[प्रकरण 5 : संघर्षों से सफलता तक]
[दृश्य 1 : "सिमरन दा ढाबा" Hotel & Restaurant]
सिमरन के रेस्टोरेंट का बिजनेस दिन प्रतिदिन बढ़ता ही जा रहा था। करीब 2 साल के बाद, उनके पास काफी सारे पैसे जमा हो चुके थे। जमा किए गए पैसों से सबने एक अच्छे एरिया में निखिल की मदद से पुरानी होटल को अच्छे दामों में खरीद लिया। बाद में उस होटल को renovate करके उसे फाइव स्टार होटल & रेस्टोरेंट में परिवर्तित कर दिया गया।
सब लोग मिलकर अपने होटल का ग्रैंड ओपनिंग करने की सोचते हैं। पूरे शहर में "सिमरन दा ढाबा" का नाम था इसलिए इस नए होटल के बारे में शहर मे चर्चाए शुरू हो गई थी। पत्रकार सिमरन ओर उसकी सहेलियों का इंटरव्यू लेते हैं। हर अखबार, पत्रिका magazine में इस होटल के बारे में लेख छपते हैं। कैसे छोटे शहर की लड़कीया अपनी मेहनत और हिम्मत के बलबूते पर जीवन के हर संघर्षों से लडते हुए आगे बढ़ गई और उसने सफलता प्राप्त की। आज सब सहेलियां आम लोगो के लिए प्रेरणा बन गई थी।
होटल के उद्घाटन में शहर के प्रतिष्ठित लोगों, उसके कोलेज के ट्रस्टीओ, उसके प्रोफेसर, कोलेज के स्टूडेंट, उसके साथ काम करने वाले सभी लोगों को और उसके सभी कस्टमर को आमंत्रित किया जाता है।
* होटल के ग्रैंड ओपनिंग का दिन
शाम के 7 बजे हैं, होटल को दुल्हन की तरह सजाया गया है। चारों तरफ रोशनी, रंग बिरंगी लाइटिंग, डेकोरेशन, होटल के लोन में फवारे, floats है। दिवाली जैसा पूरा खुशनुमा माहौल है। मेहमान आने शुरू हो चुके थे। निखिल सूट-बूट में सबका स्वागत और अभिवादन कर रहा था। तभी चारो सहेलियां की सेलिब्रिटी की तरह entry होती है। उसके कार से उतरते हि फूलों की बारिश हो जाती है।
चारो सहेलियां भारतीय परंपरागत पोशाक में बहुत ही सुंदर लग रही थी। वह होटल के main gate पर खडी रहकर आनेवाले सब मेहमानों का स्वागत करती है। सभी मेहमान होटल का look देखकर आश्चर्यचकित हो जाते हैं| बहुत ही अद्भुत नजारा देखने को मिलता है।
तभी अचानक सिमरन की नजर आते हुए मेहमानों से एक मेहमान पर पड़ती है और वह उसकी तरफ दौडती है। सिमरन दौडते हुए अपने बेटे रणबीर को गले से लगा लेती हैं। लगभग 2 साल के बाद आज उसने अपने बेटे का मूहं देखा था। वो अपने बेटे को बहुत प्यार करते हुए चुमती है। सिमरन की आखे खुशी से भर आती है। निखिल ओर सिमरन की सहेलियां भी दौड़कर उसके पास जाते हैं। वहां पर जाकर वो देखते हैं कि सिमरन अपने बेटे को गले से लगाकर प्यार कर रही थी और उसके पास उसका पति गुरुचरण, सिमरन के माता पिता और सिमरन के सास ससूर भी खड़े थे।
बाद में, सिमरन अपने सास ससुर और अपने माता-पिता से गले मिलती है और उनके पैरों को छूकर उनका आशीर्वाद लेती है।
पास में मौन खड़ा गुरुचरण अपने दोनों हाथ जोड़कर और आंखों में आंसू लिए सिमरन से अपने किए की माफी मांगता है। सिमरन भी बड़ा दिल रखकर उसे माफ कर देती है| बाद में, गुरुचरण रोते हुए निखिल, प्रिया, रेचल ओर सना से भी माफी मांगता है, तब सबकी आंखों में आंसूओ का दरिया छलकता हैं। सब लोग आंखों में आंसू और चहेरे पर मुस्कान लेकर गुरुचरण को माफ कर देते है और भूतकाल में जो भी हुआ उसको भूलाने के लिए कहते हैं।
बाद में, निखिल और सिमरन की सहेलियां उन सबको होटल के अंदर लेकर जाते है। आज सिमरन की खुशियां दुगनी हो गई थी। जैसे भगवान ने पूरी दुनिया की खुशी उसकी झोली में डाल दी हो। उसके सपने आज सच होते हुए नजर आ रहे थे।
सिमरन को एक बात समझ में नहीं आ रही थी कि उसके परिवार वालों को होटल की ओपनिंग के बारे में बताया किसने? वो बड़े आश्चर्य व उत्सुकता से अपनी सहेलियों की तरफ देखती है और उसको सब समझ में आ जाता है। वो नम आंखों से उनका धन्यवाद करती हो तब सभी सहेलियां भी उसकी तरफ smile करके उसका अभिवादन करती है।
ठीक रात को 8:00 बजे आसमान में पटाखों की रोशनी के साथ होटल का grand opening होता है। सब लोग सिमरन ओर उसकी सहेलियों को बधाई देते हैं और उसकी तारीफो के पुल बांधते हैं और तारीफ भी क्यों ना हो? क्योंकि यह सब उनकी रात दिन की मेहनत और संघर्ष का परिणाम था।
गुरुचरण के पास बोलने के लिए शब्द ही नहीं मिलते हैं। हजारों मेहमानों के बीच सिमरन ओर उसकी सहेलियों को मान सम्मान मिलता देखकर वह चकाचौंध हो जाता है और होटल को देखकर तो उसकी आंखें फटी की फटी हि रह जाती है। सिमरन के सास ससुर और उसके मां-बाप तो फुले नहीं समा रहे थे क्योंकि आज उसकी बच्ची ने उसका नाम रोशन कर दिया था।
सब कार्यक्रम खत्म होने के बाद सिमरन गुरुचरण के साथ अपने होटल के लोन में घूमते हुए उसे अपने साथ होटल बिजनेस में शामिल होने के लिए कहती है। तब गुरुचरण को बड़ा अजीब सा लगता है और संकोच होता है लेकिन वह मौन रहता है। क्या करें? सिमरन की कामयाबी के सामने उसे कुछ कहने के लिए शब्द ही नहीं मिलते हैं।
सिमरन उसकी मौन की भाषा पढ़ लेती है और कहती है कि पति-पत्नी के बीच में किसी भी प्रकार का भेदभाव या मनमुटाव नहीं होना चाहिए। जो मेरा है, वह तुम्हारा भी है। सिमरन का यह प्यार देखकर उसकी आंखें नम हो जाती है। वह सोचता है कि वह सिमरन के बारे में कितना गलत सोचता था। उस एहसास से उसको guilty feel होती है लेकिन तभी सिमरन उसका हाथ पकड़कर कहती है कि अब हम साथ ही रहेंगे। आखिर मे, गुरुचरण का गुरुर तूटता है उसके गुरुर पर सिमरन के प्यार की जीत होती है। वह अपने चेहरे पर हलकी सी मुस्कान लीए सिमरन का साथ देने के लिए तैयार हो जाता है।
[दृश्य 2 : रेचल का singing show]
इस तरफ, रेचल अपने सिंगिंग करियर को लेकर बहुत ही उत्सुक है। वो अपना पूरा focus उसपे लगाती है। वो अलग-अलग singing competition और उससें जूडे reality show मे participate करती रहती है। उसकी सहेलियां इसमें उसको पूरा support करती है और प्रोत्साहित करती रहती है।
आखिर में, रेचल कि महेनत रंग लाती है वह एक रियलिटी शो sing with heart में as a singer select हो जाती है। सब लोग बड़े ही खुश हो जाते हैं। रेचल as a participate बड़ी लगन से गाने गाके, एक के बाद एक लेवल क्रॉस करती है और आखिर में final five में पहुंच जाती है।
तब तक सब लोग उसके सिंगिंग के कायल हो चुके होते हैं। पूरे देश में उसका नाम होता है और सब लोग उसको The Singing Girl के नाम से जानने पहचानने लगते हैं। reality show के judge भी रेचल के singing को देखकर बड़ा impress होते हैं और उसको भविष्य कि playback singer के रूप में देखते हैं।
जब रेचल final performance देने के लिए घर से निकलती है तो उसको cheer up करने के लिए निखिल ओर उसकी सहेलीया भी उसके साथ मे जाते हैं।
जब grand final के परफॉर्मेंस के लिए रेचल स्टेज पर पहुंचती है तब निखिल और उसकी सहेलियां रेचल को सरप्राइज कर देती है। reality show की host रेचल के माता-पिता ओर उनके सास-ससूर को स्टेज पर आमंत्रित करती है। रेचल को मानो आज पूरा संसार मिल गया हो, उसकी आंखें खुशी से भर आती है। वो अपने मां-बाप और सास-ससुर के गले मिलती है, तभी रियलिटी शो वाले डेविड को भी स्टेज पर बुलाते हैं। डेविड को देखकर रेचल को अपना भूतकाल याद आ जाता है और वो स्टेज पर ही रोने लगती है। प्रिया, सना और सिमरन स्टेज पर जाकर रेचल को संभालते हैं। थोड़ी देर बाद रेचल स्वस्थ होती है।
अचानक, डेविड mike लेकर स्टेज के बीच में आता है और वह आँखों में आँसू लिए अपनी गलतियों को सबके सामने कबूल करता है। उसकी जूए और दारू की आदत की वजह से उसने रेचल के साथ बहुत ही बुरा व्यवहार किया था। रेचल के साथ झगड़ा और उस पर हाथ भी उठाया था। रेचल ने हमेशा उससे प्यार किया था और उसके प्यार का जवाब वो अपनी नफरत से देता था। रेचल के घर छोड़ने की वजह भी वही है। रेचल के घर छोड़ने के बाद उसको रेचल के प्यार का एहसास हुआ लेकिन अपने घमंड और possessive स्वभाव के कारण आजतक वो उससे बात नहीं करता था लेकिन आज उसको रेचल पर गर्व है।
बाद में वह रेचल के पास जाता है, अपने घुटनों पर बैठकर, दोनों हाथ को जोड़कर, रोने लगता है और रोते हुए बोलता है कि उसने जूए और दारू की लत को छोड़ दिया है, अब वह उसको कोई भी तकलीफ नहीं होने देगा। वह रेचल से बहुत प्यार करता है। रेचल से की हुई अपनी हर गलती की माफी मांगता है और अपने आप को बदलने का एक मौका मांगता है।
डेविड को इस तरह गिडगिडाता देखकर रेचल की भी आंखें छलक उठती है। वह डेविड को प्यार से उठाती हो और कहती है कि वह भी उससे बहुत प्यार करती है और उसकी हर गलतीयो को माफ करती है। बाद में, रेचल ओर डेविड एक दूसरे के गले लग जाते हैं। सभी दर्शक, host, judges सब खड़े होकर तालियां बजाते हैं और दोनों का अभिवादन करते हैं।
बाद में, रेचल पूरे जोश और उत्साह से अपना गाना शुरू करती है। वह दोस्ती के नाम ऐसा गाना गाती है कि गाना खत्म होने के बाद दर्शक, host, judges सब खड़े होकर 2 मिनट तक तालियां बजाते हैं। तालियों की गड़गड़ाहट से पूरा स्टेज गूंज उठता है। सना, सिमरन और प्रिया दौड़कर स्टेज पर जाते हैं और रेचल को गले लगा लेते हैं।
आखिर में, फाइनल का रिजल्ट आता है और रेचल इस reality show की विनर बन जाती है। बाद में, रेचल नम आंखों से अपने वक्तव्य में कहती है कि इस विनर के पीछे उसकी सहेलियां प्रिया, सिमरन, सना और मेरे भाई जैसा दोस्त निखिल है। आज वह जो भी है उसी की बदौलत है। वह तो जींदगी की जंग हार चुकी थी लेकिन इनकी मजबूत दोस्ती ने वो करिश्मा कर दिखाया कि जो वह कभी सोच भी नहीं सकती थी। कदम कदम पर उसके दोस्तों ने हिम्मत, विश्वास और प्रेरणा दी है। उसके हिम्मत और विश्वास की वजह से ही मैं यहां तक पहुंची हूं इसलिए इस ईनाम की सच्ची हकदार मेरी सहेलीया ही है जीसने हर मोड़ पर मेरा साथ दिया है इसलिए मेरी जीत मेरे दोस्तों को समर्पित करती हूं।
रेचल का वक्तव्य सुनकर सभी की आंखें नम हो जाती है और सब लोग रेचल का तालियां बजाकर सम्मान करते हैं।
रेचल को इनाम के रूप में 50 lacs, ईनाम की ट्रॉफी और एक एल्बम में गाने का मौका मिलता है। सब की खुशी का कोई ठिकाना नहीं रहता है। सब लोग जूमते हुए, नाचते हुए कार्यक्रम से खुशी-खुशी बाहर निकलते हैं।
क्रमशः