फिल्म Tumbad की फिल्म समीक्षा Prahlad Pk Verma द्वारा फिल्म समीक्षा में हिंदी पीडीएफ

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फिल्म Tumbad की फिल्म समीक्षा

फिल्म Tumbad की फिल्म समीक्षा


फिल्म..... Tumbad(2018)


जेनर.... हॉरर, ड्रामा


डायरेक्टर....आनंद गाँधी, राही अनिल बारवें
Co डायरेक्टर... Adesh Prasad
Producer... Sohum ShahAanand L. RaiAnand Gandhi[3]Mukesh Shah. Amita Shah


IMDB Score... 8.3/10


Cast... Sohum Shah, Ronjini chakrabority, Mohammed Samad, Anita Date, Jyoti Malshe etc


मैं आज आपको एक ऐसी फिल्म से रुबरू करवाना चाहता हूं जिसे देख कर आपका हमारी फिल्म इंडस्ट्री के प्रति प्यार और भी ज्यादा उमड़ जाएगा, आप nepotism के खिलाफ हो जाएंगे


ये ऎसी फिल्म है जिसे ऑस्कर पुरस्कार भी दिया जाए तो कम हैं जिसे देख आपके मन में एक ही बात आयेगी कि इतनी अच्छी फिल्म को हमने देखा क्यों नहीं या फिर इसे भारत में वो सम्मान नहीं मिला जो मिलना चाहिए था


जिसे भारत फिल्म जगत ने कोई बड़ा पुरस्कार नहीं मिला और न ही वो सुपरहिट हुई लेकिन आज इस फिल्म की following बहुत ही ज्यादा हैं जिसे भारत की टॉप फ़िल्मों की लिस्ट में रखा जाता है


आपने Hastar के बारे में तो सुना होगा जिसे सोने का देवता कहा जाता है जिसने देवताओ से सारा सोना छिन लिया था जिसका सोने का खजाना Tumbad नाम जगह पर छुपाया गया था उसी पर ये फिल्म आधारित है जिसे एक बेहतर तरीके से फ़िल्माया गया है जिसे बनाने में लगभग 6 साल लगे और 12 अक्टूबर 2018 में रिलीज किया गया था


फिल्म स्टोरी.....


आपने पूर्ति की देवी के बारे में तो सुना होगा हमें खाना पीना अनाज धन दोलत सब पूर्ति की देवी से ही मिलता है पूर्ति की देवी ने अपनी कोख से ही 16 करोड़ देवी देवताओं को जन्म दिया जिसमें से एक है Hastar जो कि लालची था उसने देवी मां से सोना, धन दोलत तो छिन ली लेकिन अनाज छीनने से पहले सारे देवताओं ने उसे मारने का फैसला कर लिया, लेकिन देवी मां को अपनी सन्तान से प्यार होने के कारण Hastar को बचा तो लिया लेकिन उसे हमेशा सोते रहने की शर्त पर जिंदा छोड़ दिया, फिर काफी सालों बाद उसे मनुष्यों ने ही जगाया और उसका मंदिर भी बनाया


Film की शुरुआत Tumbad से होती हैं जहाँ विनायक राव(Soham shah) के पूर्वजों ने ही Hastar का मन्दिर बनवाया था क्योंकि Hastar से विनायक के पूर्वज उस खजाने के बारे में जानना चाहते थे जो देवी माँ से Hastar ने चुराया था


विनायक राव जो फिल्म का मुख्य पात्र हैं उसकी दादी खजाने को चुराने के लिए शापित हो चुकी है जिसका लगभग शरीर जल चुका है जो सोती रहती है और बस खाना खाती है और जब विनायक की माँ उसे खाना देती है और खाना देने के बाद ये कह कर सुला देती है कि सो जा वर्ना hastar आ जाएगा


विनायक भी उस खजाने को पाना चाहता है और इस खजाने का नाम इतना अशुभ हैं कि इसकी वज़ह से ही विनायक के पिता और भाई मर जाते हैं


जब विनायक का भाई एक हादसे में मर जाता है तो उसकी मां Tumbad छोड़ अन्य जगह चली जाती है


14 साल विनायक राव फिर Tumbad आता है जहाँ उसकी दादी श्राप की वज़ह से अभी भी ज़िन्दा है जिसके उपर एक बड़ा सा पेड़ उगा हुआ है, विनायक अपनी दादी से खजाने के बारें में पूछता है, और कहता है कि इसके बाद में आपको मोक्ष दे दूँगा अर्थात जला दूँगा तो दादी उसे खजाने के बारे में बता देती हैं और आगे पता चलता है कि विनायक रहस्यमयी तरीके से खजाने में से कुछ सोने की मुद्रा चुरा लेता है


अब वो चुराई हुई मुद्रा अपने एक दोस्त को बेच कर काफी


पैसा कमा लेता है और अमीरों में उसकी गिनती होने लगती है


विनायक की बीवी (anita date) भी इस बात से अंजान हैं कि विनायक सोना कहा से लाता है


विनायक का दोस्त भी पैसे के लालच में उसके पीछे पूछे Tumbad पहुच जाता है लेकिन उसे सोने प्राप्त करने की विधि का पता नहीं होता है लेकिन विनायक को पता होता है कि उसका दोस्त पीछे पीछे आया है इसलिए वो जान बूझकर उसे खजाने का रास्ता दिखा देता है जिसमें उसका दोस्त शापित हो जाता है यानी उसका शरीर पूरी तरह जल जाता है


बादमें हमें पता चलता है कि खजाने को पाने का राज क्या है


Hastar जो कि अनाज का भूखा है और अनाज से डर भी हैं इसलिए विनायक जब विनायक खजाने में जाता है तो अनाज की बनी गुड़िया ले जाता है और अपने चारों ओर आटे का एक गोला बना लेता है जिसमें या पास आते ही Hastar नष्ट हो जाएगा, जब Hastar आता है तो विनायक उसकी तरफ गुड़िया फैंकता हैं और जब Hastar गुड़िया खाता है तब तक विनायक Hastar की कमर पर बंदी सोने की मुद्राओं में से जितनी उठा पाता है उठा लेता है और देवी मां की कोख से बाहर आ जाता है और Hastar बाहर नहीं निकल पाता है


इस तरह विनायक शहर का अमीरों में से एक बन जाता है जिसके शौक भी अब बढ़ चुके हैं जिसमें वो ऐयाशी भी करता हैं


विनायक अपने बेटे पांडुरंग(मोहम्मद समद) को भी घर पर मां की कोख अर्थात खजाने को पाने के लिए घर पर तैयार करता हैं जैसे रस्सी चढ़ना आदि


जब विनायक का बेटा पांडुरंग इस लायक हो जाता है तो विनायक उसे Tumbad ले जाता है क्योंकि वो चाहता है कि उसका बेटा भी अब सोना प्राप्त करें क्योंकि अब विनायक की उम्र बढ़ चुकी है जिससे सोना प्राप्त करने में असुविधा होती है


जब विनायक अपने बेटे पांडुरंग को पहली बार ले जाता है तो उसे सोना पाने की पूरी विधि समझाता है, जब वो मां की कोख यानी खजाने में जाते हैं तो पांडुरंग कहता है कि बाबा Hastar तो नहीं आया तब विनायक कहता है कि बिना अनाज की गुड़िया Hastar नहीं आता है और हम गुड़िया लाए नहीं तो पांडुरंग कहता है लाए हैं ना तो जैसे ही गुड़िया निकालता है तो Hastar आ जाता है तो जल्दी जल्दी विनायक उसे खजाने से बाहर ले आता है और पांडुरंग एक मुद्रा ले आता है, बाहर आते ही विनायक पांडुरंग को मारता है और कहता है कि मैंने तूझे केवल आज विधि समझाने के लिए लाया था तो पांडुरंग कहता है कि मैं सीख गया और देखो ये मेरी पहली मुद्रा तो विनायक उसे वो मुद्रा दे देता और कहता है कि तू रख इसे


इसके बाद विनायक व पांडुरंग घर आ जाते हैं और वो सोने की मुद्रा अपनी मां को दिखाता है,


पांडुरंग भी विनायक की तरह ही लालची है और अपने पापा से कहता है कि ऐसे रोजाना लाने से अच्छा है कि हम एक दिन में ही सारी मुद्रा ले आते हैं, हम बहुत सारी अनाज की गुड़िया ले जाएंगे और hastar जितनी देर में सारी गुड़िया खाएगा उतनी देर में हम उसका सारा सोना ले आयेंगे


इस तरह लालच में विनायक भी अपने बेटे की बातों में आकर ये करने के लिए मान जाता है


विनायक और उसका बेटा पांडुरंग Tumbad के लिए बहुत सा अनाज लेकर चले जाते हैं


विनायक अनाज की बहुत सी गुड़िया बना कर माँ की कोख यानी खजाने में पांडुरंग के संग चला जाता है लेकिन जब भी गुड़िया निकालता हैं तो हर एक गुड़िया को खाने के लिए अलग Hastar आ जाता है


अपने को इतने hastar के बीच देख विनायक और उसका पुत्र पांडुरंग डर जाते हैं, पांडुरंग तो बेहोश हो जाता है


जब पांडुरंग को होश आता है तो देखता है कि विनायक अपने शरीर पर गुड़िया बाँध लेता है जिससे hastar उस पर हमला कर देता है जिससे पांडुरंग बाहर आ जाता है, अपने बेटे को बचाने के लिए विनायक hastar की वज़ह से शापित हो जाता है और जब पांडुरंग बाहर आता है तो विनायक जला हुआ बाहर आता है तो पांडुरंग को बहुत सी सोने की मुद्रा देता है तो पांडुरंग विनायक को मना कर देता है और उसे जला कर मोक्ष दे देता है


....

ऐक्टिंग....


फिल्म में विनायक का रोल sohum Shah ने बहुत अच्छे से निभाया है जिसे देख आप इनके फैन हो जाएंगे
Mohmmad Samad ने पांडुरंग का रोल इतने अच्छे से निभाया है कि आप कह नहीं सकते हैं कि ये एक छोटा बच्चा हैं. इसके अलावा mohmmad Samad ने विनायक की दादी का भी रोल किया है जिसे देख आप खुद पर यकीन नहीं करोगे कि ये samad हैं
इसके अलावा सपोर्टिंग किरदार में विनायक का दोस्त, मां, पत्नि का किरदार भी लाजवाब हैं, hastar का किरदार इतना बेह्तरीन हैं कि आप सोचने पर मजबूर हो जाओगे जिन पर डायरेक्टर ने बहुत मेहनत की है

*&Film में क्या देखे
1 यूनिक व एक बेह्तरीन स्टोरी, जिसमें सस्पेंस भी हैं
2 film का बेह्तरीन direction
3 film का बेह्तरीन, दमदार अभिनय
4 film का बेह्तरीन background music एंड बेह्तरीन टाइटल सोंग
5 फिल्म के बेह्तरीन location, सीन, VFX,
6 फिल्म में बेह्तरीन तरह से hastar व खजाने को दिखाया गया है जिसे देख आप अचंभित हो जाओगे जिसे आपने पहले कभी नहीं देखा है
7 फिल्म में बरसात और खजाने के बहुत अच्छे सीन दिखाये गये हैं
8 फिल्म की Best Cinematography, Best Art Direction,Best Sound Design के देख आप film के फैन हो जाओगे जिसे आप हमेशा याद रखोगे

*&मेरी नजर में फिल्म
मेरी नजर में ये भारत की बेस्ट फ़िल्मों में से एक जिसे मैं 5star देता हूं क्योंकि ऐसे फ़िल्में बहुत कम बनती है जिसने मुझे पल भर के लिए भी बोर नहीं किया क्योंकि इसकी स्टोरी मुझे बहुत पसंद आई, इसके सारे पात्र भी बहुत से अच्छे तरह से काम किया है
मैं इसे मेरे द्वारा देखी भारत की सबसे बेस्ट फ़िल्मों में से टॉप मानता हूं जिसने मेरे मन में बॉलीवुड के लिए इज़्ज़त बढ़ा दी है

Note..... फिल्म Telegram पर free में उपलब्ध हैं