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बचपन

बचपन एक ऐसी चीज होती है, जिसमें हम बड़ो का आशीर्वाद भी लेते है और उनकी डांट भी खाते है। बचपन हमेशा ऐसा ही होना चाहिए। बचपन की तो बात ही अलग होती थी। सब दोस्तो से मिल के खुश होना, गिल्ली डंडा, लुक्का चिप्पी, ये सब खेलना, इन सब का मजा ही कुछ अलग था। और भी थक के घर जाते थे, तो का के हाथ का खाना खाते थे। पर अभी के बचपन में वो बात कहा!
अभी का बचपन तो बस मोबाइल में बीत रहा है। जिस उंगलियों से कभी बच्चे गोटियां खेला करते थे, आज वही उंगलियां मोबाइल के स्क्रीन पे चलती है। अभी तो सभी बच्चे डिजिटल बचपन जी रहे है, उनको कहा पता ये सब खेल और मा की प्यारी डांट, वों पापा के साथ बाहर टहलना, दादी की कहानियों का मजा लेना। आज के बचपन को ये कुछ पता नहीं है। क्योंकि आज का बचपन तो बस मोबाइल की भाषा जानता है। दादी की कहानी, मां की डांट, इन सबकी जगह अब मोबाइल ने ली है।और आज के बचपन को अगर सही दिशा नहीं दिखाई गई तो आगे जाके बहुत भयानक परिणाम आ सकते है। बचपन से लेकर बुढापे तक सब इस डिजिटल दुनिया के दीवाने हुए बैठे है जनाब! अब समझाए तो भी किसको!😬

बचपन में जब मां सिखाया करती थी, वो सब जीवन में काम आता था, पर अभी तो वो सब लुप्त हो गई है, ऐसा लगता है। हमारे बचपन में हमें बड़ो की इज्जत करना सिखाया जाता था, परंतु आज के बच्चे तो खैर जाने दीजिए! आज के सभी मानव डिजिटल डिजिटल कर रहे है, पर उनको कहा पता कि संस्कार कहा डिजिटल मिलते हैं, और मिलते भी है तो उसमें ऐसी बात कहा!
आज का बचपन अपनी संस्कृति की नहीं जानता, अपने रिश्तेदारों को नहीं जानता, अरे खुद अपने आप में क्या क्षमता वो भी नहीं जानता।

बचपन के तो खेल भी ऐसे थे कि शारीरिक शक्ति के साथ मानसिक शक्ति भी मिलती थी। और आज के बचपन के खेल में सिर्फ मानसिक तनाव होता है और वो भी एक जगह बैठकर ही!
इस से मानसिक के साथ शारीरिक भी बच्चे कमजोर होने लगते है।
में ये भी नहीं केह रहा की, आज का बचपन सही नहीं है, सही है, पर जो होना चाहिए वो नहीं है। आज के डिजिटल प्लेटफॉर्म से हम सब कुछ कर सकते है। बच्चो को घर बैठे शिक्षा दिला सकते है, घर बैठे ही सब कुछ सिखा सकते है, और अब तो सब काम घर बैठे ही हो रहा है, अच्छा है, बहुत अच्छा है। पर जो समय पर जो चीज़े चाहिए वो तो चाहिए ही, जो आज का बचपन नहीं से सकता।
तो जितना हो सके अपने बच्चों का बचपन बेहतरीन बनायिए, जिस से हमारे देश की एक अच्छी नीव तैयार हो सके।

ये सब मेरे विचार है, और सबके विचार अलग होता है, क्योंकि सब के सोचने का तरीका अलग होता है, तो इस विषय पर ये मेरे विचार है, तो मेरे इस विचारो से किसी को हानि हो तो कृपया मुझे माफ़ करे।
सलामत रहे, सुरक्षित रहे।।

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