संकेत के कॉन्सेप्ट हिल गए थे सुशान्त की बातें सुन कर । कहानी जितनी आसान होनी चाहिए थी उतनी थी नहीं उसे तो बस इतना पता था कि एक चुड़ैल अपना बदला पूरा करने आई है पर कॉम्प्लिकेशन थे जो फंसते ही जा रहे थे ।
"रुक रुक.... तू रोना बंद कर पहले और मेरे हर सवाल का बिलकुल सही ज़वाब दे ।" संकेत ने रोते सुशान्त की हथेली पर अपना हाथ रखा , "कहाँ रहती है तेरी रश्मि?"
"करतारपुर की मठिया के पीछे........" सुशान्त ने ज़वाब दिया ।
"कब से जानता है तू उसे?" संकेत ने अगला सवाल दागा ।
"करीब 14 महीनों से......" सुशान्त बोला ।
"लास्ट कब मिला था उसे?" संकेत ने सवाल किया ।
"11 तारीख की शाम को उसे घर छोड़ा था । 12 को तूने एयरपोर्ट छोड़ा और मैं सिंगापुर चला गया । लैंड करते ही तेरे एक्सीडेंट की खबर मिली । 7 दिन का काम 3 दिन में निबटा कर मैं इंडिया वापस आ गया । रश्मि हर रोज़ कॉल करती थी पर सिंगापुर के तीन दिनों में न तो उसका कॉल आया न लगा । 15 को वापस आते ही तेरे पास आ गया । हॉस्पिटल में ही रहा जब तक तुझे होश न आ गया । यहाँ से फ्री होकर रश्मि के घर गया तो ताला मिला । कुछ समझ नहीं आया संकेत कि क्या करूँ । 2 दिन उसके घर के बाहर बैठा रहा पर उसकी कोई खबर ही नहीं मिली । न जाने कहाँ चली गई मेरी रश्मि ।" सुशान्त ने पूरी घटना कह सुनाई ।
"कुछ बताना था तुझे सुशान्त......" संकेत हिचकिचाते हुए बोला ।
"क्या....बता...." सुशान्त बोला ।
"मुझे पता है बात अजीब है पर मेरे साथ हुई है तो कुछ सच झूठ तय नहीं कर सकता । 12 की रात जब तुझे एयरपोर्ट छोड़ के लौट रहा था तो वो चुड़ैल वाले मोड़ पर गाडी़ आटोमेटिकली रुक गई । वहां एक लड़की बैठी थी, डरावनी सी । मेरे लाख न चाहने के बावजूद मैंने उसे लिफ्ट दे दी । वो बहुत अजीब लग रही थी । मैं उसके बारे में सोच ही रहा था कि मेरी आँखें मुंद सी गईं और जब होश आया तो एक्सीडेंट हो चुका था । एक्सीडेंट के बाद वो लड़की ऐसे गायब हो गई जैसे कोई हवा । वो भूतनी थी या चुड़ैल मुझे नहीं पता पर उसकी कहानी हम दोनों से ज़रूर जुड़ी है, ऐसा लगता है मुझे ।"
"क्या बात कर रहा है । सब कोरी अफवाहें हैं उस मोड़ की । कोई पुख्ता सुबूत है तेरे पास ।"
"कोई सुबूत नहीं है क्योंकि वो किसी को ज़िंदा छोड़ती नहीं है ।" संकेत बोला ।
"तो तुझे कैसे छोड़ दिया ?" सुशान्त ने जिरह की टोन में बोला ।
"क्योंकि हम दोनों से बदला लेना है उसे । रश्मि के गायब होने के पीछे भी वो चुड़ैल ही जिम्मेदार है ।" संकेत बोला ।
"तू पागल हो गया है । चल अगर मान भी लें कि वो लिफ्ट लेने वाली लड़की चुड़ैल थी तो मुझसे उसका क्या मतलब या चल मैं तेरे साथ एक तरफ से बैठा तो मैं भी फंसा पर रश्मि तो कहीं होनी ही नहीं चाहिये स्टोरी में..... " सुशान्त बोला ।
"अबे स्टोरी इतनी सिंपल है नहीं जितनी लग रही है । 12 का श्राप अपना असर दिखा रहा है ।" संकेत ने कहा ।
"तू पगला गया है संकेत... तू बेहोश हो गया था तुझे कुछ पता भी नहीं कि कब तुझे हॉस्पिटल लाया गया और कब तेरा ऑपरेशन हुआ । हो सकता है लड़की होश में रही हो और निकल गई हो । पढ़ा लिखा होकर भूत चुड़ैल ......और ये चाचा की फालतू 12 के श्राप की बात पर यकीन करेगा । दोबारा ये सब बातें की तो कन्टाप पड़ेगा और सारी याद्दश्त सही हो जाएगी तुम्हारी ।" सुशान्त ने संकेत की श्राप वाली बात को सिरे से दरकिनार कर दिया था । उसे लगता था कि श्राप मिटाने में सुशान्त मदद करेगा उसकी पर ये चैप्टर क्लोज ही था अब जो करना था वो संकेत को अकेले ही करना था ।
PTO