Hostel Girls (Hindi) - 6 books and stories free download online pdf in Hindi

Hostel Girls (Hindi) - 6

[प्रकरण – 3 : Hostel Girls - Re-Union]

प्रिया सना, रेचल ओर सिमरन की ट्रेन की details उसके ले लेती है और तीनों को receive करने के लिए निखिल के साथ मुंबई स्टेशन पहुंचती है।

सर्व प्रथम रेचल की ट्रेन गोवा से आती है। रेचल ओर प्रिया एक दूसरे को देखकर फूली नहीं समाती है। वह एक दूसरे का हालचाल पूछती है बाद में, प्रिया उसके भाई निखिल के साथ उसका introduction करवाती है, सब लोग waiting room में चले जाते हैं।

उसके बाद, सिमरन की ट्रेन चंडीगढ़ से मुंबई पहुंचती है। सिमरन जब अपने 4 साल के बेटे को लेकर रेलवे प्लेटफार्म पर उतरती हैं तो सामने रेचल, प्रिया ओर निखिल उसके स्वागत के लिए खड़े होते हैं। तीनों सहेली आपस में मिलकर बहुत ही खुश हो जाती है। प्रिया, रेचल ओर निखिल सिमरन के बेटे के साथ प्रेम से मस्ती करते है।

थोड़ी देर में सना की ट्रेन कोलकाता से मुंबई पहुंचती है। सना जैसे हि प्लेटफार्म पर उतरती है, सामने रेचल, प्रिया और सिमरन को खडा पाती है। उन तीनों को देखकर सना दोडकर उसके गले लग जाती है और सब का हाल-चाल पूछती है। निखिल सिमरन के बेटे को बाहों में ऊठाकर कोने में खड़ा रहता है।

फिर तो क्या था? चारों बातें करने में इतनी busy हो जाती है कि आसपास के माहोल का उसे कुछ पता ही नहीं चलता है। प्लेटफार्म पर खड़े लोग सब इन चारों को देखते रहते हैं लेकिन इन चारों को आज किसी की परवाह नहीं है, उन चारो को जैसे आज उसकी दुनिया मिल गई हो।

कुदरत को भी जैसे इस पल का इंतजार हो वैसे बारिश शुरू हो जाती है। प्लेटफार्म पर खड़े लोग बारिश से बचने के लिए कोई न कोई कोना पकड़ लेते हैं लेकिन इन चारों को जैसे आज पंख मिल गए हो वैसे वह बारिश में भीगने लगती है। एक दूसरे का हाथ थामकर बारिश में भीगते हुए, नाचती है, गाती है और मस्तियां करती है जैसे हॉस्टल की यादें ताजा कर रही हो।

थोड़ी देर के बाद निखिल उन सबको आवाज देकर बुलाता है तब उन चारों को होश आता है। बाद में, प्रिया सना की मुलाकात निखिल से करवाती है और सब लोग टैक्सी में बैठकर प्रिया के फ्लेट पर जाने के लिए निकलते हैं।

फ्लेट पर पहुंचकर प्रिया सबको फ्रेश होने के लिए कहती है और खुद किचन में खाना बनाने के लिए अंदर जाती है। निखिल प्रिया की help करने के लिए किचन में पहुंच जाता है।

सब लोग खाना खाने के बाद हॉल में बैठते हैं। निखिल अपने काम की वजह से बाहर जाता है। हॉल में बैठकर सब सहेलिया अपने हॉस्टल की यादों को ताजा करती है।

आज उसको कोई रोकने वाला नहीं है, कोई टोकने वाला नहीं है। बातों बातों में सबके जीवन में क्या चल रहा है ऐसा प्रिया सबको पूछती है तब सिमरन, रेचल ओर सना रोते रोते अपने जीवन की हकीकत सबको बताती है। प्रिया सबको शांत करती है और आश्वासन देती है कि सब कुछ ठीक हो जाएगा। बातों बातों में रात कब हो जाती है पता ही नहीं चलता है। सब लोग सुबह अपने कॉलेज के फंक्शन में जाने की तैयारी करके सो जाते हैं।

चारो सहेलियां सुबह जल्दी उठकर, तैयार होकर कॉलेज के रजत जयंती समारोह में भाग लेने के लिए निकलती है सिमरन अपने 4 साल पुत्र को भी अपने साथ ले लेती है।

एक बड़े से हॉल में सब लोगों के बीच मे, तालियों की गड़गड़ाहट से समारोह का प्रारंभ होता है। सब लोग अपनी अपनी सीट पर बैठ जाते हैं। कॉलेज के ट्रस्टी, अतिथि और VIP मेहमान सब प्रथम लाइन में बैठे होते हैं।

chief guest दीप प्राकट्य करके रजत जयंती समारोह का प्रारंभ करते हैं। नए-नए सांस्कृतिक कार्यक्रम, रंगारंग कार्यक्रम, देश भक्ति गीत, कॉमेडी प्ले, क्लासिक डांस वगैरह से कार्यक्रम आगे बढ़ता रहता है। कॉलेज में पढ़नेवाले नए स्टूडेंट कार्यक्रम का संचालन करते हैं।

कार्यक्रम में कॉलेज के पुराने स्टूडेंट मौजूद हैं, जो अभी डॉक्टर, वकील और दूसरे सरकारी पद पर हैं, उन सब का सम्मान होता है। सब लोग एक के बाद एक वक्तव्य देने आते हैं। सब लोग अपने संघर्ष की दास्तान सुनाकर के उन संघर्षों से लडकर जीवन में कैसे आगे बढ़े उसका जिक्र करते हैं। पुराने विद्यार्थियों की संघर्ष और सफलता की गाथा सुनकर चारों सहेलियों के मन में भी कुछ कर गुजरने की तीव्र इच्छाए होती है।

पुराने विद्यार्थियों का वक्तव्य होने के बाद ट्रस्टी और अतिथियों का प्रवचन होता है, बाद में, सब को वंदन और अभिनंदन करने का गीत आता है। राष्ट्रगान के साथ कार्यक्रम का समापन होता है।

कार्यक्रम का समापन होने के बाद gate to gather समेंलन में वह चारों अपने पुराने क्लासमेट ओर अपने कॉलेज के प्रोफेसरों से मिलती है और वह सब एक दूसरे के बारे में हालचाल पूछते है। वह प्रोफेसरों का आभार प्रकट करती है और बाद मे, लंच खत्म करके सब लोग फ्लैट पर वापस आ जाते हैं।

क्रमशः

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