सुमन 12 साल की पढ़ी-लिखी और संस्कारी लड़की है।
सहेलियों के साथ खेलना कूदना मस्ती करना उसे पसंद है ।
माता-पिता की लाडली परिवार में सबकी चहेती चंचल और हंसमुख हमेशा प्रसन्न रहने वाली।
समाज की सच्ची उदाहरण ।हर किसी की सहायता करना उसकी आदत है। बच्चे बूढ़े और जवान सारे ही उसके दोस्त हैं ।
गांव में नई नवेली दुल्हन की सहेलियां बन जाती है दादी चाची नानी कहीं भी किसी से भी कोई भी रिश्ता बना लेती है।
एक दिन अचानक उसने रात में स्वप्न देखा।
हर जगह जल ही जल है पूरे गांव बाढ़ के पानी में डूब रही है।
इंसान तो ऊंचे ऊंचे स्थान पर जाकर अपनी रक्षा आसानी से कर रहे हैं पर वहीं पर जीव जंतु बहुत ही परेशान हैं गाय भैंस डूब के पानी में मर रहे हैं।
बच्चे और वृद्ध जिन्हें तैरना नहीं आता।
सहायता के लिए अपनों को पुकार रहे हैं।
सुमन को दया आ जाती है और बाढ़ के पानी में उतर कर बच्चे को बचाने की कोशिश करती हैं।
तभी उसकी मां उसे नींद से जगा देती है।
नींद से जागने के बाद भी सुमन के नजरों के सामने से वह दृश्य हट ही नहीं रही।
उसे ऐसा लग रहा है कि सब लोग उसे सहायता के लिए पुकार रहे हैं।
उसने अपने मम्मी पापा के साथ साथ अपने दोस्तों से भी इस बारे में जिक्र किया।
कुछ लोगों ने कहा यह एक बुरा स्वप्न था भूल जाओ
पर उसके मन में चैन नहीं मिला।
वह गांव के मुखिया के पास गई और कहा हर साल इस गांव में बाढ़ के कारण बहुत सारे जीव जंतु की मृत्यु होती है।
हमारे पालतू जानवर के साथ-साथ वृद्ध और बच्चे भी अकाल मृत्यु के शिकार हो जाते हैं।
इस साल आप कुछ करो।
इतनी छोटी सी बच्ची के मुख से इतनी गंभीर बात सुनकर मुखिया के साथ-साथ वहां जितने भी लोग बैठे थे सारे ग्रामवासी सोचने पर मजबूर हो गए।
उन्होंने कहा बताओ आप ऐसा क्या करें।
हमेशा ही बाढ़ आती है और अपनी तबाही मचा कर चली जाती है ।
हम लोगों की जिंदगी समस्याओं से भर देती है।
सुमन ने कहा जिस ऊंचाइयों तक हर साल बाढ़ आती है ।उससे दो फुट ऊंचे स्थान का प्रबंध होना चाहिए।
सबके साथ दोस्ती और समर्पण की भावना सुमन की पहले से ही थी ।
जिससे उसे ज्यादा मेहनत नहीं करनी पड़ी।
गांव में अधिक से अधिक लोगों को यह समझाने में सुमन सफल हो गई कि ऊंचे अस्थान का प्रबंध होना चाहिए।
सुमन के पिता के साथ साथ गांव के बहुत सारे समृद्धि इंसान इस काम में सहायक हुए।
किसी ने अपने खेत दे दिए कि आप यहां से मिट्टी निकाल कर भर सकते हैं।
किसी ने जमीन दिए यहां आप मकान बना सकते हैं।
हर इंसान जो जिसमें जितनी क्षमता थी अपनी तरफ से सहायता किया तन मन और धन से।
और एक महीने के अंदर ही बहुत ही सुंदर उंचे स्थान पर बहुत ही बड़े बड़े कमरों वाले चार सार्वजनिक मकान बना दिए पशु पक्षी के लिए अलग से मैदान बना दिया।
मकान बनते ही बाढ़ भी अपने विकराल रूप में गांव में प्रवेश कर गया।
पर सुमन की सूझबूझ और गांव वालों की सहायता और समझदारी की वजह से इस बार किसी को कोई क्षति नहीं हुई और सारे ही बहुत ही आनंद पूर्वक बाढ़ के दिनों में भी सुरक्षित रहे। सुमन ने आने वाली मौत को पहले ही देख लिया था ।और यह देखना सारे गांव वालों के लिए सार्थक सिद्ध हुआ।
अब से सुमन जो भी स्वप्न देखती सारे गांव वालों के साथ जरूर शेयर करती।
और आने वाली समस्या से पहले ही मुकाबला करने के लिए तैयार रहती ।
यह कहानी पूर्ण रूप से काल्पनिक है त्रुटि के लिए क्षमा प्रार्थी हूं । अंबिका झा 🙏🙏