तेरे बिना भी क्या जीना Ravi maharshi द्वारा लघुकथा में हिंदी पीडीएफ

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तेरे बिना भी क्या जीना

आज रश्मि को थोड़ी-थोड़ी खांसी आने लग गई थी पिछले 2 दिनों से उसे तेज बुखार भी था जब वह सीढ़ियों से नीचे उतर रही थी तभी उसके पापा जी यानी ससुर ने कहा रश्मि बेटा मुझे लगता है तुम में कोरोना के सिम्टम्स है इसीलिए तुम अपने ऊपर वाले कमरे में आइसोलेशन में रहो नीचे बहुत कम आना ।

रश्मि ने जब यह बात सुनी तो वह वापस घूम गई और अपने रूम में आकर बैठ गई तभी रोहित ने पूछा क्या हुआ रश्मि इतनी जल्दी वापस कैसे आ गई रश्मि ने कहा कि मुझे लगता है रोहित कि मुझे कोरोना के सिम्टम्स है इसलिए मैं आइसोलेशन में रहूंगी तुम यहां से दूर रहो रोहित ने कहा कि नहीं मैं तुमसे दूर नहीं रह सकता रश्मि ने जोर देते हुए कहा कि समझा करो रोहित शायद मुझे कोरोनावायरस है प्लीज अपना ध्यान रखो और नीचे जाओ।

रश्मि ने अपना मास्क उठाया और लगा लिया और रोहित को इशारे से कहा कि प्लीज यहां से जाओ और फिर गेट के बाहर साइड में खड़ी हो गई जिससे रोहित आसानी से निकल जाए रोहित रश्मि को छोड़कर नहीं जाना चाहता था लेकिन उसमें के कहने पर वह एक बार नीचे आ गया।

नीचे आने पर रोहित की मम्मी ने कहा कि बेटा मुझे लगता है की रश्मि को कोरोनावायरस हो गया है अगर यह यही रहेगी तो घर में और हम सभी को संक्रमित कर देगी इसलिए तू एक गाड़ी बुला और उसे अपने पीहर भेज दे मम्मी की बात सुनकर रोहित को गुस्सा आ गया कहने लगा मम्मी आप क्या बात कर रहे हो अगर कोई बीमार हो जाता है तो क्या उसे हम उसके गांव भेज दे यह तो रश्मि को कोरोनावायरस हुआ है मुझे होता तो मुझे कहा भेजती।
मे रश्मि को कहीं नहीं जाने दूंगा और उसके साथ ही रहूंगा।

रोहित की बात को काटते हुए उसके पापा ने कहा कि अगर तुम्हें मरने का इतना ही शौक है तो तुम और रश्मि किसी हॉस्पिटल में चले जाओ यहां रहोगे तो मैं नहीं चाहता कि घर में और सदस्यों को भी कोरोना हो क्योंकि तुम्हारे भी दो भाई और एक बहन है तुम्हारी मम्मी है पापा है मैं नहीं चाहता इनमें से किसी को भी हो इसलिए भलाई इसी में है कि या तो रश्मि को अपने पीहर भेज दो या फिर तुम भी उसके साथ किसी हॉस्पिटल में चले जाओ।

रोहित मम्मी और पापा की बात सुनकर उदास हो चुका था उसने कहा कि पापा और मम्मी क्या रिश्ते इतने ही होते हैं जैसे ही घर में एक को कोरोनावायरस थे एक पल में टूट गई क्या हम इतने बुरे हैं कि अपनी जान बचाने के लिए अपने रिश्ते तक को कुर्बान कर देते हैं आपकी बहू को कोरोनावायरस उसे ठीक करने की बजाय यह कह रहे हो कि उसे पीहर भेज दो अगर आपके बेटे को होता है तब आप उसे बाहर भेज देते या मुझे अकेले हॉस्पिटल में पड़े रहने देते ?

मम्मी और पापा ने कोई जवाब नहीं दिया रोहित समझ चुका था कि इस कोरोनावायरस में अपनी जिंदगी बचाना बड़ी बात है ना कि रिश्ते बचाना लेकिन वह मन ही मन है यह दृढ़ निश्चय भी कर चुका था कि उसे रश्मि को हर हाल में बचाना है और साथ ही मुझे भी खुद को स्वस्थ रखना है।

रोहित ने रश्मि के पास जाते हुए कहा कि अरे रश्मि तुम्हें कुछ नहीं हुआ है यह देखो मैंने अभी गूगल पर सर्च किया है तुम्हें कोरोना नही है क्योंकि अगर वह होता तो उसमें चार-पांच दिन तक खांसी आती है और तुम्हें तो आज पहले दिन ही आई है इसलिए तुम्हें कोरोना नहीं है और अगर तुम्हारी इच्छा है तो चलो हॉस्पिटल में तुम्हारी जांच करवा लाता हूं।

रश्मि ने कहा कि नहीं मैं जैसे ही घर में आइसोलेशन में रहूंगी और ठीक हो जाऊंगी और तुम बार-बार ऊपर क्यों आते हो तुम नीचे क्यों नहीं चले जाते अब रोहित मन में सोचने लगा कि जो बातें मम्मी और पापा ने कही थी वह अगर रश्मि को बता दूंगा तो उसकी हिम्मत टूट जाएगी इसलिए रोहित ने कहा कि कोई बात नहीं लेकिन हमें एक बार हॉस्पिटल में जाकर अपना चेकअप जरूर करवाना चाहिए। और वैसे भी तुम्हें 3 दिन से जुकाम है रोहित की बात को सुनकर रश्मि तैयार हो गई थी रोहित ने कहा अपने साथ दो-तीन ड्रेस भी ले लेना साथ में मेरी भी ड्रेस लेना क्या पता हमें वही आइसोलेशन में रहना पड़े क्योंकि घर में भैया भाभी बच्चे बहुत हैं इसलिए हमें अलग ही रहना होगा।

कुछ देर बाद दोनों हॉस्पिटल में थी और दोनों ने अपनी जांच करवाई डॉक्टर ने रोहित को कहा कि रश्मि को देखकर मुझे लग रहा है कि उसे कोरोना है क्योंकि लक्षण तो वही है इसलिए उसे आइसोलेशन में रहना होगा रोहित ने कहा क्या यही कोई बेड खाली नहीं है अगर है तो यही कोई रूम दे दीजिए डॉक्टर ने कहा कि ठीक है आपके लिए रूम की व्यवस्था हो जाएगी।

अगले दिन सुबह डॉक्टर ने रोहित को बुलाया और कहा कि रश्मि की रिपोर्ट पॉजिटिव है और आपकी रिपोर्ट नेगेटिव है इसलिए आपको यहां से जाना होगा और रश्मि की देखभाल हमारा स्टाफ करेगा रोहित ने कहा क्या मैं अपनी पत्नी की देखभाल के लिए नहीं रुक सकता डॉक्टर ने कहा वैसे तो कोई दिक्कत नहीं है लेकिन आप अभी नेगेटिव हैं तो हम चाहते हैं कि आप सुरक्षित रहे।

कुछ देर बाद रश्मि को तेज खांसी आने लगी और सांस लेने में भी दिक्कत होने लगी डॉक्टर ने जब उसका ऑक्सीजन लेवल चेक किया तो वह बहुत कम आ रहा था डॉक्टर ने रश्मि को वेंटिलेटर पर ले लिया। रोहित अब बाहर से ही सब कुछ देख रहा था डॉक्टर ने रोहित को बुलाकर कहा कि रश्मि में संक्रमण बहुत बढ़ चुका है मैंने सिटी स्कैन से देखा है उसके फेफड़ों में संक्रमण ज्यादा है ऑक्सीजन लेवल भी बहुत कम आ रहा है इसलिए आप यहां से चले जाएंगे क्योंकि शंकर में बहुत ज्यादा है आप हमेशा पीपीई किट पहनकर नहीं रह सकेंगे

रोहित ने कहा कि मैं अपनी पत्नी रश्मि को छोड़कर कहीं नहीं जाऊंगा अगर मुझे 24 घंटे भी पीपीई किटपहननी पड़ी तो मैं पहनने के लिए तैयार हूं लेकिन मैं हमेशा अपनी पत्नी के पास ही रहूंगा उसकी देखभाल करूंगा उसको योग करवाऊँगा उसको कहानी चुटकुले सुनाऊँ गा जिससे उसका मन लगा रहे।

डॉक्टर ने कहा अगर आप यह सब करने के लिए तैयार हो तो मुझे विश्वास है कि रश्मि फिर से ठीक हो सकती है लेकिन आपको अपने ऊपर विश्वास रखना होगा और रश्मि को यह हमेशा एहसास दिलाना होगा कि वह ठीक है क्योंकि आप भी जानते हो कि इस बीमारी में सबसे ज्यादा स्वयं पर विश्वास रखना जरूरी होता है।

अगले 10 दिनों तक रोहित लगातार रश्मि की देखभाल करता रहा कभी उसे योग करवाता कभी उसे कहानी चुटकुले सुनाता था तो कभी उसे अपने भविष्य की बातें बताता तो कभी उन पुरानी यादों में ले जाता जब वह आपस में पहली बार मिले थे हर वक्त वह रश्मि को खुश रखने की कोशिश करता धीरे-धीरे रश्मि की हालत में सुधार हो रहा था और एक दिन ऐसा भी आया जब डॉक्टर ने रश्मि को वेंटिलेटर से हटा दिया और कहा कि अगले दो-तीन दिनों में आप रश्मि को ले जा सकते हैं।

रश्मि ने डॉक्टर को धन्यवाद देते हुए कहा कि धन्यवाद सर जो मैं आपकी वजह से ठीक हो पाई डॉक्टर ने कहा कि मुझसे ज्यादा धन्यवाद आप अपने आप को और अपने पति को दे उन्होंने जिस प्रकार से आप की देखभाल की वह वाकई में काबिले तारीफ है आजकल इस कोरोना टाइम में जब रिश्ते टूटने लगते हैं लोग अपनों को ही हॉस्पिटल में छोड़ कर भाग जाते हैं क्योंकि सभी अपनी जान बचाना चाहते हैं उस टाइम पर अपनी जान की परवाह है ना करते हुए इस प्रकार से रोहित ने तुम्हारी देखभाल की है वह वाकई में एक मिसाल है।

रश्मि कृत्ज्ञ के भाव से रोहित की तरफ देखने लगी रोहित ने कहा कि यार ऐसा क्या कर दिया है मैंने मैंने सिर्फ वही किया है जो एक पति को करना चाहिए मैंने अपनी पत्नी की जान बचाने का प्रयास किया और मैं उसमें सफल रहा।

रश्मि ने कहा कि अगर मेरी जान बचाते हुए तुम्हें भी कुछ हो जाता तो रोहित ने कहा कि रश्मि मैं तुमसे इतना प्यार करता हूं कि तुम्हारे बगैर जीने की सोच भी नहीं सकता। इसलिए मैं हमेशा तुम्हारे साथ ही रहता और अगर मुझे कोरोना हो जाता तब भी मुझे बिल्कुल भी दुख नहीं होता क्योंकि मैं भी उस दर्द को महसूस करना चाहता हूं जो मेरी रश्मि ने सहन किया है सच में यार रश्मि मैं तुम्हारे बिना नहीं जी सकता और रश्मि को उसने गले लगा दिया रश्मि की आंखों से आपकी आंसू टपक रहे और इसमें मन ही मन भगवान से प्रार्थना कर रही थी कि कि ऐसा पति हर एक लड़की को देना।