sarvshesth prani books and stories free download online pdf in Hindi

सर्वश्रेष्ठ प्राणी

संसार का सर्वश्रेष्ठ प्राणी-#मनुष्य ? :-

रोज की तरह सुबह 5 बजे उठा लेकिन आज पार्क में जाकर एक्सरसाइज करने का मन नही था सोचा कि और सो जाऊं थोड़ा।

तभी भौं की आवाज ने फिर से आंख खोल दी।
बालकनी में जाकर देखा वही कुत्ता जो यही गली में पड़ा रहता था दूसरे कुत्ते के साथ इधर से उधर भाग रहा है।

कभी वो इसके पीछे भागता है कभी ये उसके।
मन मे आया कि ये तो कभी नही चूकते अपनी सुबह की दौड़ भाग से,फिर मैं कौनसा इनसे गया गुजरा हूँ।

पार्क जाने की तैयारी करने लगा।

अपनी दौड़ भाग करके,योग प्राणायाम करके पार्क से वापस आ रहा था फिर सामने वही कुत्ता।
सड़क के किनारे शौच की स्थिति में खड़ा था,हालांकि ये कोई देखने की चीज नही है फिर भी सामने पड़ गया तो क्या ही करें।

शौच के बाद उसने अपने पिछले पैरों से पूरी ताकत से मिट्टी पीछे की तरफ फेंकी ताकि जो उसने किया वो गंदगी छिप सके।

मुझे भी काफी समय से लघुशंका के लिए जाना था।
फ्लेट अभी दूर था,लेकिन सामने ही MCD द्वारा बनाया गया सार्वजनिक शौचालय था।

उसमे ज्यो ही घुसा पहले तो जो मास्क नीचे मुँह तक कर लिया था उसको वापस नाक तक चढ़ाना पड़ा।

दूसरी नजर पड़ी दीवार की टाइल पर जो किसी जमाने मे सफेद होती थी लेकिन अब महरून रंग की अद्भुत कलाकारी से रंगी थी।कलाकारों ने विमल,कमला पसंद और रजनीगंधा के तालमेल से जो आकृतियां बना दी थी वो मुझ आम व्यक्ति के समझ से बाहर थी।

लेकिन ना चाहकर भी वो कुत्ते के शौच वाला दृश्य मन के सामने से गुजर गया।
हमारे घर,ऑफिस, सार्वजनिक जगह कुछ नही छोड़ा मनुष्य ने जहाँ अपनी पीक की कलाकारी का प्रदर्शन ना किया हो।

वहाँ से निकलकर मन से ये विचार निकालते हुए नहाने के बाद अपने काम के लिए निकल गये।

खैर,
ऐसे ही दिन चल रहे थे।

एक दिन सुबह मैंने कुत्ते के लिए बिस्किट लिए और उसे देने के लिए गया लेकिन वो मिला ही नही।

मैं ऑफिस के लिए निकल गया।

मेरा ऑफिस ज्यादा दूर नही है इसलिए मैं पैदल ही जाता हूँ।

3-4 गली पार की थी कि कुत्तों के एक झुंड में वो मुझे दिख गया।

देखने से ही समझ आ गया कि इस गली की किसी नवयौवना कुत्ती की महक से अभी खिंचे चले आये है।

ये भी कोई देखने की चीज नही थी लेकिन मैं साइड में खड़ा होकर देखने लगा कि देखें जरा हमारी गली वाले का क्या बनता है।

ये उस नवयौवना के पास गया और उसने अपनी झिड़क वाली भौं भौं से इसको झिड़क दिया।

उसे पता नही दुख हुआ या नही लेकिन इसकी असफलता पर मुझे अच्छा नही लगा।

ये फिर गया,फिर वही झिड़क।

एक दो दूसरे कुत्ते भी इसको धमकी देने आ गये कि निकल ले, नही तो मारेंगे बहुत।

इसने हिम्मत करके नवयौवना के प्रेम को जीतने का एक और प्रयास किया लेकिन फिर फैल।

अब ये झुंड की भीड़ से पीछे हो गया,

थोड़ी देर पर उसे मैं खड़ा हुआ दिखाई दिया तो मेरे पास आकर पूंछ हिलाने लगा।

मैंने कहा कि जा अपनी गली में और फैल हो गया तो अब एसिड लाकर मत फैंक देना इसके ऊपर।

मैं अपने ऑफिस की तरफ बढ़ गया।

फिर से विचारमग्न- ये तो प्रणय निवेदन स्वीकार न करने पर वापस चला गया लेकिन इंसान हार नही मानता।

वो तेजाब फेंकता है,ब्लैकमेल करने की कोशिश करता है,धमकाता है।

बस,ट्रेन या किसी भी लाइन में अपने हाथों की परंपरागतता दिखाता है।

ये तो सीजनल व्यभिचारी हुआ लेकिन मनुष्य तो व्यभिचार में सिर से पांव तक 24 घण्टे डूबा हुआ हैं।

ऑफिस में दिन भर बहुत काम रहा,
रात को फिर अर्जेंट काम आ गया,भागादौड़ी में रात के 12 बज गये।
हम तो 10 बजे सो जाते है लेकिन आज तो काम निपटाने में ही 12 बज गये।
खैर,सोचा कि सुबह पार्क नही जाऊंगा इसलिए मोबाइल का अलार्म बन्द किया,कूलर चलाकर सोने के लिए लेट गया।
कूलर की तेज खड़ खड़ आवाज ने थोड़ी देर तो परेशान किया लेकिन थकान उससे जीत गई और जल्दी ही गहरी नींद में सुला दिया।

कुछ समय बाद कूलर की आवाज को चीरती हुई भौं भौं की हल्की सी लेकिन लगातार आती आवाज सुनाई दी।

अरे यार,मोबाइल में अलार्म नही लगाया तो अब ये अलार्म परेशान करेगा।

लाइट जलाकर टाइम देखा-अभी तो 3 ही बजे है,फिर इसको क्या हुआ?

बालकनी में जाकर लाइट जलाई तो मुझसे पहले कॉलोनी के लगभग सभी लोग बाहर खड़े है।
कोई दरवाजे पर ,कोई बालकनी में।
कुछ मकान मालिक थे लेकिन ज्यादातर किरायेदार ही थे।

मैंने पूछा-क्या हुआ ?

किसी ने बताया कि 8-10 लड़के आये थे और गली के लड़के मोंटी को घर से निकालकर बहुत मारा।

आप सब लोग क्या कर रहे थे?-मैंने पूछा

कोई कुछ नही बोला।
बाद में पता चला कि मोंटी के घरवालों और इस गली के कुत्ते के अलावा कोई भी उन लड़कों के विरोध में नही आया।

इस कुत्ते ने तो एक लड़के की शर्ट तक फाड़ दी।

कुछ दिन पहले इस कुत्ते को इस कॉलोनी के लोगों ने शरण दी थी शायद उसी का एहसान चुकाया इसने लेकिन वो लोग जो यहाँ रहते है चाहे किराये पर ही सही,
शरण तो उन्हें भी मिली इस कॉलोनी में वो क्या एक कुत्ते जितने भी हिम्मत वाले नही थे ?

इसके लिए बिस्किट हमेशा रखे रहते थे मेरे पास,

मैं बिस्किट लेकर नीचे गया और इसे ब्रह्मज्ञान देते हुए कहा-तुम्हे पता है"मनुष्य इस संसार का सबसे श्रेष्ठ प्राणी है।"

Sumit........

अन्य रसप्रद विकल्प

शेयर करे

NEW REALESED