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Hostel Girls (Hindi) - 1

प्रकरण : 1 - संघर्ष गाथाए

[दृश्य 1 : रेचल from गोवा]

गोवा का समुद्र तट......... शाम का वक्त है। सूरज धीरे धीरे ढल रहा है। सागर की लहरें किनारे की ओर बह रही है। मंद मंद खुशनुमा हवा चल रही है। वातावरणमें धीमी सी खुशबू बह रही है। दूर दूर से गीत संगीत की आवाज सुनाई दे रही है। समुद्र तट पर इंसानों की भीड़ लगी हुई है। नारियल पानीवाले, कुल्फी आइसक्रीमवाले, ठेले वाले, रेस्टोरेंट वाले सब लोगों को अपनी ओर आकर्षित करने में लगे हुए हैं। समुद्र में boating, surfing, riding, pera gliding करके सब लोग enjoy कर रहे हैं। इस खुशनुमा मौसम में बेहद खूबसूरत और नौजवान लड़की समुद्र की रेत पर बैठी हुई है। हवा की लहरों से बार-बार उसके बाल बिखरते रहते हैं जिसको वह सवार रही है। कभी वह ढलते हुए सूरज की ओर तो कभी वह सागर की उछलती हुई लहरों को देखती है। अचानक, उसकी आंखों से मोतियों के दाने जैसे आंसू बहने लगते हैं।

कोच्चि के पास एक छोटे से गाँव की रहनेवाली और मुंबई से अपनी पढ़ाई खत्म करने वाली रेचल कि marriage गोवा में रहने वाले एक Bar के मैनेजर डेविड से होती है। डेविड देखने में विदेशी जैसा एकदम गोरा, handsome और गुड लुकिंग इन्सान है लेकिन साथ साथ वह घमंडी और अहंकारी भी है। वह इतना possessive इंसान है कि वह अपनी किसी भी चीज या वस्तु को किसी के साथ शेयर नहीं करता। अपनी वाइफ को भी वह अपनी property ही समझता है।

रेचल और डेविड की marriage को आज 5 साल पूरे हो गए हैं लेकिन डेविड को marriage anniversary याद नहीं है और उसे उसकी परवाह भी नहीं है। शुरुआती दौर में उसकी marriage life भी हर कपल की तरह happy marriage life जैसी ही थी। लेकिन जैसे-जैसे समय बीतता गया, बाद में रेचल को डेविड की जूए और दारु पीने की लत की भनक हुई। रेचल ने इस बारे में डेविड को समझाने की बहुत कोशिश की लेकिन डेविड समझने की वजह उल्टा रेचल के ऊपर भडक जाता, गुस्सा करता और कभी-कभी मारपीट भी करता था।

डेविड के ऐसे स्वाभाव के कारण उसके माता-पिता भी उससे अलग रहते थे। हा, लेकिन रेचल को अपने सास ससूर के साथ अच्छा बनता था। रेचल कभी-कभी उससे मिलने जाती थी और उसका ख्याल भी रखती थी। रेचल के सास ससुर रेचल को समझाते थे कि वक्त आने पर सब कुछ ठीक हो जाएगा। लेकिन उस अच्छे वक्त की राह देखते-देखते आज पूरे 5 साल बीत गए थे। अब तो रेचल ने भी उसको अपनी किस्मत मान लिया था लेकिन जब आईना धूंधला हो तब तस्वीर साफ नहीं दीखती है, वैसे ही रेचल को अपना भविष्य साफ नजर नहीं आ रहा था। वह अपने अस्तित्व को खोजने का प्रयास करती रहती है।

रेचल आत्मविश्वासु, शांत, समझदार और भावुक लड़की है लेकिन डेविड को उसकी भावनाओ की कोई कद्र नहीं होती है। रेचल अपना जीवन आत्मसम्मान और आत्मनिर्भरता से जीना चाहती है। उसको कभी-कभी यह लगता था कि सब कुछ छोड़ के वह कहीं दूर चली जाए, जहां उसका अतीत उसका पीछा ना कर सके लेकिन ऐसा करने की उसकी हिम्मत नहीं होती थी। उसके माता-पिता की आर्थिक हालत भी ठीक नहीं थी इसलिए वह अपना दु:ख बता कर उसको ओर तकलीफ देना नहीं चाहती थी। इस उलजन में उसको कोई रास्ता सूझ नहीं रहा था|

अचानक, उसके मोबाइल की रिंग बजती वह देखती है कि डेविड का फोन है, वह कॉल उठाती है सामने से डेविड भारी-भरकम आवाज में रेचल को घर आने के लिए कहता है। रेचल समझ जाती है कि डेविड आज भी दारू पीकर घर पर आया हुआ है, वह अपने नसीब को कोसकर और आंसूओ को पोछकर घर की तरफ जाने के लिए निकलती है।

क्रमश:

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