फौजी का प्रेम RISHABH PANDEY द्वारा लघुकथा में हिंदी पीडीएफ

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फौजी का प्रेम

बस मे बंधे नजरबट्टू के छल्ले की आवाज में मधु की चूड़ियों की मधुर संगीत को महसूस करता हुआ स्पोई रवि आज छुट्टियों के बाद वापस लेह के किसी गुप्त स्थान में अपनी पोस्ट पर लौट रहा था। आज पूरे 6 साल हो चुके थे रवि को अपनी मिलिट्री की सर्विस को लेकिन पोस्ट पर जाते हुए कभी भी मन इतना भारी नही हुआ था। होता भी क्यों न आते समय आज फौजी ने अपने जीवन की मधु की आंखों में भावनाओ रूपी आँशु देख लिए थे जो कि मूक रूप में ही मधु की मनोदशा को स्पष्ट कर रहे थे "आओ..!!! तुम्हे अपनी बांहों में भर कर चुन्नट से छिपा लू ताकि कोई तुम्हे मुझसे दूर न ले जा सके।"

रवि इस मूक मनोदशा को समझ तो गया लेकिन भारत की धरती पर वीरो ने सदा ही प्रेमिका और माँ के आंचल मे माँ का आँचल ही थामा था तो आज कैसे प्रेमिका का आँचल पकड़ा जाता?

फिर तो रवि के मजबूत कंधों पर भारत माँ की रक्षा का भार था रवि ने बिना कुछ कहे मधु के माथे पर चुम्बन देते हुए सिर पर हाथ फेरा और बिना नजर मिलाए ही बस की तरफ बढ़ गया था वह जानता था कि आज नजर मिली तो शायद वह जा नही पायेगा।

शाम को 4 बजे पोस्ट पर पहुँच कर अपने सीनियर को मिलिट्री के अंदाज में रवि ने सलाम किया और बोला "जय हिंद श्रीमान" । रवि के सिनीयर सूबेदार कमाल सिंह बहुत ही हँसमुख इंसान थे।
"क्यों फौजी शरीर तो आ गया आत्मा कब आएगी?"
(चूंकि रवि शादी के बाद पहली बार पोस्ट वापस आया था तो सूबेदार ने भी रवि को छेड़ने का मौका नही छोड़ा।)
रवि झेंप गया और बोला- नही श्रीमान दोनो ही आपके सामने हाजिर है श्रीमान ।

सूबेदार- वेरी गुड..!!! जाओ चार्ज लेकर अपनी पोस्ट सम्भालो।

पोस्ट पर आज रवि के साथ 3 और स्पोई थे जो बारी बारी से रवि के हनीमून और शादी के बारे में उसे छेड़े जा रहे थे रात के 10 बज चुके थे।

स्पोई मयंक:- रवि तुझे मुझमें बीवी तो नजर नही आ रही?

रवि ने कोई जबाव नही दिया बस मुस्करा दिया इसी तरह से अपनी पोस्ट पर पोजिशन लिए चारो फौजी अपनी ड्यूटी कर रहे थे रात के साथ ही लगातार सर्दी की खुश्की बढ़ती जा रही थी। थर्मस की चाय भी खत्म रही थी रवि का दिल नह मानता तो मोबाइल निकाल कर मधु की फ़ोटो देख लेता लेकिन फिर साथी फौजियों के छेड़ने पर रख देता। करीब रात के 2 बजे कुछ रौशनी पोस्ट के उत्तर की झाड़ियों में दिखी तुरन्त चारो फौजी सर्तक होकर अपने अपने हथियारों के साथ पोजिशन ले लिए फिर तकरीबन 30 मिनट तक कोई हरकत नही हुई और अचानक से एक बुलेट आकर स्पोई मोहन कुमार के दांय कंधे पर लगी बुलेट लगते ही मोहन कुमार गिरे और पोस्ट पर दक्षिण की तरफ से गोलियां चलने लगी।
मंयक, रवि और रेडियो ऑपरेटर कुमार स्वामी पहले से ज्यादा सतर्क थे, कुमार ने रेडियो पर मैसेज कण्ट्रोल रूम में देने की कोशिश करने लगे लेकिन गोलियों की बौछार लगातार बढ़ती जा रही थी। तकरीबन 2 घण्टे इसी तरह से काउंटर फायर चलता रहा अचानक से सामने से फायरिंग रुकी, दुश्मन अब छल पर उतर आया था उसने अचानक से फायरिंग रोककर फौजियों को निश्चिन्त करना चाहा था जिससे वो लापरवाह हो जाये और दुश्मन जीत सके।

15 मिनट के इस रिलेक्स मे देखने पर पता चला कि रवि और उनके साथियों को गोली लग चुकी थी रेडियो आपरेटर कुमार ने जैसे तैसे कण्ट्रोल रूम में खबर भेज दी लेकिन रास्ता खराब था बर्फीला तूफान भी रास्ते मे था मद्दत जल्दी से जल्दी मिलेगी ऐसा मैसेज मिला। स्पोई मयंक और मोहन कुमार अत्यधिक रक्त स्त्राव से अचेत हो चुके थे रवि और ऑपरेटर कुमार पोस्ट पर मोर्चा सम्भाले थे। तभी पोस्ट से कुछ दूरी पर से एक आतंकी तेजी से पोस्ट की तरफ भागता हुआ आता दिखा जबतक रवि उसे अपनी गोली का निशाना बनता आतंकी ने हैंड ग्रेनेड बंकर के बाहर फेंक दिया रेडियो ऑपरेटर ग्रेनेड को हाथ मे कैच कर दूर फेंकने के दौरान शहादत को प्राप्त हुए और रवि ग्रेनेड के झटके से घायल होकर अर्धचेतन मे गिर पड़े। वो कुछ समझ पाते कि किसी ने राइफल की बट्ट उसके सिर पर मारी और तकरीबन 10-12 आतंकियों का ग्रुप पोस्ट के आगे से निकलने लगा। अपनी आंखों के सामने से जा रहे समूह को देखता फौजी बिल्कुल असहाय महसूस कर रहा था उसका मन हो रहा था कि उसके देश की धरती पर नापाक इरादे लेकर घुसे इन आतंकियों के सीने गोलियों से भर दे लेकिन शरीर साथ नही दे रहा था। फौजी के जीवन का दिया धीरे धीरे बुझने की तरफ बढ़ने लगा कि तभी रवी की आंखों में मधु का चेहरा आया और आँशुओ ने धारा में उसके पथर दिल से फूट पड़े।

"मधु....!!! अगर कभी मैं देश के लिए शहीद हो गया तो क्या करोगी?"

मधु:-" हे भगवान..!! शहीद हो आपके दुश्मन भगवान के लिए कभी ऐसी बाते न कीजियेगा मेरी सांसे ये सोचकर ही बैठ जाती है ऐसा हुआ तो मैं तो मर ही जाऊंगी"।

यह सोचकर आंसुओ की धारा और तेज हुई लेकिन सहसा फौजी मे नवविवाहिता मधु के लिए भावनाएं शरीर मे तूफान की तरह उठने लगी और लगभग मृत हो सके शरीर मे जान फूंक दी। रवि उठ खड़ा हुआ और दो रायफल कंधे पर टांग कर पागलों की तरह आतंकियों के जत्थे की तरफ दौड़ पड़ा लगभग 2 किलोमीटर के बर्फीले रास्ते के बाद जत्था दिखाई दिया। पीछे से पोजिशन लेकर रवि ने चार आतंकियों को मार गिराया इतने में बाकी बचे आतंकी पोजिशन लेने में कामयाब हो गए फिर गोलियों की बौछार होने लगी 3 गोलियां रवि को फिर लगी लेकिन वह लगातार एक गोली एक शिकार के सिद्धांत को अनुसरण करता हुआ एक एक कर के आतंकियों को मारे जा रहा था। उसकी रायफल से निकली आखरी गोली आतंकियों के सरदार के सीने को चीरते हुए उसे बेदम कर गयी। भावनाओ का तूफान अब थम गया और इस तूफान से निकली चेतना भी रवि के जिस्म से अब निकल गयी वह बर्फ पर गिर पड़ा उसके गर्म रक्त से बर्फ़ीली धरती लाल हो रहती थी सूरज की किरणें भारत माँ के वीर सिपाही को रौशन कर रही थी। तभी कण्ट्रोल रूम से मद्दत के लिए आई टीम ने रवी को उठाया और स्ट्रेचर पर लिटा दिया रवि के सारे साथी ठंड और रक्त बहने से शहादत को प्राप्त हुए रवि अस्पताल में पड़ा कोमा में था। रवि के सिर पर लगी रायफल की बट्ट ने सिर के पिछले हिस्से में रक्त को बर्फ़ीली ठंड में जमा दिया था।

15 दिन तक कोमा में रहने के बाद जब डॉक्टरों ने कमांड को रवि के बचने की बहुत कम सम्भावनाये बताई तो कमांड ने रवि के घर पर सूचना दे दी रवि की नवविवाहित मधु को रवि के पिता जी लेकर कमांड के अस्पताल पहुँचे लेकिन मधु को बताया कुछ नही गया था। मधु फिर भी घबराये मन से पूरे रास्ते बेचैनी से घूंघट मे रोती हुई आई थी अस्पताल में जैसे ही रवि को इस अवस्था मे देखा उसकी रास्ते भर की चुप्पी एक तीखी चीख के साथ निकल पड़ी।वह जाकर रवि के सीने से लिपट कर रोने लगी अस्पताल की नर्सो और डॉक्टरों ने उसे रोकने का बहुत प्रयास किया लेकिन सूबेदार कमाल सिहं के इशारे पर उन्होंने मधु को छोड़ दिया। मधु रोते हुए कह रही थी मुझे यू अकेले छोड़कर कहा चले गए और उसकी आंखों से निकलने वाले आंसुओ ने रवि के सीने को स्पर्श किया। भावनाओ रूपी आंसूओ की गर्माहट भरे स्पर्श ने रबी के मस्तिष्क और शरीर पर जमी अचेतनता की बर्फ को एक झटके में ही पिघला दिया।
एक दम से ठंडी होती सांसो मे फिर से गर्माहट आ गयी। रवि को होश आ गया।

वह बस इतना ही बोला "पगली तुम आ गयी तो मैं कैसे चला जाता?"

वहां मौजूद सभी की आंखों में आंसू थे हमेशा हंसी से खिलखिलाने वाले सूबेदार कमाल सिंह भी आँसू पोछते हुए बाहर निकल गए.......✍🏻