बात एक रात की
Aashu Patel
अनुवाद: डॉ. पारुल आर. खांट
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शैली सागर ने फुर्ती के साथ पिस्तौल निकाली और सेफ्टी केच खोलते हुए दिलनवाझ पर तान दी| दिलनवाझ, आकाश मेहरा, उसका भाई आनंद और दिलनवाझ की पत्नी हीना, अमन कपूर और उसका ‘गे’ पार्टनर एक्टर तपन त्रिपाठी कर्तव्यविमूढ़ होकर देख रहे थे| शैली ने तेज आवाज में दिलनवाझ को गाली दी थी| थोड़ी दूर खड़े सब का ध्यान शैली और दिलनवाझ की ओर गया था| शैली पिस्तौल निकालकर सेफ्टी कैच खोल रही थी उसी वक्त दूर खड़ा एहसान मलिक उसकी तरफ पहुंच गया| शैली ट्रिगर दबा रही थी तभी अहेसान ने उसका हाथ उँचा कर दिया था इसलिए गोली हवा में उपर की ओर जाकर नष्ट हो गई| दिलनवाझ बाल - बाल बच गया|
शैली ने पिस्तौल तानी तब दिलनवाझ डर गया था, लेकिन अहेसान ने उसे बचाया तो सांस में सांस आई| उसने फिर से शैली को गाली दी: ‘यु बीच, हाउ डेर यु?’
तब तक एम.एल.ए. इश्तियाक अहमद और एनकाउंटर स्पेशियालिस्ट प्रशांत पाटणकर भी वहाँ पहुंच गये|
इस दौरान अहेसान मलिक ने शैली का हाथ मरोडकर उसके हाथ से पिस्तौल छीन ली| पाटणकर ने अहेसान की ओर हाथ बढ़ाकर शैली की पिस्तौल अपने कब्जे में ले ली|
शैली अभी भी चीख रही थी: ‘आई विल किल यु बास्टर्ड |’
सब ने उसे शांत कर ने की कोशिश की|
दूसरी ओर दिलनवाझ भी शैली को गालियाँ दे रहा था|
दिलनवाझ की पत्नी हीना इतनी हतप्रभ थी कि उसे कुछ बोलने का होश नहीं था| दिलनवाझ ने शैली के साथ सेक्स्युअल सम्बन्धों की बात उजागर कर के हीना को शर्मजनक स्थिति में डाल दिया था|
थोड़े दिन से दिलनवाझ से नजदीकी बनाने वाली एस्पायरिंग एक्ट्रेस प्रिया प्रधान भी अवाक बनकर ये तमाशा देख रही थी| दिलनवाझ और शैली का झगडा शुरु हुआ तब प्रिया शैली के एकदम पास में थी, लेकिन शैली ने पिस्तौल निकाली तब उसे रोकने के लिए वह कोई प्रतिक्रिया नहीं कर पाई|
अहेसान मलिक के साथ आई रोशनी भी ये तमाशा देख रही थी| उसने अहेसान को शैली की ओर बढ़ते और फिर उसका पिस्तौल वाला हाथ उँठाकर दिलनवाझ को जब बचाते देखा तब अहेसान पर गुस्सा उभर आया| उसे लगा कि अहेसान ने दिलनवाझ को बचाया ही क्यूँ? वह हिरोइन बनने के लिए संघर्ष कर रही थी इस दौरान रोशनी की दिलनवाझ के साथ मुलाकात हुई थी और दिलनवाझ के साथ उसके सेक्स्युअल रिलेशन्स भी बंधे थे, लेकिन उसे कभी दिलनवाझ व्यक्ति के रुप में पसंद नहीं आया था| जब दिलनवाझ ने उसकी फिल्म को लटका दी थी तब उसके मन में उसके प्रति कड़वाहट पैदा हो गई थी | और जब आकाश महेरा ने उसे कहा कि दिलनवाझ ने शर्त रखी है कि रोशनी को फिल्म से हटा देंगे तो ही फिल्म पूरी करुंगा| इसके बाद उसके मन में दिलनवाझ के प्रति नफरत पैदा हो गई थी| शैली ने दिलनवाझ के सामने पिस्तौल तान दी तब रोशनी के मन में आनंद की लहर दौड़ गई थी, लेकिन दूसरे ही पल अहेसान ने शैली का हाथ उँचाकर दिया और गोली दिलनवाझ को लगने की बजाय हवा में नष्ट हो गई|
उस वक्त रोशनी रौतेला जैसी ही भाव-भंगिमा आकाश महेरा भी अनुभव कर रहा था| उसे भी अहेसान पर मन ही मन गुस्सा आ गया था| अपने मन में चल रहे विचार चेहरे पर दिखाई दे नहीं इसलिए उसे कोशिश करनी पडी थी| महेरा अभी तक भूल नहीं पाया था कि दिलनवाझ ने उसकी फिल्म को लटका दी थी और उसकी वजह से आनंद ने सुसाइड की कोशिश की थी| वह ये भी नहीं भूल पाया था कि उसने दिलनवाझ को बॉलीवुड में हीरो के रुप में ब्रेक दिलाया था ये भूलकर दिलनवाझ उसके साथ तुच्छकार से बर्ताव कर रहा था| दिलनवाझ की वजह से ही उसने अहेसान मलिक और उसके डॉन भाई सैयद मलिक की मदद लेनी पड़ी थी और इसके बदले में अहेसान को फिल्म के प्रॉफिट से करोड़ों रुपये देने की नौबत आई थी|
हालांकि आकाश महेरा के भाई आनंद के मन में महेरा जैसी भाव- भंगिमा नहीं थी| शैली ने दिलनवाझ की ओर पिस्तौल तान दी तब आनंद टेन्स हो गया था और अहेसान ने दिलनवाझ को बचा लिया तब उसकी साँस में साँस आई थी| दिलनवाझ ने आनंद की बतौर डिरेक्टर की पहली फिल्म लटका दी थी तब उसके मन में भी दिलनवाझ के प्रति आक्रोश पैदा हुआ था| वह डिप्रेशन में था तब उसका एक दिन भी ऐसा नहीं गया था कि दिलनवाझ को बददुआ न दी हो| हालांकि दिलनवाझ ने उसकी फिल्म को पूरी कर दी तब उसके मन से खुन्नस निकल गया था क्योंकि उसकी फिल्म रिलीझ हुई थी और सुपरहिट हुई थी| दिलनवाझ की वजह से वह सफल डिरेक्टर की यादी में आ गया था| अब वह दिलनवाझ के साथ ज्यादा फिल्मे बनाना चाहता था|
अहेसान मलिक ने शैली के हाथ से पिस्तौल छीन ली तभी दूसरी सेकेंड एम.एल.ए. इश्तियाक अहमद और एनकाउंटर स्पेशियालिस्ट प्रशांत पाटणकर पहुंच गये| ये दोनों भी मनोमन अफसोस मना रहे थे| दिलनवाझ की वझह से इश्तियाक अहमद को नोर्थ- सेन्ट्रल बम्बई की लोकसभा सीट की टिकट से हाथ धोना पड़ा था| एम.एल.ए. से एम.पी. बनने का उसका सपना दिलनवाझ की वजह से नष्ट हो गया था| अभी शैली सागर ने उसे गोली मार दी होती तो लोकसभा की सीट के लिए फिर से चुनाव आयोजित होता और वह टिकट प्राप्त कर के संसद सभ्य हो जाता| अहेसान मलिक इश्तियाक का पुराना दोस्त था, लेकिन अभी उसे अहेसान मलिक पर गुस्सा आ रहा था कि क्या जरुरत थी इस तरह रक्षक बनने की?
एनकाउंटर स्पेशियालिस्ट प्रशांत पाटणकर के मन में भी ऐसे ही खयाल चल रहे थे| दिलनवाझ मर जाता तो उसके लिए भी काफी मुश्किलें हल हो जाती| दिलनवाझ ने उसे ब्लेक में दिये पैसे पर उसका हक हो जाता और वाइट अमाउंट वापस लौटाने के लिए वह हीना से वक्त की मांग कर सकता था|
इस दौरान दिलनवाझ का दोस्त कम पार्टनर अमन कपूर दिलनवाझ को समझाने की कोशिश कर रहा था| दिलनवाझ एनकाउंटर स्पेशियालिस्ट प्रशांत पाटणकर को कह रहा था कि, ‘अरेस्ट ध बीच| शी ट्राइड टु किल मी|’
अमन ने दिलनवाझ का हाथ पकड़कर कहा, ‘कूल डाउन| तुम्हें भी मिसबिहेव नहीं करना चाहिए था शैली के साथ| यु शुड से सोरी टु हर|‘
‘सोरी? माय फूट| अब तुझे शैली में दिलचस्पी हो रही है साले| तु तो ‘गे’ है तो तुजे कहाँ से भा गई कि अब तु उसकी वकालत करने लगा|’ दिलनवाझ ने अमन का हाथ झिड़कते हुए कहा|
‘कंट्रोल योर सेल्फ|‘ अमन को गुस्सा आ रहा था|
इसके कुछ देर बाद फिर से हंगामा हो गया और एक अनएक्स्पेक्टेड व्यक्ति दिलनवाझ का मर्डर करने के लिए तैयार हो गई|
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