प्यार वाली पठरी... - भाग 7 vidya,s world द्वारा प्रेम कथाएँ में हिंदी पीडीएफ

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प्यार वाली पठरी... - भाग 7

पायल का टूटा ब्रेसलेट देख पायल नाराज थी इसलिए ऋतुराज उसके लिए वैसा ही ब्रेसलेट खरीद कर लाता है।ऋतुराज ब्रेसलेट तो ले आता है पर पायल को देने में हिचकिचा रहा था।पायल को अच्छा ना लगा तो ये सोच सोच ही वो उलझन में पड़ा था तभी पायल क्लिनिक में आ जाती है।ऋतुराज का उलझन में पड़ा हुआ चेहरा देख वो उस से पूछती हैं।

पायल : डॉक्टर क्या बात है आप कुछ परेशान लग रहे हो?

ऋतुराज उसकी बात सुनकर थोड़ा चौंक जाता है कि उसे कैसे पता चला।

ऋतुराज : नहीं तो मै ,मै क्यू परेशान होने लगा? लेकिन पायल आपको क्यू ऐसा लगा?

पायल मुस्कुरा कर जवाब देती है।

पायल : डॉक्टर अब हम दोस्त है ,मै इतना तो आपको समझती हू।

पायल की बात सुनकर ऋतुराज को थोड़ा धीरज आ जाता है और वो पायल से पूछता है।

ऋतुराज : पायल ,अब हम दोस्त है तो क्या मै आपको कुछ दे सकता हूं ?

पायल सोच में डूबी उस से पूछती है।

पायल : क्या डॉक्टर ?

फिर ऋतुराज अपनी जेब में रखा हुआ ब्रेसलेट बाहर निकाल कर उसे दिखाते हुए कहता है।

ऋतुराज : ये...

ऋतुराज जैसे ही ब्रेसलेट जेब से बाहर निकालता है उसकी छम छम आवाज आने लगती है,पायल ऋतुराज के हाथ में वो ब्रेसलेट देख खुशी में उसके हाथ से वो लेकर उसे कहती है।

पायल : वाव,ये कहा मिला आपको ? मैंने कितना ढूंढा पर मुझे मिला ही नहीं,ये बोहत अच्छा है क्या ये आप मेरे लिए लाए है ?

ऋतुराज उसकी बात सुनकर मुस्कुरा कर कहता है।

ऋतुराज : पायल चीजे दिलसे ढूंढी जाए तो मिल जाती है और है ये मै आपके लिए ही लाया हूं आपका ब्रेसलेट टूट गया था ना इसलिए ।

पायल हस्ते हुए अपनी मेज पर जाने ही लगती है कि तभी उसे उस शॉपिंग वाले दिन ऋतुराज के लिए उसने लिया हुआ गिफ्ट याद आ जाता है और वो अपने बॅग में से वो गिफ्ट का बॉक्स निकाल कर ऋतुराज की तरफ मुड़कर उसे कहती है।

पायल : डॉक्टर आपने तो मुझे तौफा दे दिया पर मै भी आपको कुछ देना चाहती हु।

ऐसा कहकर वो बॉक्स ऋतुराज के हाथ में थमा देती है और ऋतुराज ये सोच के खुशी से उछल पड़ता है कि पायल भी उसके लिए गिफ्ट लेकर आई है।वो बॉक्स खोलकर देखता है तो उसमे एक बड़े डाएल की घड़ी होती है।ऋतुराज वो घड़ी बॉक्स में से निकाल कर अपनी कलाई पर पहन लेता है।

ऋतुराज : बोहत अच्छी है घड़ी पायल।

पायल उसकी बात सुनकर हस्ते हुए कहती हैं।

पायल : बोहत अच्छा है ब्रेसलेट डॉक्टर।

उसकी बात सुनकर ऋतुराज भी मुस्कुराने लगता है।फिर दोनों अपने अपने काम में व्यस्त हो जाते है।

दूसरे दिन पायल जब क्लिनिक आती है तब उसके हाथ के ब्रेसलेट की छम छम आवाज आती है और वो सुन ऋतुराज खुश हो जाता है।ऋतुराज पायल को शाम को जाने से पहले पूछता है।

ऋतुराज : पायल ,अगर आपको कोई एतराज़ ना हो तो क्या आप मेरे दोस्त के बर्थ डे पार्टी में मेरे साथ आ सकती है क्या ?

पायल : पर डॉक्टर मै मै कैसे आ सकती हूं ? और मै वहा आकर करूगी क्या? मेरे पहचान का तो कोई नहीं होगा।

ऋतुराज : कोई कैसे नहीं होगा ? मै तो हूं ना साथ ..और वैसे भी मै भी तो आपकी बहन की शादी में आया था ना तब मै भी कहा किसी को जानता था ? और मै आप के साथ शॉपिंग के लिए भी तो आया था ..तो आप को भी तो आना चाहिए ना पायल ?

पायल उसकी बात सुनकर सोचती हैं और फिर कहती है।

पायल : पर डॉक्टर मैंने तो कुछ ढंग के कपड़े भी तो पहने नहीं है ऐसे कैसे आऊ ?

ऋतुराज उसकी बात सुनकर उसे देखता है और फिर कहता है ।

ऋतुराज : पायल आप ऐसे भी बोहोत सुंदर लग रही हो आप को कोई स्पेशल तयारी की कोई जरूरत नहीं।

ऋतुराज के मुंह से अपनी तारीफ सुनकर पायल शरमा जाती है और वो भी ऋतुराज की तरफ देखने लगती है ।दोनों एक पल के लिए एक दूजे की आंखों में खो जाते है।फिर पायल ही अपनी नज़रे झुका लेती है और ऋतुराज से कहती है ।

पायल : ठीक है डॉक्टर मै अपने घर फोन करके बताती हू मुझे आने में देर हो जायेगी फिर चलते है।

फिर पायल अपने घर फोन करके अपने घर वालो को बता देती है और ऋतुराज और वो ऋतुराज के दोस्त की बर्थडे पार्टी में चले जाते है ।उस से पहले ऋतुराज अपने दोस्त के लिए तौफा खरीदता है और फिर दोनों पोहचते है पार्टी में।
पार्टी एक बड़े से हॉल में थी ।हॉल को बड़े ही सुन्दर तरीके से सजाया था।ऋतुराज के साथ पायल को देख उसके दोस्त उसे चिढ़ाने लगते है।

जयेश: अरे यार ये सूरज पश्चिम से कब निकलने लगा?

ऋतुराज जयेश की बात सुनकर उसके पेट मे एक घुसा मारते हुए और हस्ते हुए कहता है।

ऋतुराज : सूरज तो हमेशा से ही पूरब से निकलता है और निकलता रहेगा ।

जयेश : अरे जो लड़का लड़कियों से कोसो दूर भागता था आज खुद वो किसी लड़की को अपने साथ लेकर आया है तो ऐसा ही लगेगा ना ?

ऋतुराज जयेश को चुप करता है और सारे दोस्तो से पायल की पहचान करता है फिर ऋतुराज अपने दोस्त आरव के पास जाकर उसे जन्मदिन की बधाई देता है और तोफा भी फिर आरव सारे मेहमान आने के बाद केक कट करता है फिर सारे दोस्त मिलकर गप्पे लड़ाने लगते है।तभी ऋतुराज का दोस्त नवीन उसे साइड में ले जाकर पूछता है।

नवीन : ऋतु क्या वो लड़की सिर्फ तुम्हारी असिस्टेंट ही है ?

ऋतुराज : क्यू तुम क्यों ऐसे पूछ रहे हो नवीन ?

नवीन : अरे ऋतु बता ना।

ऋतुराज : हा वो मेरी असिस्टेंट ही है।

नवीन : फिर ठीक है ।

नवीन मुस्कुरा रहा था तब ऋतुराज को उसके इरादे कुछ नेक नहीं लगते और वो नवीन से कहता है।

ऋतुराज : देख नवीन ,वो वैसी लड़की नहीं है । पायल बोहत ही शरीफ और अच्छी है।

नवीन : तो मैंने कब कहा वो बुरी है उल्टा वो तो मुझे बोहत अच्छी लगी ।

नवीन मुस्कुरा कर जवाब देता है।

फिर ऋतुराज और नवीन अपने दूसरे दोस्तो के पास जाकर बैठ जाते हैं।पायल एक कुर्सी पर बैठ कर हॉल देख रही थी तभी उसकी बाजू की सीट पर नवीन आकर बैठ जाता है और पायल से बाते करने लग जाता है।

नवीन : हाय पायल ।

पायल को वो बड़ा अजीब लगता है फिर भी वो हस कर उसे हाय बोलती है।

पायल : हाय।

नवीन अपना हाथ आगे करके पायल से कहता है।

नवीन : मेरा नाम नवीन है।मै डॉक्टर साहब का पुराना दोस्त हू ।

पायल को नवीन से बात करना जरा भी अच्छा नहीं लग रहा था क्युकी नवीन बस पायल को एक टक घुरे जा रहा था।

पायल : अच्छा।

नवीन : पायल आपका कोई बॉयफ्रेंड है क्या ?

पायल उसकी बात सुनकर चौंक कर उसकी तरफ देखने लगती है ।

पायल : जी ? क्या ?

नवीन : बताइए ना।

पायल अपना मुंह थोड़ा टेडा कर के कहती है।

पायल : नहीं।

नवीन उसकी बात सुनकर खुश हो जाता है।

नवीन : तो क्या मुझे आपका नंबर मिल सकता है ? मुझे आप बोहत पसंद आई।

पायल उसे देख कर सोचती है ये डॉक्टर साहब का दोस्त पागल है क्या डायरेक्ट नंबर मांग रहा है ?

पायल : जी सॉरी ।

ऐसा कह कर वो वहा से उठ कर दूसरी ओर चली जाती है।पर नवीन भी उसके पीछे पीछे जाता है और उसे नंबर के लिए परेशान करने लगता है।पायल बोहत ही इरिटेट हो जाती है और वहा से दूसरी ओर जाने लगती है।तभी नवीन उसका हाथ पकड़ लेता है ।पायल अपना हाथ छुड़ाने कि कोशिश करती है पर नवीन ने उसका हाथ जोर से पकड़ा था तो वो अपना हाथ छुड़ा नहीं पा रही थी।पायल की आंखो से अब पानी आने लगा था उसके हाथ में दर्द होने लगा था।तभी नवीन के मुंह पर जोर का चाटा पड़ जाता है जिसकी वजह से नवीन पायल का हाथ छोड़ देता है। चाटा मारने वाला ऋतुराज था वो कब से नवीन की हरकते देख रहा था और उसे नवीन पर गुस्सा आ रहा था ।नवीन को पायल का हाथ पकड़ा देख ऋतुराज से सहा नहीं जाता और वो उसे चाटा मार देता है।

क्रमश :