पहला एस एम एस - 4 Lakshmi Narayan Panna द्वारा प्रेम कथाएँ में हिंदी पीडीएफ

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पहला एस एम एस - 4

भाग - 4

धीर ने राज को सही नम्बर नही बताया । न जाने किस लिए ? राज सोंचने लगा कहीं वह उसके और जेनी के सम्बंध में कुछ शक तो नही करता । इसीलिए सही नम्बर नही बताया । धीर ने भले ही राज को गलत नम्बर दिया परन्तु उसने बातों बातों में बताया था कि जेनी कहीं जॉब कर रही है । पता तो नही बताया लेकिन कार्यस्थल का नाम बताया था । एक समस्या थी कि हो सकता है यह जानकारी भी गलत हो । दूसरी समस्या यह कि दर्पण ने बताया उस नाम की शॉप और शिक्षण संस्थान दोनो हैं । पता करें तो कहाँ ? एक बात और कि शिक्षण संस्थान यहाँ से अधिक दूरी पर है जबकि उसी नाम की एक किचेन शॉप है जो नजदीक ही है ।

राज जानता था कि  जेनी को टीचिंग जॉब में रुचि नही थी, इसलिए सम्भवतः वह किचेन शॉप में ही काम करती होगी ।

दर्पण ने राज से कहा फिर तो चलें पता करते हैं । किचेन शॉप तो थोड़ी दूर पर ही है ।

राज- नही अभी समय अधिक हो गया, रात्रि के 9 बजने वाले हैं । अगर गए तो ज्यादा देर होगी फिर घर में लोग सवाल जबाब करेंगें । इसलिए अभी ठीक नही होगा ।

दर्पण-तो कल सुबह चलें ?

राज -भाई अभी तो छुट्टियाँ खत्म हो गईं हैं, इसलिए सुबह ही ट्रेन पकड़ कर वापस जाना है ।

दर्पण-फिर कैसे ढूँढोगे ? समय तो निकालना पड़ेगा ।

राज- ऐसा करो यदि उधर जाना होगा तो एक बार पता कर लेना । किसी स्टाफ से पूछ लेना कि क्या जेनी नाम की लड़की वहाँ करती है ।

दर्पण ने कहा ठीक है मैं पता करके बताता हूँ। अगले दिन राज अपनी ड्यूटी पर वापस लौट गया । इस उम्मीद से की दर्पण जेनी का पता जरूर लगा लेगा ।

कुछ दिनों बाद राज ने दर्पण को कॉल किया। लेकिन अब क्या हुआ ?

दर्पण का मोबाइल स्विच ऑफ जा रहा था। राज ने कई बार ट्राई किया हर बार स्विच ऑफ। ऐसा कैसे हो सकता है दर्पण का मोबाइल स्विच ऑफ कैसे हो सकता है ? यह तो वही बात हुई कि "सिर मुड़ाते ही ओले पड़े"। जेनी तलाश अभी खत्म भी नही हुई थी ।

उसने सोंचा शायद वह कहीं ऐसी जगह गया होगा जहाँ नेटवर्क प्रॉब्लम होगी इसलिए ऐसा हो रहा है। फिर एक दिन दर्पण के नम्बर पर  कॉल गई परन्तु रिसीव नही हुई। दर्पण बार बार काल डिसकनेक्ट कर दे रहा था। राज सोंचने लगा कि आखिर ऐसा क्या हुआ, जो दर्पण उसका कॉल डिसकनेक्ट कर दे रहा है ? तब एक दिन राज ने दर्पण को मैसेज किया कि क्या बात हुई कि कही ज्यादा ब्यस्त है क्या जो कॉल रिसीव नही कर रहा ? अगले दर्पण ने राज को कॉल किया और बताया कि वह एक समस्या में फँस गया है इसलिए कुछ पता नही कर पाया । राज ने समस्या जाननी चाही परन्तु उसने कहा मिलने पर बताएगा । ज्यादा बात न कर पाने की बात कहकर कॉल डिसकनेक्ट कर दिया ।

राज ने सोंच अब पुनः छुट्टी लेकर जाना ही पड़ेगा तभी कुछ होगा और यह भी जानना है कि दर्पण किस मुसीबत में फँस गया ।

राज छुट्टी लेकर लखनऊ पहुँचा और दर्पण को कॉल करके मिलने को बुलाया । मिलने पर दर्पण ने बताया कि वह बहुत बड़ी मुसीबत में फँस गया है । अब वह राज की कोई मदद नही कर पायेगा ।

राज ने कहा बताओगे तो कि कौन सी मुसीबत है। बहुत पूछने पर दर्पण ने कहा भाई यह लड़की का चक्कर छोड़ दो मैं इसमें तुम्हारी कोई मदद नही कर सकता। राज ने कहा आखिर हुआ क्या है?  क्या उससे मिले हो, और उसने कुछ कहा है ?

दर्पण-नही उससे नही मिला । बात यह है कि कुछ महीने पहले एक महिला मेरी दुकान पर आई थी, उसने रिक्वेस्ट की कि उसको कहीं कोई काम बताऊँ । मैंने सोंचा कि परेशान है बेचारी तो मदद कर दूँ । इसलिए उससे कहा ठीक है कोई काम मिलेगा तो बताऊंगा । वैसे तुम किस तरह का काम खोज रही हो ? तब उसने बताया कि कोई घरेलू कामकाज, मैं पढ़ी लिखी तो हूँ नही । मैंने कहा ठीक है कहीं काम होगा तो बताउंगा ।

राज -तो इसमें मुसीबत क्या हुई ?

दर्पण - दरअसल एक डेढ़ महीने पहले मेरी दुकान पर जो दीदी रहती हैं उनको घर में काम करने के लिए किसी महिला जरूरत थी । जब उन्होंने बताया तो मैंने उसे महिला को उनके घर काम पर लगवा दिया ।

अभी कुछ दिन पहले मेरे पास थाने से कॉल आई, और थाने पर बुलाया गया। जब मैं थाने गया तो पुलिस वाले कहने लगे तुम एक महिला को भगा ले गए हो, उसको कहाँ रखा है ?

पहले तो मैं समझ नही पा रहा था फिर जब पुलिस वालों ने डिटेल बताई तो मैंने सब कुछ विस्तार से बताया कि क्या हुआ था, लेकिन वे मनाने तैयार नही थे । मैं उनको दीदी के घर लाया और उस महिला से मिलाया, पुलिस उस महिला को अपने साथ लेकर चली गई और मुझे अगले दिन थाने पर बुलाया ।

राज-तो उस महिला ने सच नही बताया क्या, और पुलिस को कैसे पता चला कि तुम उस महिला से मिले हो ?

दर्पण -काम के सिलसिले में उसने मुझे कई बार कॉल किया था, उसके फोन की कॉल डिटेल देखकर शक के आधार पर मुझ तक पहुंच गए । घर पर तो उसने सच ही बताया लेकिन थाने जाने के बाद अगले दिन वह महिला अपने बयान से पलट गई । उसने पुलिस को बताया कि उसे जबदस्ती ले जाया गया था ।

राज- ओह! यार वाकई बहुत बड़ी मुसीबत है । ऐसा करो कोई वकील पकड़ लो ऐसे तो वह फँसा देगी ।

दर्पण-इसीलिए अब डर लगने लगा है ।

राज - डरो नही मेरा एक दोस्त वकील है तुम उससे बात कर लो और अपना बयान बिल्कुल भी बदलना नही । पुलिस के बुलाने पर छुपने की कोशिश मत करना । नही तो शक बढ़ जाएगा । वकील के जरिए कुछ दे ले के बात करो। जब पुलिस उस महिला पर शख्ती करेगी तभी वह सच बोलेगी । पुलिस बिना लिए दिए तुम्हारे पक्ष में कुछ नही करेगी और महिला का पक्ष वैसे भी मजबूत होता है ।

दर्पण-हाँ ऐसा ही करूँगा । पहले कुछ लोगों के कहने पर इधर उधर भाग रहा था, इसलिए पुलिस अभी भी ढूंढ रही है ।

राज -अब ज्यादा भागो नही, जल्द से जल्द वकील करके बात करो नही तो पुलिस तुम पर केस बना देगी ।

ठीक है तुम अपना मामला देखो और कोई जरूरत पड़े तो बताना ।

इसके बाद दर्पण चला गया । राज ने सोंचा अब क्यों न उस शॉप में पता किया जाए जहाँ जेनी के मिलने की संभावना है ।