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अन देखी दुनिया - 2

अन देखी दुनिया - 2

अजय और याशिका दोनों निकल पड़े किसी एक सल्तनत के राजा का ताज लेने । लेकिन उन्हें यह नहीं पता था की आगे उन्हें बहुत सी मुश्किलों का सामना करना पड़ेगा ।

चलते-चलते अजय ने याशिका से पूछा तो किस राजा का ताज चुराना आना है चोरनी वैसे तो तुम इन कामों में होशियार हो यह सोचकर ही तो हमने तुम्हें हमारे साथ आने के लिए हां कर दी याशिका ने भी उसे कह दिया की हमको भी तुम्हारे साथ नहीं आना था लेकिन हमें भी मजबूरन हां कहनी पड़ी । अजय ने कहा हां हां यह सारी बातें तो होती रहेगी लेकिन यह बताओ कि किस राजा का ताज लेकर आना है । याशिका सोचने लगी और कहां मुझे नहीं पता इन सारी बातों का जो तुम्हें पता होना चाहिए था आलसी शहजादे । शहजादे ने कहा हम आलसी नहीं है शहजादे ऐसे ही होते हैं । कुछ आगे चलते चलते उन्हें एक बहुत बड़ी गुफा नजर आई । याशिका ने कहा वह देखो वहां एक गुफा है चलो थोड़ी देर वहां पर आराम कर लेते हैं । शहजादे ने कहा कि हम और उस गुफा में कभी नहीं । शहजादे तो महलों में आराम करते हैं । तो याशिका ने कहा ठीक है तुम अपना महल ढूंढ लो मैं तो जा रही हूं इस गुफा में । अजय ने आशिका को रोका और बोला अरे रुको हम तो मजाक कर रहे थे क्या शहजादे मजाक भी नहीं कर सकते । याशिका ने कहा मेरे को तुम्हारी बकवास नहीं सुननी आना है तो आओ वरना भाड़ में जाओ । अरे अरे रुको यहां भाड़ नहीं है तो हमें इस गुफा में ही आना पड़ेगा । दोनों गुफा के अंदर जाते हैं । थोड़ी देर वहां आराम करते हैं । जब याशिका उस गुफा के अंदर देखने जाती हैं तो वह देखती है कि एक बहुत बड़े और ऊंचे पत्थर के ऊपर सोने का चिराग रखा हुआ है यह देखकर वह अजय को आवाज लगाती है । लेकिन वह नहीं आता जब वह देखने जाती है कि वह क्यों नहीं आया तो देखती है कि शहजादे तो घोड़े बेच कर सो रहे हैं । जैसे तैसे वह शहजादे को उठाती है और उसको उस चिराग के बारे में बताती है । दोनों सोचने लग जाते हैं कि यह चिराग यहां पर आया कैसे दोनों के मन में विचार आता है कि क्यों ना हम इस चिराग को ले ले दोनों उस चिराग को देने में लग जाते हैं चोरनी तो उस पत्थर के ऊपर चढ़ने लगी लेकिन शहजादे को तो चढ़ाई आती ही नहीं थी तो वह सोचने लगे कि मैं चट्टान के ऊपर ऐसे छड़ी तो वह साइड में एक रस्सी देखते हैं उस रस्सी को ऊपर अटका कर और उसके ऊपर चढ़ने की कोशिश करते हैं जो 3 बार गिर जाते हैं लेकिन फिर उनको चड़न आ जाता है । याशिका तो जैसे तैसे करके उस चिराग तक पहुंच जाती है लेकिन जैसे ही उस चिराग को लेती है तो उसका पांव फिसल जाता है और वह नीचे गिरने लगती है लेकिन वह बच जाती है मौके का फायदा उठाकर अजय जल्दी से ऊपर चढ़कर और वह चिराग हासिल कर लेता है और नीचे आकर उस चोरनी से बोलता है यह तुम जैसी लोगों का काम नहीं है चिराग भगवान ने हमारे लिए भी रखा था । याशिका को गुस्सा आता है और वह बोलती है वह तो हमारा हर पांव फिसल गया था वरना तो यह चिराग आज हमारे हाथ में होता । अजय देखता है कि चिराग बहुत गंदा हुआ पड़ा है उसकी जेब में एक कपड़ा होता है वह पहले तो उस चिराग को साफ करता है और फिर उसको अपने हाथों से जैसे ही रगड़ने लगता है तो उसमें से एक जिन बाहर आता है अजय तो बहुत डर जाता है उस जिनको देखकर । वह जिन निकलता बोलता है किस ने मुझ को बाहर निकाला । याशिका उस दिन से बोलती है शहजादे ने वह मेरा मतलब अजय ने I वह जिन अजय के पास जाता है और उससे बोलता है क्या हुक्म है मेरे आका । अजय यह सुनकर खड़ा हो जाता है और कहता है क्या तुमने क्या कहा वापस बोलना । आधे को यकीन नहीं हो रहा था कि कोई उसको ऐसा बोल रहा है तो उस जिन ने वापस बोला क्या हुक्म है मेरे आका | अजय यह सुनकर पहले याशिका की तरफ देखता है और फिर बोलता है हम आका I हमारा हुक्म यह है कि तुम हमें बताओ यहां का सबसे ताकतवर राजा हमें उसका ताज चुराना । तो वह जिन बताता है कि यहां का सबसे ताकतवर राजा है हुमायू जोकि हुमात सल्तनत का राजा है उसके पास हमारी तरह जादुई शक्तियां भी है । अजय कहता है वह तुम्हारे पास जादुई शक्तियां हैं तो एक काम करो हम तुमको हम देते हैं कि हमारे लिए यहां शाही भोजन का बंदोबस्त किया जाए । जिन बोलता है जो हुक्म मेरे आका कहते ही अपने हाथ की चुटकी बजाकर शाही भोजन प्रस्तुत कर देता है तीनों मजे से खाते हैं और हुमात जाने की तैयारी कर लेते है........

To be continued......

By

Vaibhav surolia


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