दी |

कमाल अमरोही भी अपनी काफी कमाई पाक़ीज़ा पर लगा चुके थे वह किसी भी हाल में इस फिल्म को पूरा करना चाहते थे और 16 साल बाद फिर 1969 में शूटिंग शुरू हुई पाक़ीज़ा की लेकिन मीना कुमारी की हालत दिन-ब-दिन बिगड़ती जा रही थी इस फिल्म में उनको क्लासिकल डांस करना था जो उनकी हालत देखकर संभव नहीं था लेकिन फिर भी मीना कुमारी ने हार नहीं मानी और गानों की शूटिंग पूरी की गई l