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भूख : एक व्यथा





भूख, ये ऐसा शब्द है जो अमीर के लिए कुछ भी नही है, परंतु गरीब किए सब कुछ है। वो इसके लिए जीता है, इसके लिए ही काम करता है। भूख अमीर लोगो किए महज दो टाइम का खाना जैसा है। गरीब इसी भूख, यही खाने के लिए पूरे दिन काम करता है, तब जाके उसकी भूख खतम होती है। और वही भूख दूसरे दिन फिर से जाग जाती है, और इसी के लिए वो पूरे दिन फिर मेहनत करता है।

आज हर मध्यमवर्गीय और गरीब भूखा है, कोई पैसे के लिए, कोई झोपड़ी लिए, कोई रोटी के लिए। गरीब इंसान सुबह काम पर जाता है, और शाम को घर लोटता है, और अपनी रोटी खाके सो जाता है, उसे कल की कोई फिकर नही है, इसलिए वो आज चेन से सो पाता है। मनुष्य को कभी किसी भी चीज के लिए अति नही करनी चाहिए। जो मिला है उसी में खुश रहना चाहिए।
पहले आदिमानव भूख के लिए पैड पौधे जो भी मिलता था, खा लेते थे। जैसे जैसे समय बदलता गया, वैसे वैसे मानव की भूख बदलने लगी।
भूख के कई प्रकार है। अमीर आदमी और पैसा कैसे कमाया जाए, उसके लिए भूखा है। गरीब आदमी अपनी रोटी के लिए भूखा है। कोई अपनी इच्छा के लिए भूखा है। पर आज के इस मनुष्य की भूख चाहे कितना भी दे दो , नही मिटने वाली। आज के मानव को हर चीज ज्यादा ही चाहिए। क्योंकि उसको हर चीज में अति की आदत हो गई है। और किसी भी चीज की अति हानिकारक होती है।
" किसी भी चीज की अति और गति दोनों हानिकारक होते है।"
आज कल की तो सरकार ही ऐसी है की गरीब भूखा ही मर रहा है, खैर उसके बारे में तो बात ही ना करे तो अच्छा है। गरीबी और सरकार का वैसे तो कोई लेना देना नही होता। अपनी भूख के लिए आज का इंसान अपनी सारी हदें पार कर सकता है। इस भूख के लिए वो कोई गलत काम करने से पहले सोचता भी नही है। पेट भरने के लिए वो कुछ भी कर सकता है, उसके बाद वो किसी का नही सुनता, किसी का नही सोचता। उसे बस पैसे ही दिखाई देते है। अगर यही हाल रहा, तो कोई एक दूसरे से अच्छी तरह बात नही करेगा, अंदर ही अंदर सब लड़ पड़ेंगे, ये सब अच्छे संकेत नहीं है।
मनुष्य हर दिन कुछ न कुछ सोच कर अपने काम पर जाता है, अपनी इच्छा लेकर, अपने परिवार की ख्वाहिश लेकर, और अगर वो पूरी न हो तो वो हताश हो कर घर लोट आता है, असल में यही सच्ची भूख है।
"ख्वाहिशों के बोझ तले दबा हुआ ये आदमी क्या न करे।"
कुछ लोगो की जिंदगी ही ऐसी होती है की अपने परिवार को भूख मिटाते मिटाते वो खुद अपनी भूख भूल जाते है। और कुछ लोग ऐसे होते है, को दूसरो का निवाला छीन लेते है। पर हम सबको ये याद रखना है की, अगर हमारी इंसानियत जिंदा रखेंगे तो हम इंसान जिंदा रह सकेंगे।🙏

ये मेरे विचार है। अगर मेरे विचारो से किसी को दुख होता है तो में क्षमा चाहता हूं।

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