मे और महाराज - ( एक परीक्षा_१) 14 Veena द्वारा नाटक में हिंदी पीडीएफ

Featured Books
श्रेणी
शेयर करे

मे और महाराज - ( एक परीक्षा_१) 14

अपने सामने राजकुमार सिराज को पाकर वो चीख पड़ी।

" आ.................." अपनी सांसों को समेट वो बिस्तर पर से उठी। " तुम क्या करने की कोशिश कर रहे थे ? मूझे डरा दिया।" समायरा।

" ये सवाल हमे आपसे पूछना चाहिए ? हमारे तीन नियम भूल गई आप ? " सिराज ने उसकी तरफ देखते हुए कहा, " वहा कभी ना जाए जहा जाने से आपको मना किया है। अब जब आपने नियम तोड़ा है, तो बताएं किस तरीके से मरना पसंद करेंगी आप।"

" क्या मुझे कुछ समझ नहीं आ रहा, ओ ये आपका कमरा है!!!!!! तभी सोचूं कुछ अलग अलग मौहौल क्यो है। मुझे रात को नींद मे चलने की बीमारी है। इसलिए मुझे पता नही चलता कब कहा चली जाती हु।" समायरा।

" अच्छा तो आप चाहती है, हम आपके इस नए झूठ पर यकीन करे की इस महल के एक कोने मे बना अपना कमरा छोड़ आप महल के दूसरे सिरे तक नींद मे चलकर आई। यहां तक नींद मे हमारे सामान को छुआ। बताए वो कहा है ?" सिराज।

" ये लीजिए आपका सामान वो गलती से ले लिया होगा मैने।" समायरा ने अपने हाथो में पकड़े वाज सिराज के पास रखते हुए कहा, " अच्छा अब गलतफहमी दूर हो गई है तो में चलती हू।" समायरा जैसे ही जाने के लिए मूडी सिराज ने उसे रोका।

" हम इस समान की बात नही कर रहे।" सिराज।

" देखो मैंने बस वो वाज उठाए और इस बिस्तर पर लेटी इतना ही किया है। इसके अलावा तुम्हारी किसी चीज को नहीं छुआ।" समायरा।

" आप ऐसे नहीं मानेंगी, हमारे पास इसके अलावा और कोई रास्ता नहीं।
१) जहर खा कर मरना।
२) तलवार से अपना गला काट लेना।
३) रस्सी से आत्महत्या।
किस तरीके से मरना पसंद करेंगी आप ? " सिराज

" तुम पागल हो। एक बिस्तर पर लेटने के बदले मौत की सजा कौन देता है भला ?" अब समायरा का शांति से दूर दूर तक कोई वास्ता नहीं बचा था। सिराज की बातो ने मानो उसके गुस्से की आग को भड़का दिया था। " ज्यादा से ज्यादा इस बिस्तर को बदल दो और चद्दर मुझे दो मैं तुम्हे अच्छे से धो कर ईत्तर डाल कर वापस कर देती हु। ये मरने वाली जिद्द क्या हुई??"

" बात सिर्फ इस बिस्तर की नही है, आप भी जानती है।" सिराज।

" नही में नही जानती। में बस इतना जानती हु की में एक वजीर की बेटी हू जिसे महाराज ने खुद तुम्हे तोहफे के तौर पर दिया है। अगर मुझे कुछ हुवा तो सवाल तुम पर भी उठेंगे।" समायरा ने घमड़ से कहा।

" हम कह देंगे, की हमारी रक्षा करते करते तलवार से राजकुमारी शहीद हो गई। या फिर उनकी मानसिक बीमारी के चलते उन्होंने खुदखुशी कर ली। तीनो ही सुरतो मे हमारे पास वजह तैयार है।" सिराज।

अब समायरा को वाकई डर लगने लगा था। " सुनो, में सच कह रही हु गलती से यहां आ गई थी। वापस ये गलती नही होगी। मेरे खून से खामखा अपना कमरा गंदा मत करो। तलवार से मुझे डर लगता है। अब इस वक्त तुम जहर और रस्सी कहा ढूढने जाओगे। आज की बात बस जाने दो। वापस ऐसी गलती नही होगी।"

" तो हमे वो मुद्रा वापस कर दीजिए।" सिराज।

" कौनसी मुद्रा ? कहा ना मैने......." समायरा अपनी बात पूरी कर पाए उस से पहले सिराज बीच मे बोल पड़ा।

" कौन है उस तरफ ? सामने आओ।" सिराज।

एक आदमी काले कपड़े पहन पीछे की दीवार से बाहर आया। उसने समायरा को पीछे से पकड़ छुरी उसके गले पर लगाई।
" राजकुमार अगर राजकुमारी को जिंदा देखना चाहते हो, तो मुझे यहां से जाने दो।"

तभी रिहान पीछे से अपनी तलवार ले कर दौड़ते हुए कमरे में आया। जैसे ही काले कपड़े पहने हुए आदमी की नजर रिहान की तरफ मुड़ी सिराज ने अपनी तरफ से छुरी इस तरह फेकी के उस आदमी के हाथ से राजकुमारी की गर्दन पर लगी छुरी नीचे जमीन पर गिर गई। राजकुमार ने तुरंत समायरा को अपनी तरफ खींचा और तभी रिहान ने अपनी तलवार के दम पर ऊस काले कपड़े वाले को गिरफ्तार किया। लेकिन गिरफ्तार होते ही, उसने अपने अंगूठी का हीरा खा कर वही अपनी जान दे दी। समायरा ये सब देख कर बोहोत ज्यादा डर गई।

" रिहान राजकुमारी को सही सलामत उन के कमरे तक पोहचा दो।" सिराज।

जब तक रिहान समायरा को वापस छोड़ राजकुमार के कमरे मे पोहोचा तब तक सिराज ने उस काले कपड़े पहने आदमी की तलाशी पूरी कर ली थी।

" राजकुमार, राजकुमारी अपने कमरे तक पोहोच गई।" रिहान।

" मुद्रा भी सही सलामत अपनी जगह है, जानते हो जिस सवाल को हम पूरे रास्ते सोच रहे थे उसका जवाब अब हमे मिल गया।" सिराज ने एक खत रिहान को दिखाते हुए कहा।

" में समझा नही राजकुमार।" रिहान।

" हम पूरे रास्ते बस यही सोच रहे थे की क्यो अचानक, रात के वक्त महाराज ने हमे और बड़े भाई को मिलने बुलाया।" सिराज ने वो खत रिहान को दिया। " ये वो वजह है।"

रिहान ने खत पढ़ा, उस में साफ साफ लब्जो मे सिर्फ एक वाक्य लिखा गया था।
" राजमुद्रा राजकुमार सिराज के कमरे में है।"

" क्या आपको लगता है, की इसमें राजकुमारी शायरा का कोई हाथ है?" रिहान।

सिराज ने पूरे कमरे पर एक नजर डाली और हंसते हुए कहा। " ये तो हमे कल पता चले गा। तैयारिया शुरू कर दो, अब भाई मैदान मे उतर चुके है। हमे भी अपनी जीत के लिए चौकन्ना रहना होगा।"