आधार - 3 - समय-प्रबंधन, जीवन की पहली आवश्यकता है। Krishna Kant Srivastava द्वारा प्रेरक कथा में हिंदी पीडीएफ

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आधार - 3 - समय-प्रबंधन, जीवन की पहली आवश्यकता है।


इस संसार में मौसम आते हैं और जाते हैं, मनुष्य आते हैं और जाते हैं, समाज बनता है और बिगड़ता है, पर समय बिना रुके सदा चलता रहता है। समय को कोई पकड़ नहीं सकता। हम जितना उसके पीछे दौड़ते हैं वह उतना ही आगे भाग जाता है। यह बहुत बड़ी विडंबना है कि हम समय का महत्व जानते हुए भी उसे व्यर्थ के कार्यों में जाया करते रहते हैं। समय-प्रबंधन की असमर्थता ही इसका मूल कारण है। हम यह भूल जाते हैं कि जीवन-प्रबंधन के लिए, व्यक्तित्व निर्माण के लिए और कार्यक्षेत्र में सफलता के लिए समय का प्रबंधन अति आवश्यक है। इसके अभाव में हमारे जीवन पर अस्त-व्यस्तता हावी हो जाती है। अच्छा समय प्रबंधन हमारे जीवन में सफलता का मार्ग प्रशस्त करता है।
जीवन में कुछ भी करने के लिए समय की आवश्यकता होती है। आप कितने भी कुशल, महान, समृद्ध या प्रसिद्ध व्यक्ति क्यों ना हो परंतु समय का कोष सभी के लिए सीमित रहता है। आपको अपने जीवन में जो कुछ भी करना है, जितनी भी समृद्धि प्राप्त करनी है, या जितना भी नाम कमाना है, सब दिन के इन्हीं 24 घंटों के भीतर करना है। इतने समय में ही आपको सभी आवश्यक, अप्रत्याशित, व्यक्तिगत, व्यावसायिक, पारिवारिक, सामाजिक, मनोरंजक, स्वास्थ्यवर्धक आदि कार्य अपने आवश्यकतानुसार पूरे करने होते हैं। हम अपने समय पर शत-प्रतिशत नियंत्रण तो नहीं कर सकते, परंतु प्रभावी रूप से समय का सदुपयोग करने की आदत डालकर अपनी कार्य-क्षमता को और अधिक विकसित कर सकते हैं। इसलिए समय का बेहतर प्रबंधन अति आवश्यक है। जो मनुष्य अपने समय को बेहतर तरीके से व्यवस्थित कर लेते हैं, वहीं जीवन में पूर्ण सफलता प्राप्त कर सकते हैं।
समय, सभी के लिए निःशुल्क होता है, न कोई कभी इसे बेच सकता है, न खरीद सकता है। समय अबंधनीय है, अर्थात् कोई भी इसकी सीमा निर्धारित नहीं कर सकता है। यह समय ही है, जो सभी को अपने चारों ओर नचाता है। अपने जीवन में कोई न तो इसे हरा सकता है, और न इससे जीत सकता है। समय को इस संसार में सबसे ताकतवर वस्तु कहा जाता है, जो किसी को भी नष्ट या सुधार सकता है। समय जीवन में अन्य सभी वस्तुओं से अधिक शक्तिशाली और अमूल्य होता है। हम धन को तो एकबार खो कर दुबारा प्राप्त कर सकते हैं परंतु समय को खो कर किसी भी साधन से दुबारा प्राप्त नहीं कर सकते। इसकी क्षमता को हम माप नहीं सकते, क्योंकि जीवन में कभी-कभी जीतने के लिए एक पल ही काफी होता है और कभी-कभी इसके लिए पूरा जीवन लग जाता है। कोई पल व्यक्ति को अमीर बना देता है और कोई गरीब। जीवन और मृत्यु के बीच भी केवल एक पल का ही फासला होता है। समय सर्वदा हमारे लिए स्वर्णावसर लाता है, बस आवश्यकता है, उसके संकेतों को समझ कर तदानुसार कार्य करने की।
यदि आप समय की महत्ता को नहीं समझते तो निश्चित मानिए समय भी आपको अहमियत नहीं देगा। समय के साथ वस्तुएं जन्म लेती हैं, बढ़ती हैं, घटती हैं और नष्ट हो जाती हैं। लोग सोचते हैं कि जीवन कितना लम्बा है परंतु सत्य तो यह है कि जीवन क्षणिक है और जीवन में करने के लिए कार्य बहुत हैं। हमें अपने जीवन का हरेक पल उचित और अर्थपूर्ण ढंग से बिना नष्ट किए उपयोग करना चाहिए।
जीवन में सफलता का पहला कदम उत्तम समय-प्रबंधन ही है। जिस व्यक्ति ने अपने समय का उचित प्रयोग करना सीख लिया, सच मानिये उसने अपनी कामयाबी का पहला अध्याय लिख लिया। जो अपने समय की व्यवस्था ठीक से नहीं कर सकता, वह हर क्षेत्र में विफल हो जाता है। कुशल समय-प्रबंधन आपकी उत्पादकता बढ़ाता है, काम की गुणवत्ता सुधारता है और तनाव कम करने में भी मदद करता है। अपने निश्चित लक्ष्य की प्राप्ति के लिए बनाई गई, समय की सुनियोजित योजना, समय-प्रबंधन कहलाती है। यह आपको अपनी हर गतिविधि को एक निश्चित समय में पूरा करने की कला सिखाती है।
समाज के सभी क्षेत्रों में कार्यरत व्यक्तियों के लिए समय-प्रबंधन अत्यंत आवश्यक है। आप ग्रहणी हैं और आप अपनी रुचि अनुरूप कार्यों में समय व्यतीत करना चाहती हैं, आप छात्र हैं और उच्च शिक्षा में सफलता प्राप्त करना चाहते हैं, आप व्यापारी हैं और व्यापार को देश-विदेश तक फैलाना चाहते हैं, आप वैज्ञानिक हैं और बड़े-बड़े अनुसंधान करना चाहते हैं, आप खिलाड़ी हैं और खेल में उच्च पदक प्राप्त करना चाहते हैं अर्थात आप किसी भी क्षेत्र में सफलता प्राप्त करना चाहते हों, समय-प्रबंधन आपको अपना लक्ष्य प्राप्त करने में महत्वपूर्ण भूमिका अदा करता है।
अच्छे समय-प्रबंधन के लिए आपको अपनी कार्य-विधि में अमूल-चूक परिवर्तन करना चाहिए। आपको अपनी हर गतिविधि का उद्देश्य केवल लक्ष्य प्राप्ति ही निर्धारित करना चाहिए। व्यस्त रहने का यह अर्थ कदापि नहीं है कि आप लक्ष्य को प्राप्त ही कर लेगें। अक्सर लक्ष्य से चूकने वाले ये दुहाई देते हैं, कि हमने कोशिश की पर क्या करे समय कम था। यदि आप वैज्ञानिक विधि अनुसार कार्य नहीं करते हैं तो समय कितना भी हो वह हमेशा कम ही पड़ेगा। अतः आप समय-प्रबंधन की तकनीकों का उपयोग करके, अपने कार्य को और अधिक प्रभावी ढंग से पूर्ण करने की क्षमता प्राप्त कर सकते हैं।
जीवन का प्रत्येक क्षण, ईश्वर का दिया हुआ अनमोल तोहफा है। इसे पहचानकर और समय के साथ अनुशासित हो कर चलना प्रारंभ करें। बीता समय, खर्च किए गए धन के समान कभी वापस नही आता। भविष्य का समय अपने नियंत्रण में नहीं होता, वह तो ईश्वर द्वारा ही निर्धारित किया जाता है। केवल वर्तमान समय ही हमारे पास कार्य करने हेतु उपलब्ध है। अतः हमारे लिए हितकर होगा कि हम समय का अधिकतम सदुपयोग करके लाभ उठाएँ और व्यर्थ के कार्यों में इसे नष्ट ना करें।
समय-प्रबंधन के लिए सबसे पहले यह विचार कीजिए कि हमारा समय व्यर्थ किन कार्यों में हो जाता है। हम पाएंगे कि नियोजन की कमी, दूसरों को कार्य न सौंप पाने की इच्छा शक्ति की कमी, ईर्ष्या, घृणा, क्रोध, जैसी कई निजी समस्याएं और अन्य तरह-तरह की बाधाएं, हमारा बहुत-सा समय बरबाद कर देती हैं। इसके अतिरिक्त, कुछ समय पूर्वाग्रहों, निर्भरताओं, लगाव-झुकाव, अति ममत्व, चिंता और तनाव के हवाले भी हो जाता है। इन से बचने के लिए और बेहतरीन समय-प्रबंधन के लिए नीचे दिए गए कुछ सुझावों पर अमल करने का प्रयास कीजिए। संभव है, आप इन प्रयासों का सफलतापूर्वक अभ्यास कर अपने समय का बेहतरीन उपयोग कर सकने में समर्थ हो सकें।
आप रात्रि में सोने से पूर्व, अगले दिन के कार्यों की रूपरेखा अवश्य तैयार कर लें। इसका परिणाम यह होगा कि आप अगले दिन किये जाने वाले संपूर्ण कार्यों से पूर्व परिचित होंगे और दिन का प्रत्येक पल आपकी योजना अनुरूप ही व्यतीत होगा। प्रत्येक कार्य को उसकी उपयोगिता के अनुसार निश्चित समय सीमा के भीतर पूर्ण कर लेने की योजना निर्धारित करें। एक कार्य के लिए निर्धारित समय को दूसरे कार्य के लिए उपयोग ना करें।
यह जान लें कि आप किसी भी दशा में अपनी क्षमता से अधिक कार्य नहीं कर सकते और आपको ऐसा करना भी नहीं चाहिए। इससे आपकी स्वास्थ्य संबंधी समस्याएं उत्पन्न हो सकती हैं। यदि बीच में कोई अतिरिक्त कार्य आ जाता है, जिससे आपका चल रहा काम बाधित हो रहा हो तो उसे करने से मना करें या उसके लिए कोई अन्य उपयुक्त समय आवंटित करें। कार्य पूर्ण करने की समय सीमा को वास्तविकता के आधार पर निर्धारित करें। कार्य को जल्द समाप्त कर देने के उद्देश्य से कम समय में पूर्ण करने का प्रयास ना करें। इससे ना केवल कार्य की गुणवत्ता पर प्रभाव पड़ेगा बल्कि आप पर भी कम समय में अधिक कार्य करने का अतिरिक्त बोझ आ पड़ेगा।
समय प्रबंधन का मूलभूत सूत्र यह है कि आप भूलकर भी आज का कार्य कल पर न टालें। कबीर दास जी ने कहा भी है कि :-
काल करे सो आज कर, आज करे सो अब।
पल में प्रलय होएगी, बहुरि करेगो कब।।
अर्थात जो आज का कार्य है, उसे आज ही समाप्त कर देना चाहिए, क्योंकि अगले पल का कोई भरोसा नहीं है। अगर हम आज का काम कल पर टालते जायेंगे तो कल के लिए बहुत सारा काम एकत्रित हो जायेगा। तब इसे समय पर पूर्ण करना असंभव होगा।
कार्य क्षेत्र में, घड़ी अवश्य अपने साथ रखें। ख्याल रखें कि आपको अपना कार्य समय-सारणी अनुसार ही पूरा करना है। गांधीजी भी अपने पास एक घड़ी हमेशा रखते थे और इसी के अनुसार अपना प्रत्येक कार्य निर्धारित समय पर पूर्ण करते थे। अतः अच्छे समय प्रबंधक के पास घड़ी का रहना अत्यंत आवश्यक है। एक समय पर सिर्फ एक कार्य पर ही अपना ध्यान केंद्रित कीजिए। एक साथ कई कार्य प्रारंभ कर देने पर कभी-कभी कोई भी कार्य समय पर पूर्ण नहीं होता, साथ ही कार्य की गुणवत्ता भी प्रभावित होती है। कार्य के वक्त समय बर्बाद करने वाले कार्यों जैसे: व्हाट्सएप पर मैसेज करना, फेसबुक पर पोस्ट करना, ट्विटर पर ट्वीट करना इत्यादि से बचने का प्रयास करना चाहिए। इन सभी कार्यों के लिए अलग से कोई एक समय निर्धारित कर लीजिए। क्योंकि इन कार्यों में उलझ कर आप दिग्भ्रमित हो जाएंगे और अपने लक्ष्य को निश्चित समय पर प्राप्त नहीं कर पाएंगे।
कुशलतापूर्वक समय प्रबंधन किसी व्यक्ति के महान गुणों को प्रदर्शित करती है। ऐसे व्यक्ति सीमित समय में कामयाबी की ऊंचाइयों को छू लेते हैं। समय-प्रबंधन वह आवश्यक अस्त्र है, जिस के प्रयोग से आप चंद दिनों में ही कामयाबी की मंजिल प्राप्त कर लेते हैं। अगर आप अपने समय के सही उपयोग की कला सीख जाते हैं तो आप अपने व्यावसायिक जीवन के साथ-साथ निजी रिश्तों को भी बेहतर कर सकते हैं।
यदि कोई कार्य अति महत्वपूर्ण नहीं है और उसे कोई अन्य व्यक्ति कर सकने में समर्थ है, तो ऐसे कार्यों को अन्य व्यक्ति को करने देना चाहिए। इससे आपको महत्वपूर्ण कार्य करने के लिए अतिरिक्त समय उपलब्ध हो जाएगा। हमें दूसरों की गलतियों से सीखने के साथ ही दूसरों की सफलता से प्रेरणा भी लेनी चाहिए।
जब आप समय प्रबंधन में दक्ष हो जाते हैं तब आपके कार्य करने की क्षमता और गुणवत्ता में निखार आ जाता है। आप कार्य करने की सकारात्मक ऊर्जा से भर जाते हैं। ऐसे व्यक्तियों के जीवन से नकारात्मक दृष्टिकोण लगभग समाप्त हो जाता है और वह आदर्श व्यक्तित्व की प्रतिमूर्ति बनकर समाज को उचित राह प्रदर्शित करने की शक्ति उत्पन्न कर लेता है। जैसा कि सर्व विदित है, सकारात्मक सोच का व्यक्ति अपनी जैसी सकारात्मक विचारों की विद्युत चुंबकीय तरंगों का उत्सर्जन कर अपने चारों ओर सकारात्मकता का एक आभा मंडल तैयार कर लेता है, जिसके संपर्क में आकर आम आदमी भी अपने व्यक्तित्व में अभूतपूर्व परिवर्तन महसूस करने लगता है। अतः आपके द्वारा अपनाए जाने वाले समय प्रबंधन के सूत्र से ना केवल आपके व्यक्तित्व का विकास होता है, अपितु आपके माध्यम से समाज का एक बड़ा वर्ग भी इस सूत्रों से जुड़ जाता है।
अंत में परम पिता परमेश्वर से यही प्रार्थना है कि वह हमें उचित प्रतिबद्धता, समयनिष्ठता, लगन और समय के सकारात्मक उपयोग की क्षमता के साथ अपने कार्यों को समय पर पूर्ण कर लेने की शक्ति प्रदान करें, जिससे हम अपने जीवन में उन्नति, विकास और समृद्धि की मंज़िले खड़ी कर सकें।
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