Hostel Girls (Hindi) - 10 - Last Part Kamal Patadiya द्वारा महिला विशेष में हिंदी पीडीएफ

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Hostel Girls (Hindi) - 10 - Last Part

[प्रकरण 7 : Happy Wedding & Happy Ending]

सिमरन और गुरुचरण साथ में मिलकर होटल का संचालन करते है। सिमरन होटल business को प्रमोट करने के लिए बड़े-बड़े शहरो में अपने होटल की franchise open करती है और कुकिंग competition का आयोजन करती है। उस competition में भाग लेने वाले expert को प्रेरणा और प्रोत्साहन देने के साथ उन लोगों को training और job भी देती हैं।

सिमरन की पूरे देश में as a expert chef की नामना होती है। कुकिंग के reality shows वाले as a judge उनको बुलाते रहते है। वह online cooking classes भी चलाती है| इस तरह वह कुकिंग फील्ड में आगे बढ़ने वालों के लिए icon बन जाती है।

इस तरफ, रेचल अपने सिंगिंग करियर को आगे बढ़ाती है और एक ख्यातनाम सिंगर के रूप में ऊभर के आती है। उसकी चारों ओर शोहरत और नामना होती है और वह थोड़े दिनों में youth icon बन जाती है। डेविड ओर उसकी familiy उसको पूरा support करती है और इस तरह उसकी फैमिली happy family बन जाती है।

इस तरफ, सना के माता-पिता को निखिल और सना के प्यार के बारे में पता चलता है लेकिन दोनों के धर्म अलग अलग होने के कारण सना के माता-पिता को इस शादी से एतराज होता है। तब सना अपने माता पिता को समझाती है कि निखिल ने उसको मुसीबत के समय में कदम कदम पर साथ दिया है। जिसने मेरा बुरे वक्त में साथ दिया हो उनको मे मेरे अच्छे वक्त में छोड़कर चली जाऊ? मैं उसे बहुत ही पसंद करती हूं और शादी करुंगी तो सिर्फ उसीसे करुंगी।

प्रिया, सिमरन ओर रेचल भी सना के मां-बाप को समझाते हैं कि निखिल और सना एक दूसरे से बहुत प्यार करते है। वह एक दूसरे के लिए ही बने हैं। यह खुदा की ही मर्जी है कि वह एक दूसरे के साथ अपना जीवन बिताये। सबके समझाने पर सना के माता-पिता को निखिल और सना के प्यार का एहसास होता है। वैसे भी, निखिल भी सना की ही तरह शांत, सुशील, समझदार और संस्कारी लड़का था इसलिए वह अपनी बेटी की खुशियों के लिए दोंनो की शादी की मंजूरी दे देते है। सबकी खुशियों का कोई ठिकाना नहीं रहता है।

बाद में 1 ही दिन "सिमरन दा ढाबा" होटल में जुबिन-प्रिया और निखिल-सना की शादी की शहनाईया गूंज उठती है। बड़े धूमधाम से उन चारो की शादी होती है। शहर के बड़े-बड़े लोग इस शादी में शामिल होते हैं और इन दोनों जोड़ो को आशीर्वाद देते हैं। यह शादी सबके लिए यादगार बन जाती है और इस तरह चारो सहेलियां के जीवन में खुशियों की बारिश होती है।

बाद में, चारो सहेलियो को यह अहसास होता है कि जो खुशियां हमको मिली है, उनको सबके जीवन में बांटना चाहिए क्योंकि खुशियां बांटने से बढ़ती है। इसलिए दूसरों के जीवन में खुशियां लाने के लिए वो लोग "unity foundation" नाम का NGO शुरू करते हैं।

Unity foundation जिंदगी में जो लोग हताश, निराश और दुखी है उन लोगों के बीच जीवन में उत्साह, मार्गदर्शन और प्रेरणा लेकर आता है। ऐसे लोगों को फिर से खड़ा करता है और जीवन जीने के लिए प्रेरित करता है। निखिल, जुबीन, डेविड, गुरुचरण ओर उसका परिवार भी इन चारों को उनके इस प्रयास में कदम कदम पर support करता है।

चारो सहेलियां अलग-अलग शहरों में motivational speeches देने के लिए जाती है। लोगों के अपने जीवन के बारे में, अपने संघर्षो के बारे में बताती है और जीवन मे कैसे सफलता मिलती है उसके बारे में समझाती है और जीवन जीना सिखाती है।

चारो सहेलियां अपनी एकता की ताकत को दर्शाते हुए कहती है कि अगर वापस में यूनिटी है तो दुनिया की किसी भी परिस्थिति का सामना किया जा सकता है, उसे लड़ा जा सकता है और उसमें सफलता प्राप्त की जा सकती है।

चारों सहेलियों के इस कार्य को सरकार के द्वारा बीरदाया जाता है और उन चारों को "नारी सशक्तिकरण" का अवार्ड देकर सम्मानित किया जाता है। चारों का देश दुनिया में नाम सम्मान होता है कि जीनकी वह हकदार थी।

दूसरो के लिए जीनेवाली ऐसी नारीयो के जज्बे को लाखों सलाम।

समाप्त