Ek hi bhool - 1 books and stories free download online pdf in Hindi

एक ही भूल, भाग १

तुम्हारी इस नौकरी ने तो हमे खानाबदोश बनाकर रख दिया है। हर तीन चार साल बाद उठाओ समान और चल दो दूसरी जगह । ये भी कोई जिंदगी है?" सीमा सामान खोलते हुए बोली।
"अरे भई अब काम ही ऐसा है तो क्या करे और ये कोई नई बात तो रही नहीं तुम्हारे लिए। जो इतना बिगड़ रही हो तुम।" रवि ने कहा।
"आप तो रहने ही दो। खुद तो कल चले जाओगे ऑफिस। मैं अकेले सारा सामान सैट नहीं कर सकती।"
"इसकी फिक्र न करो तुम।मैने पहले ही सारी बात कर ली है। आज सोसायटी वाले दो लोगों को भेज देंगे। बस तुम बताती जाना वो सारा सामान खुद लगा देंगे। अब ज़रा इस बात पर चाय तो पिला दो।" रवि ने हंसते हुए कहा।
"वो तो ठीक है। आप को तो पता है न कि बच्चों के हॉस्टल जाने के बाद, मै कितनी अकेली हो गई थी। वो तो मेरा फ्रैंड सर्कल इतना अच्छा था वहां जो उन्होंने मुझे उनकी कमी महसूस नहीं होने दी।"
"ओह ! हो तो मैडम जी को ज्यादा परेशानी अपनी फ्रेंड्स से दूर जाने की हो रही है। फिक्र न करो सीमा । यहां भी देखना तुम कैसे झट से अपने ढेर सारे दोस्त बना लोगी क्योंकि बातें करने में तो तुम उस्ताद हो।" रवि ने चुटकी लेते हुए कहा।
" रहने दो आप ।हर बात को यूं ही हंसी में टाल देते हो।काम वाली बाई कहां से आयेगी।"
" हो जाएगा मेरी जान ।इतनी परेशान क्यों होती हो।आज ही तो आएं हैं।तुम आस पास बात करना। मैं नीचे इस बारे में बात करता हूं।"
तभी डोरबेल बजी है। " लगता है मजदूर आ गए हैं।" रवि दरवाजा खोलते हुए बोला।
" नमस्ते भाईसाहब । मै आपके सामने वाले फ्लैट में रहती हूं। सुबह आप लोगों को आते हुए देखा तो मिलने चली आई।"
" आइए न अंदर आइए। " चाय की चुस्कियों के साथ एक दूसरे के परिचय का आदान प्रदान हुआ। रमा, सीमा की ही हमउम्र थी। इसलिए दोनों जल्दी ही घुलमिल गई।चलते हुए रमा ने उन्हें लंच के लिए इन्वाइट किया।
तो सीमा ने कहा " अरे नहीं आप परेशान न हो हम मैनेज कर लेंगे।"
" इसमें परेशानी की कौन सी बात है। पड़ोसी ही तो पड़ोसी के काम आते हैं।"कहकर वो चली गई।
लंच करते हुए सीमा ने रमा से काम वाली बाई का ज़िक्र किया तो वह झट से बोली अरे मेरी कामवाली है ना। उससे मिलवा दूंगी तुम्हे। इस फ्लैट में ही वह पहले काम करती थी। उन लोगो के जाने के बाद उसे भी एक काम और चाहिए था। अब तुम दोनों की ही समस्या हल हो गई। कल सुबह लाती हूं उसे।
सच रमा से मिलकर थोड़ा मन लगने लगा था उसका। कितनी मिलनसार है रमा।
अगले दिन रवि के जाने के बाद रमा ने कामवाली के साथ दस्तक दी।
" सीमा ये राधा। कल बताया था इसके बारे में।"
राधा को देखते ही सीमा कुछ चौंक सी गई।उसने देखा राधा भी उससे नजरें चुरा रही थी।
" सीमा मैं अब चलूं। तुम इसे काम समझा देना। बहुत अच्छी है।कई सालों से काम कर रही है इस सोसायटी में।"
" चाय तो पीकर जाओ।"
" नहीं अभी थोड़ा जल्दी में हूं।" कह कर रमा चली गई।
अब सीमा और राधा ही थे वहां। सीमा राधा की ओर देखते हुए बोली " तुम रज्जो हो ना।"
नहीं दीदी। मेरा नाम तो राधा है। शायद गलतफहमी हुई है आपको।" कह वह अपने काम में लग गई। एक बार तो सीमा को भी लगा कि हो सकता है उसे धोखा हुआ हो। लेकिन काम करते हुए जब उसने गौर से राधा को देखा तो उसे पूरा विश्वास हो गया कि ये रज्जो ही है। सीमा समझ तो गई थी कि वह क्यों अपनी पहचान छुपा रही है।किन्तु उससे अभी कुछ पूछना जल्दबाजी होगी। इसलिए वो चुप रही।रज्जो भी जल्दी से काम कर वहां से ऐसे निकल गई कि उसकी चोरी पकड़ी न जाए।
रज्जो चली तो गई,लेकिन सीमा के भीतर उथल- पुथल मचा गई। वर्षों पुरानी घटना जो अतीत के पन्नों में दब गई थी। वह अचानक ऐसे सामने आयेगी। यह उसने कभी सोचा भी न था। गांव वालों की नज़रों में तो रज्जो कब की मर चुकी थी।किन्तु यह तो जिंदा है, विश्वास नहीं होता। इस नादान लड़की के कारण तीन मासूम लोग असमय ही काल के ग्रास बन गए थे। ये सोच वह फिर से सिहर उठी। लेकिन चाचा चाची ने इतना बड़ा झूठ क्यों बोला? इन सारे सवालों के जवाब तो रज्जो के पास ही थे।
शाम को रमा जब उससे मिलने आई तो उसने रज्जो के काम के बारे में पूछा।
" हां काम तो बढ़िया करती है।ये यहां कब से काम कर रही है?" सीमा ने पूछा।
" ठीक से तो मुझे भी नहीं पता।सुना है १० - १५ साल हो गए इसे यहां काम करते हुए। बड़ी भली औरत है। पर किस्मत की मारी हुई है।"
"क्या मतलब ?"
"ज्यादा बातें तो वो करती नहीं। सोसायटी के गार्ड के गांव की है।उसी ने थोड़ा बहुत बताया है , इसके बारे में।इसका आदमी खूब नशा करता था। नशे में इससे मारपीट करता।एक बार तो उसने इसे जान से मारने की कोशिश भी की थी। ज्यादा नशे के कारण उसकी मौत हो गई। एक ही बेटी है इसकी।"
सुनकर धक्का लगा सीमा को। इस अभागी लड़की के जीवन में इतना कुछ हो गया और किसी को कुछ पता नहीं। दूसरे ही पल सीमा उसकी करतूतों पर गुस्सा भी आया। अपनी बर्बादी के बीज भी तो इसने खुद ही बोय थे।

क्रमशः

सरोज ✍️

अन्य रसप्रद विकल्प

शेयर करे

NEW REALESED