कल तो हमारी ब्यूटीफुल गर्ल का बर्थडे है और बता कहां सेलिब्रेट कर रहे हो? वैसे मुझे पता है, हमारे जीजा जी ने कुछ खास प्लान बना कर रखा होगा, अपनी खूबसूरत प्यारी सी बीवी के लिए। वैसे मैं तो तुझसे आज ही पार्टी लूंगी। कल तो तुम बिजी होगी, हमारे जीजाजी के साथ।" सोनम की चचेरी बहन और सहेली पूजा, उससे चुटकी लेते हुए बोली।
"पार्टी तो मैं तुझे जरूर दूंगी लेकिन यह अच्छे, प्यारे जीजाजी, जीजाजी की रट लगानी बंद कर।" सोनम मुंह बनाते हुए बोली।
"क्यों भई, अच्छे को तो अच्छा ही कहेंगे ना। देखा है हमने उन्हें! जब भी तू मायके या किसी शादी में आती थी, कैसे तेरे आगे पीछे लट्टू की तरह घूमते रहते थे। 1 मिनट भी तुझे अकेला नहीं छोड़ते थे।"
"ओ मैडम जी, उन बातों को गुजरे जमाना हो गया। आगे पीछे तो घूमना दूर, अब तो उन्हें मुझसे बात करने तक की फुर्सत नहीं है और जो बर्थडे सेलिब्रेशन की बात कर रही हो ना, उनको तो याद भी नहीं होगा कि कल मेरा जन्मदिन है। एक मैं हूं जो पूरे परिवार का जन्मदिन याद रखती हूं और यहां किसी को मेरा ही बर्थडे याद नहीं रहता इसलिए मैंने अपना जन्मदिन मनाना तो दूर याद रखना भी छोड़ दिया।" कहते हुए सोनम की आंखें भर आई।
"बस इतनी सी बात को दिल से लगा, तू परेशान हो रही है
पगली!"
"तेरे साथ ऐसा नहीं होता होगा ना! इसलिए तुझे यह बात छोटी लग रही है।"
" तुझे किसने कहा मेरे साथ ऐसा नहीं होता। अरे, मेरे साथ क्या मुझे लगता है, एक समय के बाद ज्यादातर औरतों के साथ ऐसा जरूर होता होगा और वह सब भी तेरी तरह ही बैठकर मन ही मन कुढती रहती होंगी!"
" तो तुझे बुरा नहीं लगता क्या, इन बातों का!"
" लगता था, शुरू शुरू में बहुत लगता था। एक दो साल मैंने भी अकेले में बैठ तेरी तरह आंसू बहाए। फिर खुद ही सोचा, क्यों इतना परेशान होना, इतनी छोटी सी बात के लिए! और क्यों अपना खास दिन खराब करना। इसलिए मैंने इसका एक नायाब तरीका निकाला। मैं अपने बर्थडे के लिए पहले ही अपना मनपसंद गिफ्ट खरीद लेती हूं और फिर रात को उसे अपने तकिए के नीचे रख कर सोती हूं । सुबह उठते हुए आईने के सामने खड़े होकर उस गिफ्ट को खुशी से खोलते हुए , खुद को विश करती हूं- हैप्पी बर्थडे टू मी! हैप्पी बर्थडे टू मी!
तू मानेंगी नहीं, ये सब कर कितना सुकून मिलता है मुझे!
और परिवारवालों की भी मुझे इतना खुश और नया कुछ खास पहने हुए देखते ही दिमाग की घंटी बज जाती है कि आज मेरा बर्थडे है । फिर हो जाते हैं,वह सब भी मेरी खुशियों में शामिल। अपनी खुशियों के लिए कब तक हम दूसरों का मुंह ताकते रहेंगे।
यह तो तुझे भी पता है और मुझे भी कि हमारे पति व बच्चे हमसे कितना प्यार करते हैं । जितना बन पड़ता है हमारे साथ घर के कामों में मदद करवाते हैं और बीमार होने पर या किसी भी सुख दुख में हमारे साथ सदा हमेशा खड़े रहते हैं। शायद ही ऐसा कभी हुआ हो कि तेरी किसी परेशानी में तेरे साथ देने से उन्होंने मना किया हो। फिर इस बात के लिए क्यों उन्हें इतना छोटा महसूस करवाना। समय के साथ जिम्मेदारियां बढ़ रही है। अब हमारा प्यार सिर्फ दिखावे भर का नहीं है, एक दूसरे की भावनाओं को समझने व सम्मान देने का है। "
" हां कह तो तू सही रही है। लेकिन देखना हम भी तो इंसान हैं। परिवार का हिस्सा है। हमारा भी तो मन करता है ना कि जैसे हम सबके खास दिन को और बेहतर बनाते हैं वैसे ही वह भी करें!"
" मन करता है तो मना ना ! क्या जीजाजी ने कभी तुझे किसी बात के लिए रोक टोक की है!"
सोनम ने ना में गर्दन हिला दी।
"बस तो यार, छोड़ इन सब बातों को। खुद को खास समझो और जीवन में मिलने वाली छोटी-छोटी खुशियों
को जी भर कर जियो।!
" हां यार, कह तो तू सही रही है! अब से तेरे वाला फार्मूला ही जिंदगी में अप्लाई करूंगी!"
" तो चले फिर बर्थडे सेलिब्रेट करने!" पूजा हंसते हुए बोली।
" बिल्कुल जी! लेकिन पहले बर्थडे गर्ल को थोड़ा तैयार तो होने दे और सुन, मेरे गिफ्ट के लिए भी तू कमर कस लें। गिफ्ट लिए बगैर छोड़ने वाली नहीं तुझे आज !"
"चल तो सही तू पहले!" कहकर दोनों सहेलियां ठहाका लगा जोर से हंसने लगे।
सरोज ✍️