डेविल्स ट्राएंगल suraj sharma द्वारा रोमांचक कहानियाँ में हिंदी पीडीएफ

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डेविल्स ट्राएंगल

ये मुमकिन ही नहीं की जब भी किसी रहस्यमयी जगह कि बात हो और बरमूडा ट्राएंगल को भूल जाए..

बरमूडा ट्राएंगल को 'डेविल्स ट्राएंगल या शैतानी त्रिभुज' भी कहा जाता है, ये उत्तर पश्चिम अटलांटिक महासागर का एक क्षेत्र है. अगर मै कहूं की ये शैतान के घर का रास्ता है तो भी गलत नहीं होगा. कहते है जबसे दुनिया बनी है तब से ये जगह सबके लिए ध्यान आकर्षित करने का केंद्रबिंदु बना हुआ है, कोई इसे एलियन से जुड़ा हुआ बताते है तो कोई धर्म और गॉड कि बाते करते है पर सच तो ये है कि आजतक इसकी सच्चाई दुनिया के सामने नहीं आ सकी ।।

सिर्फ पानी पर चलने वाले जहाज, पनडुब्बी ही नहीं बल्कि हवा में उड़ने वाले प्लेन भी इस से नहीं बच सकते।। अटलांटिक ओशन ५ लाख स्क्वेयर माइल्स में फैला हुआ एक विशाल समुद्र, ना जाने अपने अंदर कितने राज दफन किया हुआ है. माना जाता है कि यहां पर प्लेन, शिप्स आते तो है पर कभी वापस जाते नहीं मानो ये समुंदर की गहरायों में कहीं खो जाते है. आजतक इस लाखो माइल्स में फैले हुए समुद्र में १०० से भी ज्यादा हादसे हो चुके है.

सायंस कहता है इस रहस्यमयी ट्रायंगल पर अलग किस्म की हवा चलती है जिसकी रफ्तार इतनी होती है कि उसके आस पास की सारी चीजे अपने अंदर खींच लेती है और ये किसी गुरुत्वाकर्षण के वजह से नहीं होता है।। ये होता है अजीब दिखने वाले बादलों के वजह से. कहते है हवा का रुख और हवा की रफतार इतनी जल्दी बदलती की कोई भी सोच नहीं सकता कि हो क्या रहा है. अलग दिखने वाले बादल पूरे आसमान मै छा जाते है.

आंख बंद करके हम सोच सकते है कि ऊपर काले बादल, नीचे विशाल और गहरा समुद्र और बिचमे तेज हवा. कंपास भी काम करना बंद कर देता है जिसके वजह से यात्री रास्ता भटक जाते है।। उसके बाद जो होता होगा वो ना आप जानते है, ना मै और नाही कोई.
कुछ ऐसे हादसे भी है जिनका किसी के पास कोई रिकॉर्ड नहीं. चलिये पलटते है अतीत के उन अनकहे पन्नों को

अमेरिका के एक आर्मी प्लेन ने प्रैक्टिस के लिए उड़ान भरी और जब वो इस बरमूडा ट्राएंगल के ऊपर से गुजरा तो हमेशा के लिए गायब हो गया उसका एक इंच भी नहीं मिला, ना जाने आसमान में समा गया या समुद्र में ढस गया और जब वो लौटकर नहीं आया तो उनकी खोज में कुछ और प्लेनस को भेजे गए पर उनका भी आजतक कुछ पता नहीं चल पाया।। ऐसे अनगिनत हादसे वहां हो चुके है. कहते है एक दिन अचानक एक शिप अटलांटिका के किनारे दिखी पर उसमें ना कोई आदमी था ना ही उनके कंकाल. इस घटना कें बाद ही से बरमूडा त्रिकोण सबके नजर मै दिलचस्पी की जगह बन गई.

इस दुनिया में ऐसे बहोत से राज है जिसे अगर हम सायंस की नजर से देख तो वो अविश्वसनीय लगते है । अब इस घटना को हम क्या कहेंगे- "क्या है कुदरत का करिश्मा है या इसके पीछे भी कोई सायंस है"?

।। समाप्त ।।