प्यार वाली पठरी... - भाग 8 vidya,s world द्वारा प्रेम कथाएँ में हिंदी पीडीएफ

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प्यार वाली पठरी... - भाग 8

ऋतुराज नवीन को थप्पड़ लगा देता है।नवीन झट से पायल का हाथ छोड़ देता है और ऋतुराज को देखकर और अपना एक हाथ थप्पड़ पड़े गाल पर रख कर कहता है।

नवीन : ऋतुराज , तुमने मुझे मारा वो भी इक मामूली असिस्टंट के लिए ? तुमने अपने दोस्त को मारा? वो क्या तुम्हे मुझसे ज्यादा प्यारी हो गई है?

नवीन की बात सुनकर ऋतुराज को और ज्यादा गुस्सा आ जाता है और वो नवीन से कहता है।

ऋतुराज : तुम जैसा बत्तमिज ,मेरा दोस्त हो ही नहीं सकता ।जब पायल मना कर रही थी तो भी तुम्हे उनका हाथ पकड़ने की क्या जरूरत थी ?

ऋतुराज नवीन को बोहत खरी खोटी सुनाता है और पायल से कहता है।

ऋतुराज : चलो पायल अब हम यहां एक पल भी नहीं रुकेंगे।

पायल को तो कुछ समझ नहीं आ रहा था।ऋतुराज ने नवीन को उसके लिए मारा ये सोच उसे खुशी भी हो रही थी और नवीन और ऋतुराज की दोस्ती उसकी वजह से टूट जाएगी इसका दुख भी हो रहा था।वो चुप चाप ऋतुराज के पीछे पीछे चल पड़ी ।ऋतुराज अभी भी थोड़ा गुस्से में लग रहा था।दोनों भी बोहोत देर तक चुप रहे फिर ऋतुराज ही बोल पड़ा।

ऋतुराज : माफ़ करना पायल ,सब मेरी वजह से हुआ।मै ही आपको वहा लेके गया था ।अगर मै आपको अपने साथ वहा लेकर नहीं जाता तो ये सब नहीं होता।

ऋतुराज अपना सर झुकाए पायल से कहता है ।

पायल : डॉक्टर आपकी कोई ग़लती नही थी ।पर आपको अपने दोस्त को नहीं मारना चाहिए था।

ऋतुराज झट से बोल पड़ा।

ऋतुराज : तो क्या नवीन को मै आपके साथ बत्तमिजी करने देता ?

पायल : वैसे नहीं पर आप उन्हे समझा भी सकते थे ना ? खाम खा मेरी वजह से आपकी और नवीन जी की दोस्ती टूट जाएगी ।

ऋतुराज : टूटती है तो टूटने दीजिए।पर कोई आपके साथ बत्तमीजी से पेश आए ये मुझसे बर्दाश्त नहीं हो सकता।

ऋतुराज की बात सुनकर पायल मन ही मन मुस्कुराती है और ऋतुराज से पूछती है ।

पायल : क्यू ?

पायल का सवाल सुनकर ऋतुराज भी चुप हो जाता है।ऋतुराज कोई जवाब नहीं देता है इस लिए पायल भी उसे दोबारा नहीं पूछती ।फिर ऋतुराज पायल को उसके घर के पास छोड़ देता है और खुद भी अपने घर चला आता है।वो भी पायल के क्यू का जवाब ढूंढने लगता है ।पायल का क्यू उसे बेचैन कर देता है ।वो सोचता रहता है ...पायल मुझे बोहोत अच्छी लगती है।दिल करता है हमेशा वो मेरे साथ हो।जब वो साथ होती है तो सारा जहा खूबसूरत लगने लगता है।उसे जब देखता हुए तो ...दिल करता है बस देखता ही रहूं पर क्यों ? पहले तो कभी किसी के लिए ऐसा फील नहीं किया ।पहले तो किसी के लिए दिल इतना बेचैन ना था।इस बेचैनी की वजह क्या है ? क्या इसी को प्यार केहते है ? क्या सच में मुझे पायल से प्यार हो गया है ? ऋतुराज इसी सोच में डूबा सो जाता है।

दूसरे दिन पायल क्लिनिक में आते ही ऋतुराज से केहति है।

पायल : डॉक्टर अगले हफ्ते से मै क्लिनिक नहीं आ सकुगी।

ऋतुराज उसकी बात सुनकर थोड़ा चौंक जाता है।

ऋतुराज :क्यू ? क्या हुआ पायल ? क्या आप नवीन कि बात को लेकर अभी तक नाराज हो ?

पायल : नहीं डॉक्टर ,मै तो वो बात भूल भी गई।

ऋतुराज : तो फिर आप क्यू नही आओगी?

पायल : अगले हफ्ते से मेरे फाइनल एग्जाम शुरू होने वाले है और उसके बाद हमारी छुट्टियां शुरू हो जाएगी तो मै कॉलेज नहीं आ सकती और इसलिए मुझे जॉब भी छोड़ना पड़ेगा।
पायल सर झुकाए कहती है।

ऋतुराज पायल की बात सुनकर चौंक कर उस से पूछता है।

ऋतुराज : क्या ? जॉब छोड़ देगी ? पर आप ऐसे कैसे कर सकती हो पायल ?

पायल उसकी बात समझ नहीं पाती और फिर उस से पूछती है।

पायल : जी डॉक्टर ?

ऋतुराज खुद को संभालते हुए कहता है।

ऋतुराज : मतलब आप ऐसे अचानक जॉब छोड़ देगी तो ,मै इतनी जल्दी असिस्टेंट कहा से ढूंढ पाऊँगा?

पायल उसकी बात सुनकर थोड़ा उदास हो जाती है ।उसे लगता है ऋतुराज कहेगा की जॉब मत छोड़ो रुक जाओ।पायल सोचती है,मै जॉब छोड़ने की बात कर रही हूं और इन्हे नई असिस्टेंट की पड़ी है।रुक जाओ मत छोड़ो केह सकते है ना पर नहीं ।पायल मन ही मन में सोचने लग जाती है।

ऋतुराज भी मन में ये सोच रहा था ।की पायल जॉब छोड़ देगी तो वो अब रोज पायल को नहीं देख पाएगा।उसका मन बेचैन हो उठा था।दिल कर रहा था पायल से कह डाले कि मत जाओ रुक जाओ।पर जब पायल ही चाहती है छोड़ना तो वो क्या करे ये सोच वो भी चुप बैठ जाता है।दोनों भी पहले आप पहले आप में अपनी अपनी जगह पर चुप चाप बैठे रहे और अपना काम करते रहे ।

धीरे धीरे एक हफ्ता गुजरने को आया।पायल भी उदास थी और ऋतुराज भी।पर दोनों भी एक दूसरे से कुछ कह नहीं रहे थे।

तुमको भी है खबर ,मुझको भी है पता
हो रहा है जुदा दोनों का रास्ता..

दोनों के दिल में यही खयाल गूंज रहा था।पायल के क्लिनिक से जाने का आखरी दिन आ ही गया।पायल अपना सारा सामान समेट रही थी उसका दिल कर रहा था कि बस एक बार ऋतुराज उसे कहे की रुक जाओ और ऋतुराज सोच रहा था कि पायल एक बार कहे की वो रुकना चाहती है।दोनों भी चुप ही रहे और आखिर कार पायल चली गई।

ऋतुराज अब खुद को ही कोसने लगा कि काश को एक बार तो पायल को रुकने के लिए बोलता।दूसरे दिन जब वो क्लिनिक पोहचा तो उसे पायल की खाली मेज देख कर उसे पायल की याद सताने लगी ।उसका दिल क्लिनिक में तो क्या किसी भी काम में नहीं लग रहा था।बस उसे बार बार पायल दिखाई देने लगी थी हर जगह ।अब उसे यकीन हो चला कि हा उसे पायल से प्यार हो चुका है और वो अब पायल के बिना रह नहीं सकता ।जैसे ही उसे एहसास हुआ ।ऋतुराज ने झट से क्लिनिक बंद कर दिया और वो अपने दिल की बात पायल को बताने के लिए उसके कॉलेज की ओर चल पड़ा।

क्रमश :