किसी ने नहीं सुना - 16 Pradeep Shrivastava द्वारा सामाजिक कहानियां में हिंदी पीडीएफ

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किसी ने नहीं सुना - 16

किसी ने नहीं सुना

-प्रदीप श्रीवास्तव

भाग 16

तुम्हारे मामले ने जो इतना तूल पकड़ा वह इस लतखोरी के चलते ही हुआ। क्योंकि ऑफ़िस में सीनियारिटी को लेकर वो तुमसे खुन्नस खाए रहता है। दूसरे संजना की हरकतों के चलते उसे लगा कि वो आसानी से उसपे हाथ साफ कर लेगा। लेकिन वो अपने स्वार्थ में तुम्हारे सामने बिछ गई। इससे वह और चिढ़ गया। और तुम्हारे बॉस को चढ़ा दिया कि सर करना आपको है लेकिन संजना के मजे वह ले रहा है। सर राइट तो सिर्फ़ आपका बनता है। बस चढ़ गए तुम्हारे बॉस।’

‘मगर इतनी अंदर की बात तुम्हें कौन बताएगा ?’

‘मास्टर साहब! जिसको तुम लोग मास्टर साहब कहते हो। तुम्हारे बॉस का चपरासी। उसके अनुसार उसने यह सब खुद अपने कानों से सुना था।’

‘वो कह रहा है तो मान सकता हूं।’

‘उस पर इतना यकीन है।’

‘उसकी सबसे गंदी आदत है दूसरों की बात सुनना और चुगुलखोरी करना। मगर जो भी बातें बताता है वह कभी गलत नहीं निकलतीं। बताने का अंदाज मास्टरों सा होता है इसलिए सब मास्टर साब कहते हैं।’

‘मतलब लतखोरी की बातों में आकर तुम्हारे भाई सामान बॉस ने तुम्हारे साथ गद्दारी की।’

‘मैं... मैं कुछ समझ नहीं पा रहा हूं। यकीन नहीं होता मेरे साथ ऐसा विश्वासघात करेंगे।’

‘तुम्हारे यहां के हालात समझने में मैं खुद बहुत उलझ गई। एक नज़र में देखूं तो संजना ने तुमको यूज किया। मगर यूज हो रही है। लतखोरी फंसा नहीं सका तो बॉस के जाल में फंसवा दिया। अब वो उसको यूज कर रहे हैं। लतखोरी जिस तरह कुत्ते सा उसके पीछे पड़ा है उससे यह तय है कि वह और कई अन्य जल्दी ही उसे यूज करेंगे। उसकी हालत गलियों में कुत्तों के झुंड के बीच फंसी कुतिया सी हो गई है। जिसे हर कुत्ता नोचने में लगा है। कुत्तों से वह ऐसे घिर गई है कि उसका बचना नामुमकिन है।’

‘यार अब इतना भी नहीं है जितना तुम कह रही हो।’

‘नाराज होने की ज़रूरत नहीं है। जिस मास्टर की बात पर तुम्हें पूरा भरोसा है न उसी मास्टर की बताई बातों के आधार पर कह रही हूं।’

‘अच्छा और क्या बताया उसने ?’

‘बहुत सी बातें बताई हैं। उसी में एक यह भी है कि लतखोरी और एक और ने मिलकर संजना की बाथरूम में फ्रेश होने आदि के समय की नेकेड वीडियोग्रॉफी की है।’

‘ये बकवास है, वो इतना छोटा सा बाथरूम है कि वहां कोई कैमरा लेकर बैठ ही नहीं सकता है।’

‘यही तो, तुम्हें तो अपने मोबाइल के बारे में ही ठीक से पता नहीं है। वहां पर एक ज़्यादा जी.बी. वाले मेमोरी कार्ड लगे मोबाइल को नया सिम लगा कर वीडियो रिकॉर्डिंग पर ऑन कर छिपा दिया। नए सिम का नंबर किसी को दिया नहीं था इसलिए कॉल आ नहीं सकती थी। साइलेंट मोड पर भी था। जानबूझकर सुबह दो घंटे और शाम को छुट्टी से पहले लगाया गया। क्योंकि महिलाएं सुबह ऑफ़िस पहुंचकर बाथरूम ज़रूर जाती हैं फ्रेश होने के साथ-साथ अपना मेकअप और कपड़ा ठीक करने। यही शाम को घर चलने से पहले करती हैं। ऐसे ही टाइम में संजना और कई अन्य औरतों की रिकॉर्डिंग कर ली गई है।’

‘ये तुमने अच्छा बताया। मैं कल ही पोल खोलकर सालों को ठीक कर दूंगा।’

‘कुछ नहीं होगा। कोई सामने नहीं आएगा। तुम्हारे पास वीडियो क्लिपिंग तो है नहीं। तो तुम उसे रिकॉर्ड करने वाले का नाम प्रूफ नहीं कर पाओगे। उलटा तुम्हीं अपराधी ठहरा दिए जाओगे। जब वो सब रिकॉर्डिंग यूज करें, बात खुले तब सामने आओ।’

‘मैंने सोचा भी नहीं था कि ये साले इतने नीचे गिर जाएंगे।’

‘जो कुछ लोगों ने बताया है मुझे उस हिसाब से यह तो नीचता की एक झलक है। तुम्हारे यहां तो शबीहा, मानसी, श्रृद्धा की ऐसी कहानियां बताई गईं कि लगता है वहां सेक्सुअली बीमार फ्रस्टेटेड मर्दाें का जमघट है। जो औरतों के लिए नीचता की कोई भी सीढ़ी चढ़ सकते हैं।’

‘ये दो-चार दिन में ही तुमको सालों साल पुरानी बातें किसने बता दीं।’

‘दो-चार दिन नहीं जब से तुम संजना के दिवाने हुए तभी से लोगों ने फ़ोन करने शुरू कर दिए थे। वो फ़ोन तो इसलिए करते थे कि ऑफ़िस में आकर तुम्हारी छीछालेदर करूं लेकिन मैं खुद पर किसी तरह नियंत्रण किए रहती। फ़ोन करने वाले नाम नहीं बताते थे। अविश्वास करने पर ऐसे-ऐसे प्रमाण देते कि कोई रास्ता न बचता। इस चक्कर में मैं कई बार तुम्हारे ऑफ़िस तक गई। उसे साथ लेकर तुम्हें जाते हुए भी देखा। इसीलिए घर पर मैं पूरी कड़ाई से पेश आती।’

‘ये फ़ोन किन नंबरों से आते थे ?’

‘सब पी.सी.ओ. से होते थे। मैं जब भी कॉल बैक करती नंबर पी.सी.ओ. का निकलता। इनमें एक तो इतना हरामजादा है कि बहुत ही हमदर्द बनकर बात करता। दिनभर में कई बार बात करता। तबियत कैसी है, कोई दिक़्कत हो तो बताइए मैं आ जाऊं। नीरज जी मेरे बड़े भाई समान है। थोड़ा बहक गए हैं। भाभी जी क्या करिएगा। कुछ औरतें ऐसी होती हैं कि अच्छे-अच्छे मर्दाें को फंसा लेती हैं। फिर नीरज जी को क्या कहें। आप जैसी खूबसूरत बीवी घर में है, फिर भी संजना के पीछे पड़े हैं।

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