प्यार वाली पठरी... - भाग 3 vidya,s world द्वारा प्रेम कथाएँ में हिंदी पीडीएफ

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प्यार वाली पठरी... - भाग 3

आज पूरे छह दिन बाद पायल क्लिनिक अाई थी।वो इमारत के नीचे ही खड़े होंकर सोच में डूबी थी कि ऊपर जाऊं या ना जाऊं।चार दिन से मै बिना डॉक्टर साहब को बताए छुट्टी लेके बैठी हूं।डॉक्टर साहब गुस्सा करेंगे तो ?आधे घंटे से वो सिर्फ नीचे ही टेहल रही थी कि अचानक उसे उसकी तरफ एक पागल आदमी आता हुआ दिखाई पड़ा पायल उसे देख बड़ी घबरा गई और वो दौड़ती हुई सीढ़ियां चढ़ क्लिनिक के सामने जा पोहची।ऋतुराज दरवाजे पे ही खड़ा था पायल हड़बड़ी में उसे जाकर टकराई।ऋतुराज ने उसे झट से संभाल लिया और उसे गिरने से बचा लिया।वो थोड़ी डरी हुई लग रही थी।

ऋतुराज : पायल क्या हुआ आप इतनी घबरा क्यू रही हो ?

पायल : वो ,वो नीचे पागल आदमी है वो मेरी तरफ आ रहा था।

ऋतुराज : घबराओ मत वो कुछ नहीं करेगा ,कभी कभी खाने कि तलाश में वो यहां आ जाता है कुछ नहीं करेगा वो और अब तुम यहां ऊपर आ गई हो ना वो ऊपर नहीं आएगा।

उसकी बाते सुनकर पायल थोड़ा राहत मेहसूस करती है।पायल को सामने देख ऋतुराज तो भूल ही गया था कि वो इतने दिनों से क्लिनिक नहीं आ रही थी।वो बस जी भर कर उसे देखे जा रहा था ।फिर पायल ही बोल पड़ी।

पायल : डॉक्टर आप मुझपे गुस्सा हो क्या ?

ऋतुराज : क्यू?

पायल : मै इतने दिनों से जो नहीं आयि ।

ऋतुराज : गुस्सा तो नहीं हूं पर आपको बता के तो छुट्टी लेनी चाहिए थी ।

पायल : वो मेरी तबियत खराब थी और मै कॉलेज भी नहीं आई और मेरे पास आपका नंबर भी नहीं था तो मै आपको कैसे बताती।

वो बीमार थी ये सुनकर ऋतुराज को फिक्र होती है और वो पूछने लगता है।

ऋतुराज : क्या हुआ था पायल ? अब ठीक तो हो ना ?

पायल : जी डॉक्टर अब बिल्कुल ठीक हूं।बुखार आया था।

फिर पायल अपनी जगह पर जाके बैठ जाती है ऋतुराज फिर उसकी मेज के पास आके उसे केहता है।

ऋतुराज : पायल किसी ने मुझे कुछ दिन पहले कहा था कि वो किसी से नहीं डरती।पर आज तो कोई एक आदमी को देख के दौड़ते हुए आया था।

ऋतुराज हस्ते हुए बोलता है।पायल उसकी बात सुनकर हक्की बक्की होकर बोलती है।

पायल : हा,तो मै किसी से नहीं डरती ,वो वो अचानक से सामने आ रहा था तो ,तो...

ऋतुराज हस्ते हुए बोलता है।

ऋतुराज : रहने दीजिए पायल ,कोई बात नहीं मै तो यूहीं मजाक कर रहा था।

ऋतुराज को हस्ता देख पायल उसे टकटकी लगाए देखे जा रही थी ..डॉक्टर हस्ते हुए कितने आच्छे लगते है ना पायल मन में ही सोच रही थी।उसे अपनी ओर देखता देख ऋतुराज भी मुस्कुराता है और अपनी कुर्सी पे जाकर बैठ जाता है।

फिर उनका काम शुरू हो जाता है मरीज आना उनका चेक अप ,दवाई देना दिन भर शुरू ही था इसी बीच ऋतुराज अपनी रूम में जाके खाना भी खा के आता है उसने सोचा होता है कि वो रोज डिब्बा क्लिनिक में ही लेके आएगा पर पायल चार दिन तक नहीं आती इसलिए वो डिब्बा लना बंद कर देता है और आज अचानक पायल आ पोहची थी।खाने के बाद जब पायल उसकी केबिन में जाती है।

पायल : डॉक्टर ,ये मेरी मौसेरी बहन के शादी का कार्ड है।कल शादी है घर वाले बोले आपको भी कार्ड दे आयु और हा मै कल नहीं आयूगी।

ऋतुराज : पर पायल तुम तो चार दिन बाद आज अाई हो और कल फिर छुट्टी ?

पायल : बस कल का एक दिन डॉक्टर फिर कभी छुट्टी नहीं लूंगी अब बेहन की शादी है तो छुट्टी तो लेनी ही पड़ेगी ना ?

ऋतुराज का चेहरा उतर जाता है वो ठीक है बोल देता है ।

पायल : डॉक्टर आपको वक़्त मिले तो जरूर अाइए शादी दोपहर को है ।

ऋतुराज : नहीं तुम हो आओ मै नहीं आ पाऊं गा।

पायल उसकी केबिन से बाहर जा रही होती है तभी ऋतुराज उसे आवाज देता है।

ऋतुराज : पायल ..

पायल मुड़कर फिर उसकी ओर देख के पुच्छती है।

पायल : जी डॉक्टर ?

ऋतुराज : अपना नंबर देते जाइए।आयिंदा कभी छुट्टी लेनी होती बता सकोगी ना ?

पायल हस्ते हुए अपना सर हिलाती है और उसे अपना नंबर दे देती है।

शाम को पायल चली जाती है ।ऋतुराज पायल आज अाई थी इस बात से खुश था पर कल वो फिर नहीं आएगी ये सोच वो फिर गुमसुम हो जाता है।

दूसरे दिन जब वो क्लिनिक पोहचता है तभी उसे वो पागल आदमी दिखाई देता है और उसे कल घबरा ई पायल का चेहरा याद आ जाता है वो मुस्कुरा के उस पागल आदमी को सामने की दुकान से एक बिस्किट का पैकेट लेके देता है और अपनी क्लिनिक में चला जाता है।

दोपहर होने को अाई थी और ऋतुराज का मन कर रहा था कि अगर कार्ड मिला है तो जाना चाहिए शादी में और वहा गया तो उसे पायल भी दिखाई देगी ।हा ना हा ना की चक्कर में वो गाड़ी निकालता है और पोहच जाता है शादी वाली जगह पे पर यहां उसकी जान पहचान का एक भी आदमी दिखाई नहीं पड़ रहा था।

शिट यार मै बेवजह ही आ गया यहां तो मै किसी को भी नहीं जानता पर क्लिनिक में भी तो मन नहीं लग रहा था।अरे हा पायल का नंबर है उसे फोन लगाता हूं ।दूल्हा दुल्हन को ये गिफ्ट देके और पायल को देख कर जल्दी से वापस चला जाऊ गा।ऋतुराज खुद से ही बाते करते हुए पहले पायल इधर उधर दिखती है क्या ढूंढता है पर उसे इतनी भीड़ में पायल कहीं दिखाई नहीं पड़ती ।फिर वो उसे फोन लगता है ।कुछ देर बाद सामने से पायल फोन उठाती है।पर उसने शायद ऋतुराज का नंबर सेव नहीं किया था तो वो उसे नहीं पहचानती।

पायल : हेल्लो कोन ?

ऋतुराज : पायल मै डॉक्टर ऋतुराज ।

पायल उसकी आवाज पहचान लेती है ।

पायल : हा डॉक्टर बोलिये कुछ काम था क्या ?

ऋतुराज : पायल मै यहां शादी की जगह पे आया हूं पर यहां आप कहीं दिखाई नहीं पड़ रही और मै किसी और को जानता नहीं हूं इसलिए क्या आप बता सकती है आप कहा पर है ?

पायल ऋतुराज आया है ये बात सुनकर खुश हो जाती है।

पायल : डॉक्टर आप कहा पर हो बताइए मै वहा आ जाती हूं।

डॉक्टर : मै गेट के सामने लिफ्ट साइड को हूं जहां से स्टेज कि तरफ रास्ता जाता है वहीं पर।

पायल : जी हा समझ गई मै आप रुकिए मै आती हूं ।

इतना बोल पायल फोन काट देती है।

ऋतुराज अब चारो ओर नजर घूमता है तो उसे एक तरफ से पायल आती हुई दिखाई पड़ती है पर उसे देख के है ऋतुराज के होश उड़ जाते है।पायल बेहद खूबसूरत जो लग रही थी ।उसने आसमानी रंग का लेहंगा पहना हुआ था।दोनों हाथो में बोहात सारी नीले रंग की चूड़ियां ,गले में कुंदन का हार और कान में वैसे ही मैच झुमके माथे पर बिंदिया , हलकासा मेक अप ,आंखो में काजल , और बाल खुले छोड़े हुए थे ।वो अपना लेहगा दोनों हाथों से थोड़ा ऊपर की तरफ पकड़े हुए ऋतुराज की तरफ देखते हुए हस्ते हुए आ रही थी।ऋतुराज उसे देखने में इतना खोया था कि वो सामने आके खड़ी हो जाती है फिर भी वो उसे देखे ही जा रहा था।फिर पायल उसे आवाज देती है।

पायल : डॉक्टर ..

फिर भी ऋतुराज बिना पलके झपकाए उसे देखे ही जा रहा था ।फिर पायल उसकी शर्ट को पकड़ कर खीचती है तब ऋतुराज होश में आ जाता है।

और हड़बड़ा कर उसके हाथ में पकड़ा हुआ गुलदस्ता पायल को देने लगता है।

पायल जोर से हस्ते हुए केहती है।

पायल : ये मुझे नहीं दूल्हा दुल्हन को दीजिए ।

तब ऋतुराज को याद आ जाता है कि वो गुलदस्ता तो वो दूल्हा दुल्हन के लिए ही लेकर आया है।

ऋतुराज : सॉरी...

पायल : ठीक है चलिए मै उनसे मिलवाती हूं आपको ।

पायल आगे और ऋतुराज उस के पीछे पीछे जा रहा था तभी वो पायल को आवाज देता है।

ऋतुराज : पायल..

पायल : जी डॉक्टर ..

ऋतुराज थोड़ा अटक अटक के कहता है।

ऋतुराज : पायल..वो ..आज आप बेहद खूबसूरत लग रही है।

पायल मुस्कुराती है और उसे पूछती है।

पायल : रोज नहीं लगती है ?

ऋतुराज : नहीं मेरे कहने का मतलब वो नहीं था रोज आप खूबसूरत लगती है।

पायल : अरे रहने दीजिए मै तो यूहीं मजाक कर रही थी और हा तारीफ के लिए शुक्रिया।

ऋतुराज भी चुपचाप उसके पीछे चला जाता है।

वो दूल्हा दुल्हन से मिलता है और उन्हें बधाई भी देता है शादी की फिर वो पायल के घरवालों से भी मिलता है सब उसे खाना खाकर जाने के लिए कहते है।वो खुद भी सिर्फ पायल को देख कर वापस जाना चाहता था पर पायल को देखने के बाद वहा से जाने का मन उसका भी नहीं कर रहा था तो वो रुक जाता है।वहा सिर्फ पायल उसे जानती थी इसलिए पायल भी उसके साथ ही रुकी थी। और इस बात की ऋतुराज को बड़ी खुशी हो रही थी।

कुछ देर बाद पायल की दूसरी बहने भी उसे बुलाने आ जाती है।

मीरा : पायल चल ना डांस करते है ,तू यहां क्यू बैठी है ?

पायल : मीरा तू बाकियो के साथ कर ले ना डांस अरे डॉक्टर साहब हमारे मेहमान है और वो किसी और को जानते नहीं मेरे सिवा इस लिए मुझे उनके साथ यही रुकना पड़ेगा।

मीरा : पायल डॉक्टर बड़े है कोई छोटे बच्चे नहीं है और चाहो तो उन्हें भी ले चलते है वो भी हमारे साथ डांस कर लेंगे।

ऋतुराज फटाक से बोल देता है।

ऋतुराज: जी नहीं,मै और डांस नहीं,पायल आप जाइए मै बैठता हूं यही।

फिर पायल मीरा के साथ चली जाती है और ऋतुराज दूर बैठ कर उसका डांस देख रहा था ।पायल को हस हस कर डांस करता देख ऋतुराज भी खुश हो गया।कुछ देर बाद पायल फिर ऋतुराज के पास आके बैठ जाती है ।फिर दोनों मिलकर खाना खाते है और ऋतुराज पायल को कल क्लिनिक आने के लिए केह कर चला जाता है।

क्रमश :