चुड़ैल वाला मोड़ - 18 - अंतिम भाग VIKAS BHANTI द्वारा डरावनी कहानी में हिंदी पीडीएफ

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चुड़ैल वाला मोड़ - 18 - अंतिम भाग

लड़की ने नज़रें उठाईं और संकेत की तरफ देखते हुए बोली,"अस्मि महाजन" ।

"और तुम्हारी दीदी का नाम रश्मि महाजन ।" संकेत का नाम लेना ही था कि कमरे के एक कोने में एक परछाई सी बन उठी । पर संकेत चुप नहीं हुआ," अस्मि तुम्हारी दीदी अब इस दुनिया में नहीं हैं और उनका कातिल तुम्हारे सामने है ।" सुशान्त की तरफ इशारा करते हुए संकेत बोला ।

सुशान्त भौचक्का रह गया," झूठ है ये.... क्या बकवास है.... सब झूठ है ये ।" सुशान्त सहमी पर ज़ोरदार आवाज़ में चिल्ला रहा था ।

"झूठ मत बोलो सुशान्त, तुमको रश्मि की कसम....और अगर वो भी न मानो तो तुमको सोनम की कसम...." संकेत भी उतनी ही तेज़ आवाज़ में चिल्लाया ।

कमरे में सुशान्त के रोने की आवाज़ें गून्जने लगीं । सब बस चुपचाप खड़े ये तमाशा देख रहे थे । कुछ देर लगी सुशान्त को चुप होने में ।

"अब तुम खुद ही बता दो कि पूरा माजरा क्या है ?संकेत सुशान्त से बोला ।

" इन सबके पीछे सिर्फ एक कारण है और वो ये कि मैं अपनी बहन से बहुत प्यार करता हूँ । आज से 5 महीने पहले मैंने सोनम की डायरी पढ़ी । आज तक उसे जो चाहिए हुआ मैंने दिया । डायरी से पता चला कि मेरी बहन तुमको पसंद करती
है संकेत । मुझे मालूम था कि रेनू की कसम ली है तुमने, शादी करने की इच्छा है नहीं तुमको । मैं तुमसे बात करने का रास्ता तलाशने लगा कि एक दिन मेरी नज़र उसी औघड़ पर पड़ी और मेरे मन में एक आईडिया पैदा होने लगा । मैंने रश्मि से बात करी और वो तैयार हो गई । मैं सिंगापुर भी नहीं गया था, प्लान बस थोड़ा सा इतना था कि तुमको ऐसा डराया जाए कि तुम औघड़ की बात तुम मान जाओ । चुड़ैल वाला एम्बिएन्स बनाया, रश्मि का परफ्यूम वो रीज़न था जिसकी वजह से तुझे खुमारी चढ़ी और एक्सीडेंट हुआ पर दांव थोड़ा गलत हो गया । रश्मि का पर्स एक एयर बैग था, मुझे पता था तेरी गाडी़ सिंगल एयर बैग वाली है तो उसे ऐसा पर्स दिया जो पोर्टेबल एयर बैग था पर बैग फट गया । मैं जब तक वहां पहुंचा रश्मि का बहुत खून बह चुका था । उसे निकाला वहां से, गेट खोलने की कोशिश की नहीं खुला तो लात मार मार कर खोलना पड़ा । तेरे पापा को डाउट हो गया था, ये तो अच्छा था कि सोनम को लेकर मैं ठीक वक़्त पर आया और बात आई गई हो गई । तू मर भी जाता तो मुझे उतना फर्क नहीं पड़ता पर मरी मेरी रश्मि, खुद को दोषी मानते हुए मैंने सुसाइड अटेम्प्ट किया पर बच गया । जब किस्मत ने बचाया तो मैं फिर से लग गया अपने टारगेट में । तुमको डरा डरा कर यकीन दिलाना था कि चुड़ैल का ही असर है और फिर लास्ट मोहरा था मेरा, वो औघड़, उसे आकर केवल इतना बोलना था कि चुड़ैल के प्रकोप से बचने का एक ही तरीका है तेरी सोनम से शादी । सब सही जा रहा था कि पता नहीं कब, कैसे और क्यों पासा पलट गया ।"

सोनम शॉक से देख रही थी सुशान्त को और अस्मि की आँखों से आंसू बह बहे जा रहे थे ।

"कहानी क्या है वो तो मुझे तब ही समझ आ गई जब अनिवेश ने तुमको पहचाना । अंगूठी खरीदी तो अनिवेश ने पर उसके मालिक तुम थे । पर समझ यह नही आया कि ऐसा किया क्यों गया और वो सारे जादू कैसे किये तूने ?" संकेत ने पूछा ।

"मैं और अनिवेश सेम कंपनी में थे । टूर पर तमिलनाडु गए थे । एक हीरे की अंगूठी बहुत अच्छी लगी मुझे । मेरे पास उस टाइम पैन कार्ड नहीं था और अमाउंट लिमिट से ज्यादा था तो बिलिंग अनिवेश के नाम पर कराई और जादू नहीं टोटल साइंस थी । पहला जादू तेरी गाडी़ उसी मोड़ पर बंद होना, काम किया सेल्फ डिसॉल्व मेम्ब्रेन के गुब्बारे ने । गुब्बारे में भरा हुआ पानी । भारी गुब्बारा फ्यूल आउट लेट पर आया और आधा घंटा यानी वो टाइम जब तू उसी मोड़ पर पहुंचा मेम्ब्रेन गल गई और इंजन में पानी पहुँच गया । तो गाडी़ बंद होने का जादू ऐसे हुआ ।"

"घड़ी 12 बज कर 12 मिनट पर तूने खराब की थी । अच्छा वो खून से लिखा आई एम बैक के पीछे क्या राज़?" संकेत बोला ।

"फेनोल और कैल्शियम हाइड्रोआक्साइड का टाइट्रेशन... कैल्शियम हाइड्रोआक्साइड से लिखा हुआ था आई एम बैक और बोतल में था फेनोल । मैंने जान बूझ कर बोतल पर टायर चढ़ाया और रिएक्शन ने लाल रंग का खून बना दिया ।

" अच्छा वो कांच कैसे फ़ोड़ा?" संकेत का अगला सवाल था ।

"स्पेशली डिज़ाइन्ड कांच का बॉम्ब जो मौका पाकर मैंने उस खिड़की पर तब ही चिपका दिया था जब सोनम को तेरे घर लाया था एंड वो बॉम्ब एक्टिविटी फील कर फट जाता है और क्योंकि खुद कांच से बना था तो तुम ढूंढ भी नहीं पाये । फिर मलेशिया का बहाना मार मैं यहीं रुका और रात दिन किसी तरह से तुमको डराता रहा । कभी आंटी फंसी कभी तुम ।"

"मेरे बाथरूम में भी तुम थे क्या भाई?" सोनम ने बात को बीच में काटा ।

"नहीं तो...बाथरूम में क्या हुआ?" सुशान्त अचरज से बोला ।

"और वो आंधी.....वो कैसे बनाई?" संकेत ने तफ्तीश को आगे बढ़ाया ।

"न मैं सोनम के बाथरूम में था और न मैंने कोई आंधी लाई । आई डोंट नो ऐनी थिंग अबाउट दिस ।" सुशान्त ने ज़वाब दिया ।

"तो फिर इसके पीछे कौन था ।" संकेत बोला ।

तभी उस कमरे में गुबार सा उठने लगा । दो तरफ एक रौशनी सी उठी । संकेत ने कमरे के एक कोने में रश्मि को देखा और दूसरी तरफ रेनू को और ऐसी ज़ोरदार आग उठी कि सबकी आँखे बंद हो गईं । रौशनी में सुशान्त की चीखें गूँज रहीं थीं । विज़न नोर्मल हुआ तो देखा कि सुशान्त धू धू कर आग में जल रहा है । हर किसी ने उसे बचाने की कोशिश की पर वो बच नहीं पाया ।

आज सुशान्त को गुज़रे 13 दिन हो चुके थे । सुशान्त की आखिरी यादें सोनम हाथ में लिए संकेत के कंधे पर सर रख कर बैठी थी । सोनम बोली,"रश्मि और भैया का सीन तो समझ आया पर रेनू का कुछ समझ नहीं आया ।

जवाब संकेत के पास भी नहीं था उसने अपना मोबाइल खोला और उसका ध्यान 14 दिन पहले आये 3 जीबी के उस व्हाट्सएप पर गया । संकेत ने मेसेज खोला । पहली फोटो 2 प्रेमियों की और फिर अगली उसी फोटो पर संकेत का चेहरा । तीसरी उन्ही अनजान चेहरों की और फिर उसी फोटो पर चस्पी संकेत की सूरत । ऐसी ही फोटो शॉप्ड पिक्चर्स का बड़ा कलेक्शन हर तस्वीर पर लगभग उसी वक़्त की तारीखें पड़ी थीं जब रेनू ने इस दुनिया को अलविदा कहा था और फिर एक एडिटेड वीडियो जो शायद वही बेवफाई थी जिसकी वजह से रेनू ने अपनी जान दे दी और जिसकी जानकारी संकेत को भी नहीं थी । संकेत का मन गुस्से से भर उठा । उसने पलट के वो नंबर मिला दिया ।

"रिंग का साउंड तो अंदर से आ रहा है ।" संकेत ने अपने घर में बजती फ़ोन की घंटी सुनी । जो सोफे के ठीक नीचे से आ रही थी । संकेत ने झुक कर फ़ोन निकाला । फ़ोन घर के किसी मेंबर का नहीं था । जैसे ही संकेत ने फ़ोन हाथ में लिया सोनम ज़ोर से चीखी,"ओह माय गॉड संकेत ये तो भैया का मोबाइल है ।"

संकेत सन्न था कि उसका सबसे सगा दोस्त उसके साथ ऐसा कर सकता था ।

"पर भैया ने ये वीडियो आपको क्यों भेजे?" सोनम की समझ में कुछ आ नहीं रहा था ।

तभी सोनम और संकेत दोनों ने कमरे के एक कोने में खड़ी रेनू को देखा । वो मुस्कुरा रही थी । उसके चेहरे पर असीम सी शान्ति थी और फिर वो गायब हो गई ।

संकेत ने सोनम की तरफ देखा और बोला,"विल यू मैरी मी?"
सोनम ने नज़रें झुकाईं और उसके मुंह से निकला,"यस आई विल।"

THE END