माता पिता Ganesh द्वारा लघुकथा में हिंदी पीडीएफ

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माता पिता

माता पिता, नाम लेते हैं हमारा जीवन सफल हो जाता है। हमारे भगवान हमारे माता पिता को प्रणाम।

ये वही भगवान है जो धरती पर रहते है। और यही भगवान हमें छोटे से बड़ा भी करते है। बचपन में जब हम कुुछ भी मांगते है तो हमारे माता पिता उनकी खुशियां, उनकी जरूरतों को बेचकर हमारी इच्छा पूरी करते है, हमें खुुश रखते है। जब हम रोते हैं, तब हमसे ज्यादा हमारी मां को दुख होता है, जब हम मुश्किल में फंसे होते है, सब से पहले पिता याद आते है। माता पिता हमारे जीवन का आदर्श है, हमारा सब कुुछ है। हमारे जीवन का तो निश्चय ही यही होना चाहिए कि माता पिता को कैसे खुश रखे?, कैसे उनकी सेवा की जाए?

जो माता पिताने जीवन भर मेहनत की क्योंकि उनके बेटे या बेटी को जीवन में कोई कष्ट उठाना ना पड़े, अपना जीवन वे अच्छे से गुज़ार सके। परंतु क्या बच्चे उनका सही और सफल परिणाम देते है? अरे जिस बच्चो के लिए मां बाप ने दिन रात काम किया है, वहीं बच्चे बड़े होकर मां बाप पे गुस्साा करते है। कभी भी मां बाप अगर किसी चीज के लिए टोकते है तुुुरंत गुस्सा हों जाते है। मतलब अगर बच्चा १८ साल का हो गया तो किसी की नहीं सुनेगा? अब उसकी ज़िंदगी पर्सनल गई? जब तक तुम्हे १८ साल
तक तुम्हे बड़ा किया तुम्हारे मां बाप ने तब कहा गई थी तुम्हारी पर्सनल लाइफ? आजकल की बच्चों को बस अपनी लाइफ देखनी है, और किसी की नहीं।

आज का जमाना तो डिजिटल हो गया है पर याद रखना दोस्तो, मां बाप का प्यार और संस्कार तो पुराने ही अच्छे लगते है। जब तक हम मां बाप के दिखाए क़दमों पर चलते रहेंगे तब तक हम जीवन की हर परीक्षा में अच्छे नंबर से पास होंगे। हमारे जीवन की आकार देने वाले हमारे माता पिता को हम खुश तो रख ही सकते है। ये वही मां बाप है ,जिन्होंने आधी रोटी खा के तुम्हे भरपेट खिलाया है, हमारी डूबती हुई नैया को पार लगाया है। अगर सुबह शाम उनके पैर छू लो तो जीवन सफल हो जाता है।

कई बच्चे तो ऐसे भी है, जिसने बड़ा होते ही अपने मां बाप को घर से निकाल दिया हो। और भी हर रोज मंदिर में माथा टेकने जाते है,
उन्हें क्या पता कि तुमने जिसको ठुकराया है, वही तुम्हारे भगवान है, फिर वो मंदिर के भगवान तो तुम्हारी मनोकामना कहा से पूर्ण करेंगे? क्योंकि तुमने अपने घर में जो भगवान थे उनको तो बाहर निकाल दिया!

इस लिए दोस्तो, सदा माता पिता की सेवा करो, उनका कहा मानो, किसी भी कार्य को करने से पहले उनकी राय लो, क्यूंकि उनके बल पर ही हम इतने बड़े हुए है। उनकी सदा सेवा करो। तो अपने माता पिता को साथ लेकर ज़िंदगी जियो और अपना जीवन सफल बनाते चलो। क्योंकि अंत में माता पिता के संस्कार ही काम आते है।

ये मेरे विचार है, सबके अलग अलग विचार होते है, तो इस लिखे हुए विचारो में मुझसे कोई गलती हो गई हो तो। मुझे माफ़ करे।