बात एक रात की - 30 Aashu Patel द्वारा जासूसी कहानी में हिंदी पीडीएफ

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बात एक रात की - 30

बात एक रात की

Aashu Patel

अनुवाद: डॉ. पारुल आर. खांट

( 30 )

‘दिलनवाझ को डॉन सैयद मलिक ने हमारी फिल्मों के ओवरसीझ राइट्स के लिए धमकी दी थी| सैयद मलिक के राइट हेंड सलीम कालिया ने इसके लिए मुझे कई बार फोन भी किये थे| मैंने इस बारे में दिलनवाझ से बात की थी लेकिन दिलनवाझ ने कहा था कि मैं सैयद को समझा दूंगा| दिलनवाझ ओवरसीझ राइट्स देना नहीं चाहता था लेकिन दिलनवाझ पर हमला हुआ और उसका बॉडीगार्ड मारा गया इसके दूसरे दिन दिलनवाझ ने मुझे कहा था कि हम मलिक को ओवरसीझ राइट्स दे देते हैं| उस वक्त वह बहुत डरा हुआ था...’

अमन कपूर ने सिनियर इंस्पेक्टर इनामदार को कह रहा था|

‘तो फिर तुम दोनों की कम्पनी ने सैयद मलिक को ओवरसीझ राइट्स दे दिये थे?’ इनामदार ने पूछा|

‘हा’

‘तो फिर मलिक की ओर से उसे किस तरह का खतरा था?’

‘कुछ दिन पहले सैयद मलिक ने फिर से दिलनवाझ को कॉल किया था और कहा था कि मेरे भाई अहेसान को फिल्म प्रोडेक्शन में आना है| उसकी कम्पनी के साथ पाँच फिल्मों का कोंट्रेक्ट साइन कर ले| उस वक्त दिलनवाझ ने उसे कहा था कि अभी तो मैं इतनी फिल्मे साइन कर चुका हूँ कि अगले दो साल तक नई फिल्म साइन करना संभव नहीं है|‘

‘लेकिन तुम तो कहते हो कि डॉन ने हमला करवाया उसके बाद दिलनवाझ बहुत डर गया था|‘ इनामदार ने कहा|

‘हमला हुआ तब बहुत डर गया था, लेकिन संसद सभ्य बनने के बाद उसमें थोड़ी हिम्मत आई थी| वह ऐसा मानने लगा था कि अब मलिक उस पर हाथ डालने की कोशिश नहीं करेगा|‘

‘दिलनवाझ ने अहेसान मलिक की नई प्रोडक्शन कम्पनी के साथ पाँच फिल्मों का कोंट्रेक्ट साइन करने से इंकार कर दिया था और दिलनवाझ का मर्डर हुआ तब यॉट पर अहेसान मौजूद था |’

‘एक और बात भी है|‘ अमन ने कहा|

इनामदार ने सवाल भरी नजरों से उसकी ओर देखा|

‘दिलनवाझ को रोशनी रौतेला से मतभेद हो गया था| इसके बाद उसने रोशनी के साथ वाली आकाश महेरा की आधी बन चुकी फिल्म लटका दी थी| उसने महेरा से कह दिया था कि फिल्म पूरी करनी है तो रोशनी रौतेला को फिल्म से बाहर कर दो और न्यु कमर मयूरी माथुर को साइन कर लो| इसकी वजह से आकाश महेरा के भाई आनंद ने सुसाइड का प्रयास किया था| इसके बाद सैयद मलिक ने दिलनवाझ को धमकी देकर ये फिल्म पूरी करवाई थी| रोशनी दिलनवाझ का उपयोग कर के हिरोइन बनी थी, लेकिन बाद में वह अहेसान के करीब हो गई| अब वह अहेसान के साथ लीव इन रिलेशनशिप में रहती है|‘

-----------

‘सैयदभाई के साथ मेरा कोई सम्बन्ध नहीं है | हम दोनों भाई है, लेकिन उसने इन्डिया छोड़ दिया तब से मेरा उससे कोई नाता नहीं रहा और सम्पर्क भी नहीं रहा| मुझे सिर्फ मीडिया के जरिए ही उसके बारे में जानकारी मिलती है|‘

अहेसान मलिक इनामदार को कह रहा था|

‘तो फिर उसने क्यों दिलनवाझ पर दबाव डाला था कि मेरे भाई की प्रोडक्शन कम्पनी के साथ पाँच फिल्मों का कोंट्रेक्ट साइन कर ले?’

‘मुझे इस बारे में कुछ पता नहीं| दिलनवाझ के साथ मेरी सालों पुरानी दोस्ती है और मैंने कभी उसके साथ की दोस्ती का लाभ लेने की कोशिश नहीं की| दिलनवाझ को मुझ से कोई दिक्क्त होती तो वह क्यों मुझे अपनी पार्टी में आमंत्रित करता?’

‘कई आमंत्रितों ने स्टेट्मेंट में कहा है कि दिलनवाझ गैलरी में से गायब है यह बात पता चलने से पहले अहेसान मलिक और रोशनी रौतेला हॉल में गये थे|‘

‘हा, मैं और रोशनी तब रेस्ट रुम का उपयोग करने के लिए गये थे लेकिन इससे यह साबित नहीं होता कि मैंने उसका मर्डर कर दिया| मैं चाहता कि दिलनवाझ की हत्या हो जाए तो उसे बचाता ही क्यों? शैली सागर ने दिलनवाझ पर पिस्तौल तान कर गोली चला दी थी मैं अगर शैली का हाथ उँचा नहीं करता तो गोली दिलनवाझ को भेद गई होती| दिलनवाझ को बचाने के कुछ समय बाद ही मैं उसका मर्डर करने का जोखिम क्यों उठाऊँगा? तभी मरने देता न?’ अहेसान ने दलील की|

......................

‘दिलनवाझ ने तुम्हें फिल्म से बाहर करने के लिए आकाश महेरा से कहा था इसलिए तुम्हें दिलनवाझ पर गुस्सा था, सही है न?’

सिनियर इंस्पेक्टर इनामदार ने रोशनी से पूछा|

‘मुझे जरुर बुरा लगा था लेकिन सिर्फ इतनी सी बात के लिए मैं मर्डर करने की हद तक तो नहीं जाऊंगी न?’ रोशनी ने सामने सवाल किया|

इनामदार रोशनी की पूछताछ कर रहे थे तभी उसके मोबाइल फोन की रिंग बजी| उन्होंने कॉल रिसिव किया| सामने छौर से कहे गए शब्दों को सुनकर उसका दिमाग चकरा गया|

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