उसने पूछा यह कब तक, आई मीन कितने साल तक चलेगा.
रोहिणी कहा यह ग्लोबल कोटा पर डिपेंड करता है.
जब तक धरती के अंदर से खनिज निकलते रहेंगे तब तक सेल्फ के नेचुरल राइज होते रहेंगे.
एक पत्रकार ने पूछा श्रीमान आपने कहा था के सेल्फ के आने से चीज वस्तुएं सस्ती होगी, वह कैसे?
रॉय ने कहा यह एक थोड़ी लंबी प्रक्रिया रहेगी जो एंटीफंगस का ही एक भाग है. जिसे अनमेन्शन यानी कि अन उल्लेख कहते हैं.
उसने पूछा यह अन मेंशन क्या है!
रोहिणी कहां आप नया पुराना या रनिंग बिजनेस करते हो और उसमें जो भी कैपिटल डालते हो वो कैपिटल का सिर्फ 94% ही वाइट मनी रहेगा आप चाहो तो 6% अनमेंशन यानी की ब्लैक मनी डाल सकते हो.
पत्रकार ने पूछा इससे क्या होगा!!
रोय कहां जो डेड करंसी है वह फिर से काम पर लगेगी और वस्तुएं अपने मूल मोल की प्राप्ति की ओर प्रयाण कर सकेगी.
उसने पूछा क्या वह सिक्स परसेंट पेयबल होंगे!
रोय ने कहां जी बिल्कुल शतप्रतिशत.
सबसे पहले आपको उस छे पर्सेंट का टैक्स के कर रहा होगा उसके बाद ही उसे कैपिटल में ऐड कर सकेंगे.
कितना टैक्स पे करना होगा.
रोय ने कहां 20% वन एंड लाईफ टाइम.
उसने कहा यह 6 परसेंट अब वाइट बन गए,राइट!!
रोय ने कहां जी एप्सुलूटली राइट.
एक पत्रकार ने उठकर सवाल किया कि मिस्टर रॉय क्या आप मुझे ये बता सकते हैं की दी मोनेटाइजेशन और अन मेन्शन i के बीच में बेसीकली क्या फर्क है?
रॉय ने कहा देखिए सर डी मोनेटीलाइजेशन( डी मोनेटाइजेशन) के फ्लोर बहुत ही छोटे होने चाहिए.
आप इसे एनटायर टेरिटरी में लागू नहीं कर सकते. वरना आपको अपनी पिछली करेंसी और इकोनामी के लॉस उठाने पड़ सकते हैं. जबकि अन मेंशन से आपको अपनी पिछली याने की डेट करेंसी और इकोनामी वापस मिलनी शुरू हो जाती हैं.
उस पत्रकार ने स्वीकृति में अपने स्पेक्ट्स हिलाये और बैठ गया.
दूसरे पत्रकार ने खड़े होकर पूछा मिस्टर रोय, कुछ नेताओं के रूढ बर्ताव के बारे में आपकी क्या राय है.
रोय ने कहा देखिए, हम सब कॉन्स्टिट्यूशन के रिप्रेजेंटेटिव है. इस तरह किसी को हुकुम जारी करना हमें शोभा नहीं देता. हमें हर हाल में हमारा कॉन्स्टिट्यूशन सही है और सत्य है यह बात जनता को समझानी है. ना कि उस पर डंडे बरसाने हैं.
अगर आपके देश में अबव 50% वोटिंग हो रहा है तो आप की जनता साक्षर और समझदार है. हम यू इनका अपमान नहीं कर सकते.
दमन के हालात अलग ही होते हैं, जो 10, 20 या 50 सालों में एक आद बार आते हैं. अब बात बात पे यु जनता पर डंडा उठाना कुछ वाजिब नहीं है.
उसने पूछा मि रोए पाकिस्तान के बारे में आपकी क्या राय है.
रॉय ने कहा, जो राय मिस्टर एमके गांधी की थी वही राय मेरी भी है.
उसने हंसकर कहा बट मिस्टर रॉय, गांधी जी के समय में पाकिस्तानी आतंकवादी राष्ट्रपति नहीं था.
रॉय ने कहा तो आज भी वह कौन सा आतंकवादी राष्ट्र है? वह ना तो आतंकवाद को प्रोड्यूस करता है और ना ही उसका इनीशिएटिव है.
तो आखिर क्या है पाकिस्तान का सच?
रवि ने कहा टेररिज्म का सारा फंडिंग बाहर से आता है.
बाहर के कुछ सुपर नेशन पाकिस्तान कों कॉन्ट्रैक्ट करते हैं भारत में आतंकवाद फैलाने का. टू स्प्रेड टेररिज्म इंस्टेड ऑफ डायरेक्ट वॉर. कुछ हद तक वे लोग इंडिया जैसे सब कॉन्टिनेंट में टेररिज्म फैलाकर एशियन कैंटोनमेंट की स्थापना भी करना चाहते हैं.