स्टेट बंक ऑफ़ इंडिया socialem (the socialization) - 14 Nirav Vanshavalya द्वारा फिक्शन कहानी में हिंदी पीडीएफ

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स्टेट बंक ऑफ़ इंडिया socialem (the socialization) - 14

अदैन्य ने ऐसी घटनाओं की संभावना को समझ लिया था और उसके होमवर्क भी तैयार ही रखे थे.
अदैन्य की टैक्सी इंडोनेशिया के प्रमुख निवास के गेट पर रूकती है और अदैन्य के टैक्सी से बाहर निकलते हैं तुरंत सिक्योरिटी चिफ ने हाथ मिलाकर कहा मिस्टर रोए आपका स्वागत है.


अदैन्य ने कहा हालात क्या इतने भी बिगड़ गए हैं?


सिक्योरिटी चीफ ने कहा माफी चाहूंगा मिस्टर रोए मगर हमें कोई आदेश ही नहीं थे.

ठीक है, कहते हुए अदैन्य ने पूछा मिस्टर सुहर्तो कहां मिलेंगे.


सिक्योरिटी चीफ ने कहा आइए हम उन्हें के पास जा रहे हैं.


सुहर्तो इंडोनेशिया के प्रमुख है और उन्हीं के शासनकाल में इंडोनेशिया में अर्थ तंत्र की महामारी यानि कि फुगावा ( महंगाई) फैला हुआ है.


दोस्तों, फूगावा एक ऐसी वस्तु है जिसने महंगाई की टका वारी आसमान को छूती है. और लोगों की खरीद शकित शुन्य हो जाती है.

अब, फूगावा आने के वजह परिबल क्या और कौन-कौन से है यह भी जानना जरूरी है.

दोस्तों, जब जब देश में प्राथमिक विकास के दर में घटौती आती है और अंतरराष्ट्रीय खरीदारी बढ़ने लगती है तब तक देश में महंगाई का वातावरण उत्पन्न होता है.

प्राथमिक विकास के दरों का कम होने का अर्थ है, देश में बेरोजगारी फैलना, जिसका सीधा असर सरकारी तिजोरी पर पड़ता है.

फुगावे का निर्मम अर्थ निकालें तो यही होता है कि देश का अर्थ तंत्र विद्वानों के हाथों में से निकल कर कुछ स्वार्थी व्यापारी मंडलों के हाथों में चले जाना. इसको भी आप अर्थ तंत्र का पतन कह सकते हैं. सिक्योरिटी के चीफ ने सुहर्तो से कहा सर, मिस्टर रॉय.

सुभारती अपनी चेयर पर खड़े हुए और दरवाजे पर खड़े अदैन्य का दोनों हाथों से स्वागत किया.

सोहरतो आगे बढ़े और अदैन्य से हाथ मिला कर उसे गले लगाया.

सुहर्तो ने पूछा कैसा रहा आपका सफर.

अदैन्य ने कटाक्ष में कहा आपका मतलब है एयरपोर्ट से यहां तक का?

सुहर्तो समझ गए और कहां मिस्टर रोए, मुझे माफ कर दीजिए हालात यहां बहुत बुरे थे हम आदेश देना ही भूल गए.


सुहरतो ने कहा मिस्टर रोए आप थोड़ा सा आराम कर लीजिए बाद में हम इत्मीनान से बातें करते हैं.

रॉय ने कहा जी सर यदि हालात उतने ही खराब है तो सीधे काम पर ही लगते हैं.

सुहर्तो हंस पड़े और कहां मिस्टर रोए लगता है आप अभी भी मुझसे नाराज है.

रॉय ने कहा जी नहीं सर, दरअसल मैं यहां सिर्फ 2 दिन के लिए ही आया हूं. उसके बाद शायद मुझे हिंदुस्तान जाना पड़े.

सुहर्तो ने कहा और शायद नहीं तो कुछ और दिनों के लिए आप हमारे मेहमान रहेंगे.

अदैन्य ने कहा लेट्स सी व्हाट्स थेइर अहेड.

अदैन्य ने सुहर्तो के पद भ्रष्ट होने की संभावना को समझ लिया था, और यदि ऐसा होता है तो इंडोनेशिया में क्या हो सकता है.

इसलिए रॉय ने सबसे पहले अंग्रेजी हुकूमत के कुछ नुमाइंदो से मिलने की तैयारी बना रखी थी क्योंकि यदि हालात बिगड़ते हैं तो कोई तो ऐसा फ्री बंद होना चाहिए जो इंडोनेशिया का नेट्टिंग कर सके.

पोल जोन्स नाम का एक अंग्रेजी वकील है जोकि निहायती तौर पर रॉय का ही इंतजार कर रहा था.