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बिदाई



मैने-जमाने ने भी देखा था।
सुर्खलाल रंग, तेरी आँखों का,
आसु अपनो से बीछडने के थे,
या फिर ....... पता नही ?

वक्त विदाई का-
एक लडका उम्र 23 रही होगी, भीड को चीरता आगे बढ रहा था। बाल बीखरे हुए, शायद शहेरा नीकालने की वजह से। ब्लू जीन्स-वाइट सर्ट और ग्रे कोटी मे जच रहा था। लेकीन चलते हुए कुछ लडखडा रहा था। उसके जुतो की छुटी लेस के कारण या फिर हाथ मे थमी बोतल कारण।
मुझे पता नही, मगर नजदीक से देखा तो लीखा था- रोयल स्टेग।
एक बार तो नीचे गीर भी गया, लोगोने उठाया। कलाई पर स्टाईलीस कीचन और टेटुस देखकर लडका कमाल लगा।
मै उसके पास पहुचा, वह अपनी धून मे कुछ बडबडा रहा था।
मैने कहा, क्या बात है भाई ?
उसने मेरी ओर देखा, फिर सर जुका दीया। मै अभी, फिर से उसे पुछने वाला ही था कि, उसने फिर से अपना सर उठाया और बोला- कुत्ती, कमीनी, गधी, साली मनसुख्या की खच्चर, बेवफा बेवडी, सुट्टेबाज। यह सब सुनते ही मै दंग रह गया। मेने बोला- वो वो।। पहले तो लगा यह सब मेरे लीए है।
लेकीन ये मनसुखीया कौन है ?
फिर दीमाग की बत्ती जली। शादी मे लडकी के बाप का नाम मनसुख भाई है।
- इस तरफ शादी हो चुकी थी। दुल्हन डोलीमे बैठ चुकी थी। सब भरत, कौशल्या, दशरथ मीलाप हो चुका।
- मैने कहा भाई रहने दे, सब हो चुका। वो कहने लगा, हम 'बापु' है। अगर मुझसे शादी ना हुई, तो कही और भी नही होने दुंगा। वो सिर्फ मेरी प्रोपरटी है। "आ गुज्जु भाई नो माल छे"
मुझे उसकी बातो से, उस लड़की के लिए प्यार तो बीलकुल भी ना दीखा।
लेकीन अपने को क्या ?
अपन इन सब बातो से दुर रहते है।
वह गाली नीकालता डोली की और बढा। डोली के आसपास दस-बीस लोग चुपचाप खडे देख रहे थे। वह लडका अपने नशे मे चला जा रहा था।
उसकी नजर डोली पर पडी- वह तुरंत डोलीके पास पहुचा और फिर जुका।
पडदा उठाते हुए बोला- साली बैव........फा और क्या देखता है ?
एक सुंदर सजी हुई दुल्हन। बाकी दीनो से, आज कुछ अलग लग रही थी। सबसे हटकर, क्यु न हो। आज उसकी शादी है। पर वो बात नहीं थी। वो दुल्हनसे भी अलग लग रही थी। वह बीलकुल वैसी थी, जैसी मुझे सपनो मे परीया दीखा करती थी।
पर उसे देखते ही वो लड़का वही जम गया।
मुझे भी देखने की उ्तसुकता हुई।भीड़ को चीरता मै आगे बढ़ा। और क्या देखता हूं ?
दुल्हन के मुख से झाग नीकल रहा है। पास मे पडा ढक्कन, अभी भी हील रहा है। और दुल्हन के हाथमे थमी बोतल, उस पर लीखा हुआ- रेट पोइझन।
मैं सारा माजरा समजा गया।

और ये वाक्या दे गया मुझे, काफी सारे सवाल-
क्या यही महोब्बत होती है ?
उस लडकी की महोब्बत उस बेकार लडके से ?
या फिर उस लडकी का भरोसा महोब्बत पे ?
या फिर उसकी एक तरफा महोब्बत ?
या फिर मेरी आशिकी सीर्फ तुमसे ही ?

-रेरा

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